(2) पुस्तक भण्डार के प्रबन्धक की ओर से पुस्तकों के ऑर्डर की आपूर्ति में असमर्थता प्रकट करते हुए पत्र लिखिए।
विद्या पुस्तक भण्डार,
विद्या विहार,
दिल्ली।
दिनांक 20 मई, 20XX
सेवा में,
बुक प्वाइण्ट,
मुखर्जी नगर,
दिल्ली।
विषय- पुस्तकों के ऑर्डर की आपूर्ति में असमर्थता हेतु।
महोदय,
आपके दिनांक 13 मई, 20XX के ऑर्डर के लिए धन्यवाद, किन्तु हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि आपने जिन पुस्तकों
का ऑर्डर दिया है, उनका स्टॉक खत्म हो चुका है।
हमने ये पुस्तकें पुनर्मुद्रण हेतु भेजी हुई हैं, जो सम्भवतः 15 दिन में बिक्री हेतु तैयार हो जाएँगी। हमने आपका ऑर्डर अपनी 'ऑर्डर फाइल' में सुरक्षित रख लिया है, जैसे ही पुस्तकें तैयार हो जाएँगी, आपको भेज दी जाएँगी।
असुविधा के लिए खेद है।
सदैव आपकी सेवा में तत्पर।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर......
(विशाल गुप्ता)
विक्रय प्रबन्धक
(विद्या पुस्तक भण्डार)
(3) पापुलर वाच कम्पनी की ओर से घड़ी अनुभाग को घड़ियों के लिए ऑर्डर देने के सम्बन्ध में पत्र लिखिए।
पापुलर वाच कं.,
कमला नगर,
दिल्ली।
दिनांक 27 अप्रैल, 20XX
सेवा में,
विक्रय प्रबन्धक,
हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लि.,
(घड़ी अनुभाग),
बंगलुरु।
विषय- घड़ियों के ऑर्डर हेतु।
महोदय,
आपके दिनांक 25 अप्रैल, 20XX के कोटेशन सं. एपी/90/XX के सन्दर्भ में हमें अपने ऑर्डर सं. 807 के माध्यम से आपको
500 'एच.एल.टी. (HLT) सोना' ब्राण्ड घड़ियों का ऑर्डर देते हुए हर्ष हो रहा है।
कृपया माल की भली प्रकार से अच्छी पैकिंग करवाएँ और पैसेन्जर रेलगाड़ी से एक हफ़्ते के भीतर भिजवाने की व्यवस्था करें।
इस समय हमारे पास घड़ियों की अत्यधिक माँग है। अतः कृपया समय सीमा का ध्यान रखते हुए शीघ्रातिशीघ्र माल भिजवाएँ।
आशा है, आप इस ऑर्डर के सम्बन्ध में त्वरित कार्रवाई करेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर.....
(आर.आर. अग्रवाल)
प्रोप्राइटर
(पापुलर वाच कं.)
(4) माल भेजने में हुई देरी से उत्पन्न समस्या के कारण ऑर्डर कैन्सिल करने के सम्बन्ध में कम्पनी के प्रबन्धक को पत्र लिखिए।
जिन्दल एण्ड जिन्दल प्रा. लि.,
चबूतरा रोड,
आगरा।
दिनांक 21 मई, 20XX
सेवा में,
मै. दीवान चन्द एण्ड सन्स,
402, आदर्श नगर,
देहरादून।
विषय- माल भेजने में हुई देरी के कारण ऑर्डर कैन्सिल करने हेतु।
महोदय,
हमें अपने ऑर्डर संख्या 57/XX, दिनांक 21 अप्रैल, 20XX के सन्दर्भ में आपको यह बताते हुए अत्यन्त खेद हो रहा है
कि हमारा माल एक माह बीत जाने के पश्चात् भी हमें प्राप्त नहीं हुआ है। इस सन्दर्भ में हमने पहले भी आपको कई पत्र लिखे,
किन्तु आपकी ओर से हमें आज तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ। माल की आपूर्ति न होने के कारण हमें अपने ग्राहकों के सामने
शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। आपसे अनुरोध है कि आप हमें अब माल न भेजें। हमारा वह ऑर्डर अब कैन्सिल समझा जाए।
धन्यवाद सहित।
भवदीय,
हस्ताक्षर......
