सरकार समय-समय पर सरकारी आदेश, प्रस्ताव अथवा निर्णय समाचार-पत्रों में प्रकाशित करने के लिए भेजती है। इसे ही प्रेस-विज्ञप्ति कहा जाता है।
प्रेस-विज्ञप्ति आमतौर पर सरकारी केन्द्रीय कार्यालय से प्रसारित होती है और इसकी शब्दावली एवं शैली निश्चित होती है। समाचार-पत्र का सम्पादक 'प्रेस-विज्ञप्ति' में किसी प्रकार की काट-छाँट नहीं कर सकता। प्रेस-विज्ञप्ति में कभी-कभी यह भी लिखा जाता है कि इसे किस तिथि तक प्रकाशित करना है। समय से पूर्व इसका प्रकाशन नहीं किया जाता।
प्रेस-विज्ञप्ति का अपना एक शीर्षक होता है, इसमें सम्बोधन नहीं लिखा जाता। इसके अन्त में नीचे बायीं ओर हस्ताक्षर तथा पदनाम लिखा जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रेस-विज्ञप्ति को सीधे समाचार-पत्र कार्यालय में न भेजकर सूचना अधिकारी के पास भेजा जाता है।
प्रेस-विज्ञप्ति के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
(1) भारत सरकार के विदेश मन्त्रालय की ओर से भारत और ट्रिनिडाड-टोबैगो के मध्य राजनयिक सम्बन्ध स्थापित करने के सम्बन्ध में प्रेस-विज्ञप्ति जारी कीजिए।
प्रेस विज्ञप्ति
..................................... दिनांक 28 अप्रैल, 20XX
भारत और ट्रिनिडाड-टोबैगो के मध्य राजनयिक सम्बन्ध
भारत सरकार और त्रिनिडा-टोबैगो सरकार इस बात पर सहमत हो गई है कि दोनों सरकारों के दूतावासों के स्तर पर मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित किए जाएँ। इस व्यवस्था से यह आशा की जाती है कि दोनों देशों में परस्पर सम्बन्ध और भी अधिक सुदृढ़ हो जाएँगे, जो दोनों के लिए लाभकारी होंगे।
(मुख्य सूचना अधिकारी, प्रेस सूचना ब्यूरो, नई दिल्ली के पास विज्ञप्ति जारी करने तथा इसे विस्तृत रूप से प्रसारित करने के लिए प्रेषित)
.....................................हस्ताक्षर .......
...................................... संयुक्त सचिव
...................................... विदेश मन्त्रालय,
.......................................भारत सरकार,
(2) भारत सरकार के गृह मन्त्रालय की ओर से भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद पर समझौता हो जाने हेतु प्रेस-विज्ञप्ति जारी कीजिए।
प्रेस विज्ञप्ति
..................................दिनांक 23 मार्च, 20XX
भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद पर समझौता
भारत और चीन के बीच वर्षों से चले आ रहे सीमा-विवाद पर समझौता हो चुका है। समझौते पर दोनों देशों के प्रधानमन्त्रियों ने सहमति स्वरूप हस्ताक्षर कर इसे लागू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी हैं। सीमा-रेखा के निर्धारण के लिए विवादग्रस्त क्षेत्र के मध्य भाग को सीमा-रेखा मानकर दोनों देशों को मान्य समाधान स्वीकार किया गया है।
(मुख्य सूचना अधिकारी, प्रेस सूचना ब्यूरो, नई दिल्ली के पास विज्ञप्ति जारी करने तथा इसे विस्तृत रूप से प्रसारित करने के लिए प्रेषित।)
..........................................हस्ताक्षर.....
...........................................सचिव
...........................................भारत सरकार
............................................गृह मन्त्रालय
............................................नई दिल्ली।
(3) भारत सरकार के संचार मन्त्रालय की ओर से कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों की शर्ते की प्रेस-विज्ञप्ति जारी कीजिए।
प्रेस-विज्ञप्ति
.............................................दिनांक 16 जुलाई, 20XX
कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों की शर्तों की बाबत
भारत सरकार ने महानिदेशक, डाक और तार के प्रार्थना-पत्र पर डाक-तार कर्मचारियों के वेतन और उनकी सेवा-शर्तों पर विचार करने के लिए तुरन्त एक जाँच आयोग के गठन का निश्चय किया है। इस आयोग के सदस्यों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएँगे। इसमें डाक-तार विभाग के दो प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएँगे।
आयोग के विचारार्थ विषयों में विशेषतः इन कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के बारे में, दिन-प्रतिदिन बढ़ती महँगाई को ध्यान में रखते हुए, सरकार को सलाह दी जाएगी। आयोग निम्न वर्ग के कर्मचारियों की प्रोन्नति की अन्य समस्याओं पर भी विचार करेगा।
(मुख्य सूचना अधिकारी, प्रेस सूचना ब्यूरो, नई दिल्ली के पास विज्ञप्तिजारी करने तथा इसे विस्तृत रूप से प्रसारित करने के लिए प्रेषित।)
............................................हस्ताक्षर......
........................................... उप-सचिव
............................................भारत सरकार
............................................संचार मन्त्रालय
............................................नई दिल्ली।
निविदा का शाब्दिक अर्थ है, आवश्यक रकम लेकर वांछित वस्तुएँ जुटा देने या काम पूरा करने का लिखित वादा देना। निविदा को अंग्रेजी में Tender (टेण्डर) कहते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि किसी निर्माण कार्य, जैसे- कार्यालय भवन, निम्न आय वर्ग के लिए क्वार्टर, मध्यम आय वर्ग या उच्च आय वर्ग के लिए फ्लैट, किसी सड़क, ट्रॉली, डिब्बे आदि के निर्माण के लिए मोहरबन्द निर्धारित प्रपत्र पर जो आवेदन आमन्त्रित किए जाते हैं, वही 'निविदा' कहलाती है।
निविदा सम्बन्धी पत्रों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
(1) संसद निर्माण वैद्युत मण्डल की ओर से डीलरों को आवेदन के साथ डीलरशिप सर्टिफिकेट जमा करने हेतु निविदा आमन्त्रण सूचना लिखिए।
................................दिनांक 22 मार्च, 20XX
निविदा आमन्त्रण सूचना
भारत के राष्ट्रपति की ओर से कार्यपालक अभियन्ता (वै.) संसद निर्माण वैद्युत मण्डल-2, के. लो. नि. वि., विद्युत भवन, शंकर मार्केट, नई दिल्ली-01 द्वारा फिलिप्स/हैलोनिक्स/विप्रो/क्रॉंम्प्टन/सूर्या/बजाज/वेंचर/जीई/मेक सीएफएल लैम्प, एमएच लैम्प, एमएच/एचपीएसवी चोक एवं पीएलएल ट्यूब के निर्माताओं अथवा उनके अधिकृत डीलरों से मुहरबन्द लिफाफों में निविदाएँ आमन्त्रित की जाती हैं। अधिकृत डीलरों को आवेदन के साथ अपना प्राधिकार पत्र/डीलरशिप सर्टिफिकेट आदि जमा कराना होगा। अन्यथा उनके आवेदन तत्काल निरस्त कर दिए जाएँगे।
कार्य का नाम | कार्य का नाम : स्टॉक (सबहैड:सीएफएल लैम्प, एमएच लैम्प, एमएच/एचपी एसवी चोक तथा पीएल ट्यूब की आपूर्ति) |
अनुमानित लागत | 17,64, 703 |
धरोहर राशि | 35, 294 |
नियम व शर्ते सहित निविदा प्रपत्रों की कीमत | 500 |
नियमों व शर्तो सहित निविदा प्रपत्रों के निर्गमन हेतु आवेदन प्राप्ति की अन्तिम तिथि | 28.03.20XX, अपराह 3 : 00 बजे तक |
नियमों व शर्ते सहित निविदा प्रपत्रों के निर्गमन की तिथिि | 28.03.20XX, अपराह 4 : 00 बजे तक |
निविदा प्राप्ति की तिथि | 29.03.20XX, अपराह 3 : 00 बजे तक |
परिपूर्णन अवधि | एक माह |
(2) एयर फोर्स स्टेशन, दादरी में यू.जी. केबल बिछाने हेतु निविदा सूचना लिखिए।
................................. दिनांक 23 मार्च, 20XX
निविदा सूचना
कार्य का नाम : एयरफोर्स स्टेशन दादरी में 6.0 किमी यू.जी. केबल तथा 3.5 किमी ओ.