(राकेश जिन्दल)
प्रबन्धक
जिन्दल एण्ड जिन्दल प्रा. लि
(5) ग्राहक के दिवालिया होने की समस्या के कारण ऑर्डर के निरस्तीकरण के सम्बन्ध में पत्र लिखिए।
के. एण्ड के. डिस्ट्रीब्यूटर्स,
साल्ट लेक,
कोलकाता।
दिनांक 28 जून, 20XX
सेवा में,
सूर्यवंशी एन्टरप्राइजेज,
जुहू,
मुम्बई।
विषय- ग्राहक के दिवालिया होने के कारण ऑर्डर के निरस्तीकरण हेतु।
महोदय,
हमने आपको 1 जून, 20XX को 500 आयातित चमड़े की बैल्ट का ऑर्डर दिया था। परन्तु हमें खेद के साथ इस ऑर्डर का
निरस्तीकरण करने का आपसे अनुरोध करना पड़ रहा है। दरअसल हमने अपने जिस ग्राहक की माँग पर उक्त माल की आपूर्ति हेतु
आपको ऑर्डर दिया था, वह आज पूरी तरह खुद को दिवालिया घोषित कर चुका है।
अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त ऑर्डर को तुरन्त निरस्त कर दिया जाए। आपको हुई परेशानी के लिए हमें खेद है। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जल्द ही हम आपका नया ऑर्डर भेजेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर .....
(रामसिंह)
प्रबन्धक
के. एण्ड के. डिस्ट्रीब्यूटर्स
सन्दर्भ सम्बन्धी पत्र ऐसे पत्र होते हैं, जिनके माध्यम से किसी फर्म अथवा व्यापारी की प्रामाणिक जानकारी माँगी जाती है। चूँकि, उधारी व्यापार का एक मुख्य पहलू होता है, अतः एक व्यापारी के लिए किसी भी फर्म को माल उधार देने से पूर्व उसकी आर्थिक मजबूती, बाजार में प्रतिष्ठा आदि की जाँच-पड़ताल करना जरूरी होता है।
सन्दर्भ पत्रों के द्वारा ऐसी ही फर्मों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि कई बार विक्रेता को जब तक नए ग्राहक से सन्दर्भ प्राप्त नहीं हो जाता, वह ग्राहक को माल की आपूर्ति नहीं करता।
किसी व्यक्ति अथवा संस्था के लिए सन्दर्भ सूचना देने वाले को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सूचना चाहे फर्म के पक्ष में हो अथवा विपक्ष में; उसे यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि सूचना चाहे फर्म के पक्ष में हो अथवा विपक्ष में; उसे यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि वह इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा और उसकी सूचना गोपनीय रखी जाएगी।
सन्दर्भ सम्बन्धी पत्रों में प्रतिकूल दृष्टिकोण प्रस्तुत करते समय फर्म के नाम का उल्लेख करने के स्थान पर यह लिखा जाना चाहिए कि, 'आपने जिस फर्म के बारे में सूचना माँगी है' अथवा 'आपने जिस फर्म का उल्लेख किया है' आदि। पत्र में अपने दृष्टिकोण को तटस्थता के साथ प्रयोग करना चाहिए।
सन्दर्भ सम्बन्धी पत्रों के उदाहरण अग्रलिखित हैं-
(1) बाबूराम एण्ड कम्पनी द्वारा सन्दर्भ रूप में दी गई फर्म सर्वेश्वर एण्ड सन्स को सन्दर्भ पत्र लिखिए, जिसमें आप बाबूराम एण्ड कम्पनी के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
रामनाथ एण्ड सन्स,
खारी बावली,
दिल्ली।
दिनांक 16 मई, 20XX
सेवा में,
मै. सर्वेश्वर एण्ड सन्स,
लालगंज,
प्रतापगढ़ (उ.प्र.)।
विषय- माल के ऑर्डर के लिए सन्दर्भ की जानकारी हेतु।
महोदय,
हमें मै. बाबूराम एण्ड कम्पनी, प्रतापगढ़ (उ.प्र.) की ओर से 50 हजार का माल भेजने का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। इस फर्म के साथ हमारा
यह प्रथम लेन-देन (डीलिंग) है। सन्दर्भ के रूप में फर्म ने आपके नाम का उल्लेख किया है।
हम आपके आभारी रहेंगे यदि आप हमें इस सम्बन्ध में जानकारी मुहैया कराएँगे कि आप इस फर्म को कितने लम्बे समय से जानते हैं।
हम यह जानना चाहते हैं कि आपके विचार से प्रथम ऑर्डर की आपूर्ति में हमें उक्त फर्म को उधार माल देने का जोखिम उठाना चाहिए अथवा नहीं। यदि नहीं, तो भविष्य में कितनी राशि तक का जोखिम उठाना सुरक्षित रहेगा।
हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि इस फर्म की बाजार प्रतिष्ठा और सुदृढ़ आर्थिक स्थिति के विषय में आपके द्वारा दी गई सूचना गोपनीय रखी जाएगी।
कष्ट के लिए क्षमा, अवसर पड़ने पर हम भी आपकी सेवा में तत्पर रहेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
(जयराम)
रामनाथ एण्ड सन्स
(2) सर्वेश्वर दयाल एण्ड सन्स की ओर से सन्दर्भ पत्र के अनुकूल उत्तर देने के सम्बन्ध में पत्र।
सर्वेश्वर दयाल एण्ड सन्स,
लालगंज,
प्रतापगढ़।
दिनांक 20 मई, 20XX
सेवा में,
रामनाथ एण्ड सन्स,
खारी बावली,
दिल्ली।
विषय- फर्म की जानकारी से सम्बन्धित सन्दर्भ पत्र के अनुकूल उत्तर हेतु।
महोदय,
आपके दिनांक 16 मई, 20XX को लिखे पत्र के उत्तर में हम आपको निम्नलिखित सूचनाएँ दे सकते हैं।
आपके द्वारा जिस फर्म के बारे में सूचना माँगी गई है, यह स्थानीय व्यापार जगत् की नामी-गिरामी एवं प्रतिष्ठित फर्म हैं। जहाँ तक हमें जानकारी है, यह फर्म विगत 15 वर्षों से अधिक समय से व्यापार कर रही है।
हम इस फर्म के साथ पिछले 10 वर्षों से व्यापार कर रहे हैं, हमारे सामने अभी तक उक्त कम्पनी के साथ भुगतान सम्बन्धी कोई भी समस्या नहीं आई है। यह सूचना आपके उपयोग के लिए है, और बिना किसी उत्तरदायित्व के दी जा रही है।
हमें आशा है कि यह सूचना आपके उद्देश्य की पूर्ति में सहायक होगी। हम इतना दावे के साथ कह सकते हैं कि यदि आप इस फर्म के साथ जुड़ते हैं, तो आपको साफ एवं स्वच्छ छवि वाली एक फर्म के साथ व्यापार करने का अवसर मिलेगा।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर......
(सुरेश गोयल)
सर्वेश्वर दयाल एण्ड सन्स
एक फर्म जब दूसरी फर्म अथवा व्यवसायी की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती, तब उनके बीच शिकायत की स्थिति पैदा हो जाती है। माल का ऑर्डर समय पर न डिलीवर कर पाना, डिलीवर माल में टूट-फूट, भुगतान का तरीका पसन्द न आना, खराब माल पहुँचाना आदि जैसे अनेक मुद्दे हैं, जब विभिन्न फ़र्में एवं व्यवसायी शिकायत पत्रों के माध्यम से अपनी बात रखते हैं। शिकायत पत्र लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस सम्बन्ध में शिकायत की जा रही है, उसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।
शिकायत सम्बन्धी पत्रों के उदाहरण इस प्रकार हैं-
(1) साइकिल की कीमत अधिक लगाने पर साइकिल कम्पनी के प्रबन्धक को शिकायती-पत्र लिखिए।
15, जुनेजा साइकिल स्टोर,
जहाँगीरपुरी,
दिल्ली।
दिनांक 26 मई, 20XX
सेवा में,
मैं. नेहरा साइकिल कम्पनी,
झण्डेवालान,
नई दिल्ली।
विषय- साइकिल की कीमत अधिक लगाने की शिकायत हेतु।
महोदय,
दिनांक 25 मई, 20XX को भेजे आपके बिल को देखकर हमें घोर आश्चर्य हो रहा है
कि आपने हमें एटलस साइकिल, 18 इंच का मूल्य काफी अधिक लगाया है।
एक सप्ताह पहले जहाँगीरपुरी के एक अन्य साइकिल विक्रेता किशन कुमार ने 100 साइकिलें, इसी ब्रांड की मँगवाई थीं। उनसे आपने हमारी अपेक्षा 50 प्रति साइकिल कम लिए हैं।
आपके द्वारा किये गए इस भेदभाव से हमें धक्का लगा है। आप तो जानते ही हैं कि किशन कुमार से हमारी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा है। वह ग्राहकों को जिस कीमत पर साइकिलें बेच रहा है, यदि हम भी उस कीमत पर बेचें, तो हमें घाटा होगा। न चाहते हुए भी हमें, उससे अधिक कीमत पर साइकिलें बेचनी पड़ रही हैं। इससे हमारे ग्राहक भी टूट रहे हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप हमें भी साइकिलों का वही मूल्य लगाएँ, जो आपने किशन कुमार को लगाया है।
आपके जवाब की प्रतीक्षा में।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर ......
(राकेश जुनेजा)
जुनेजा साइकिल स्टोर
(2) माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर कम्पनी के प्रबन्धक को शिकायत करते हुए पत्र लिखिए।
शंकर एण्ड सन्स,
कपूरथला,
पंजाब।
दिनांक 20 अप्रैल, 20XX
सेवा में,
दीपमाला एण्ड कम्पनी,
स्टेशन रोड,
लखनऊ।
विषय- माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर शिकायत हेतु।
महोदय,
हमें आपका दिनांक 5 मार्च, 20XX का पत्र 15 मार्च, 20XX को प्राप्त हुआ था,
जिसमें उल्लेख था कि यदि हम आपके यहाँ से 1000 से अधिक का माल खरीदते हैं,
तो हमें 25% की छूट और मुफ़्त पैंकिग व माल भाड़े की सुविधा प्रदान की जाएगी।
परन्तु खेद है कि हमारे द्वारा 8000 के माल की खरीद के बावजूद भी आपने अपने दिनांक
3 अप्रैल के बिल सं. 115 द्वारा हमसे पैंकिंग और माल भाड़े के शुल्क की वसूली के साथ
ही हमें केवल 20% छूट ही प्रदान की।
यद्यपि हमने माल प्राप्त कर लिया, परन्तु हमें आपके द्वारा की गई अतिरिक्त वसूली के लिए क्रेडिट नोट प्राप्त करने के सम्बन्ध में पूछताछ का अधिकार है।
हमारे विचार से यह त्रुटि आपके बिलिंग और डिस्पैच विभाग की लापरवाही से हुई होगी।
उचित कार्रवाई हेतु प्रेषित।
धन्यवाद।
भवदीय,
हस्ताक्षर.....
(शिव शंकर)
प्रोपाइटर
शंकर एण्ड सन्स