एफ.सी. की आपूर्ति करना, बिछाना, परीक्षक एवं प्रचालन आरम्भ करना।
परियोजना की लागत : 31,44, 107
धरोहर राशि : 1, 00,000
निविदा शुल्क : 100
परिपूर्ण अवधि : आपूर्ति आदेश प्रदान किए जाने की तिथि से 12 से 16 सप्ताह
निविदा दस्तावेजों की बिक्री की तिथि : 21.3.XX से 14.4. 20XX, 14:00 तक
(सभी कार्य दिवसों में)
निविदा प्राप्ति की तिथि एवं समय : 14.4.20XX, 14:00 बजे तक (सभी कार्य दिवसों में)
तकनीकी निविदा खोले जाने की तिथि : 15.4.20XX (11:00 बजे)
वित्तीय निविदा खोले जाने की तिथि : निविदाओं के तकनीकी मूल्यांकन को अन्तिम रूप
दिए जाने के बाद सूचित की जाएगी।
निविदा दस्तावेजों की बिक्री का स्थान : कार्यालय : सीपीई, पी.एम.जी., एएफ, स्टेशन
दादरी, सोधोपुर की झील, जिला; गौतमबुद्ध नगर, उ.प्र.203208
2. आरएफसी (प्रस्ताव हेतु अनुरोध) का विस्तृत विवरण तथा डी.सी.ए. (ड्राफ्ट कॉन्ट्रेक्ट एग्रीमेन्ट) इण्डियन एयरफोर्स की वेबसाइट www.indian airforce.nic.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं। यह स्टेशन निर्धारित तिथि एवं समय के भीतर निविदा के नियमों व शर्तों सहित निविदा/कोटेशन प्रपत्रों का प्राप्ति/जमा कराने में होने वाली किसी देरी के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
......................................हस्ताक्षर.....
कार्यालय सम्बन्धी पत्रों में अभी तक हमने शासनादेश, कार्यालय आदेश, सूचना, ज्ञापन, प्रेस-विज्ञप्ति, अनुस्मारक एवं निविदा सम्बन्धी पत्रों के बारे में पढ़ा। इन पत्रों के अलावा कार्यालयी पत्रों के कुछ और प्रकार भी हैं। आइए, इन पत्रों के बारे में भी हम जानकारी प्राप्त करते हैं।
परिपत्र के विषय में हम व्यवसायिक पत्रों के अन्तर्गत पढ़ चुके हैं। जिस पत्र के माध्यम से एक सूचना अथवा निर्देश एक साथ कई मन्त्रालयों, कार्यालयों, विभागों, अधिकारियों अथवा कर्मचारियों तक पहुँचाई जाती है; उसे 'परिपत्र' कहते हैं।
पत्र संख्या - 5/24/20,
..................................... दिनांक 15 जून, 20XX
परिपत्र
कुछ असामाजिक संगठन सुनियोजित ढंग से देश में व्यापक अस्थिरता का माहौल पैदा करना चाहते हैं तथा उन्हें शत्रु देशों से प्रोत्साहन भी मिल रहा है। सरकार ने इन असामाजिक संगठनों को पूरी तरह नियन्त्रण में करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकारों को भी इस सम्बन्ध में कड़े कदम उठाने हैं।
इस सम्बन्ध में सरकार उठाए जाने वाले कदमों का शीघ्र ही ब्यौरा भेजेगी। राज्य सरकारों का सहयोग अपेक्षित है।
............................................... हस्ताक्षर........
..................................................उप-सचिव,
..................................................भारत सरकार
प्रतिलिपि
सभी राज्य सरकार
ऐसी सूचनाएँ जो सरकार के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित होती हैं, उन्हें 'अधिसूचना' कहा जाता है। ये सूचनाएँ वास्तव में, राष्ट्रपति अथवा राज्यपालों की ओर से जारी की गई मानी जाती हैं। इसलिए इनमें प्रेषक का उल्लेख नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि अधिसूचना के जरिए सूचना पाने वाले अधिकारी या कर्मचारी को पृष्ठांकन से एक प्रति भेज दी जाती है। इसके अतिरिक्त लेखा विभाग अथवा अन्य सम्बद्ध विभाग को भी सूचित करना पड़ता है।
अधिसूचना का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। उच्च अधिकारियों की नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति, स्थानान्तरण, अधिनियमों में संशोधन आदि बहुत से क्षेत्र अधिसूचना की सीमा में आते हैं।
(भारत के राजपत्र भाग 2 अनुभाग 4 में प्रकाशनार्थ)
भारत सरकार,
कृषि मन्त्रालय,
नई दिल्ली।
दिनांक 25 मई, 20XX
श्री विष्णु गुप्ता आई.ए.एस. को जो वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार में कार्यरत हैं, दिनांक 30.5.20XX से कृषि मन्त्रालय में अवर सचिव के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाता है।
...........................................हस्ताक्षर ......
...........................................सचिव,
.......................................... भारत सरकार।
...........................................अधिसूचना सं. - 5/5/1
इस अधिसूचना की प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ प्रेषित
(1) स्थापना शाखा, कृषि मन्त्रालय।
(2) मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश।
(3) श्री विष्णु गुप्ता, आई.ए.एस. मध्य प्रदेश सरकार।
प्रधानमन्त्री, मुख्यमन्त्री या अन्य मन्त्रियों के पास प्रतिदिन ऐसे पत्र आते हैं, जिनमें किसी कार्यालय या अधिकारी की शिकायत की जाती है। यही नहीं अपनी व्यक्तिगत समस्या से अवगत कराकर सहायता की माँग सम्बन्धी अनेक पत्र भी मन्त्रियों को मिलते हैं।
इस प्रकार के सभी पत्रों को उक्त मन्त्रियों द्वारा पढ़ा जाना सम्भव नहीं होता है। ऐसे पत्रों को उनके निजी सचिव या सहायक आवश्यक कार्यवाही हेतु सम्बन्धित कार्यालय अथवा अधिकारी को भेज देते हैं। इसके साथ ही शिष्टाचारवश पत्र-प्रेषक को सन्तोष देने हेतु पत्र-प्राप्ति की स्वीकृति अथवा सूचना भेज दी जाती है। यही 'पावती' पत्र कहलाता हैं।
इस तरह के पावती पत्र पहले से छपे अथवा अंकित रहते हैं, उनमें उस व्यक्ति विशेष का नाम और दिनांक भरनी होती हैं।
श्री रामकिशन बंसीवाल............................मुख्यमन्त्री,
एच-15, अलीगढ़,...............................उ. प्र. सरकार,
उ.प्र. ............................................ लखनऊ।
........................................... दिनांक 18 अप्रैल, 20XX
महोदय,
आपका दिनांक 15 अप्रैल, 20XX को मुख्यमन्त्री को भेजा गया पत्र प्राप्त हो गया है। आप निश्चित रहें,
इस पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
..........................................भवदीय,
..........................................हस्ताक्षर......
..........................................निजी सचिव,
.........................................मुख़्यमंत्री,
.........................................उत्तर प्रदेश सरकार।
विज्ञापन का अर्थ है जानकारी देना, सूचित करना। सरकारी अथवा कार्यालयी स्तर पर समय-समय पर समाचार-पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित होते रहते हैं। ये विज्ञापन आम जन के हित में उन्हें सूचित करने के लिए भी हो सकते हैं, किसी जानकारी से अवगत कराने के लिए भी हो सकते हैं।
विज्ञापन सम्बन्धी पत्रों के नमूने इस प्रकार हैं-
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना
महिलाओं एवं बाल विकास मन्त्रालय, स्वास्थ्य मन्त्रालय और परिवार कल्याण मन्त्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की गई है।
योजना के उद्देश्य
(i) पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन एवं बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
(ii) बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना।
(iii) सुकन्या समृद्धि योजना बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं के अन्तर्गत दी जाने वाली यह सबसे महत्त्वपूर्ण योजना है।
(iv) यह एक बैंक खाता है जो 10 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के लिए शुरू किया गया है। इस खाते पर 9.1 वार्षिक चक्रवर्ती ब्याज दिया जाएगा।
लड़कर लें अपना अधिकार
उपभोक्ता अदालत बनेंगे आपके हथियार
जागरूक ग्राहक बनें
(i) अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएँ।
(ii) एगमार्क और ISI अंकित सामान ही खरीदें।
(iii) ग्राहक के रूप में राष्ट्रीय/राजकीय/जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा अपनी शिकायतों पर
न्यायोचित सुनवाई की माँग करे।
अपने अधिकारों की माँग करे
(i) बुनियादी जरूरतों की संतुष्टि का अधिकार
(ii) सुरक्षा का अधिकार
(iii) सूचित करने का अधिकार
(iv) चुनने अथवा चयन करने का अधिकार
अधिक जानकारी के लिए सर्म्पक करें
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नम्बर- 1800-11-4000
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मन्त्रालय
उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार