इसके अन्तर्गत निम्न पत्रों को सम्मिलित किया गया हैं-
(1) प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ. आई. आर.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(2) सूचना का अधिकार (आर. टी. आई.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(3) टेलीफोन/मोबाइल फोन कनेक्शन एवं टेलीफ़ोन सही कराने सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(4) जनसाधारण सम्बन्धी अन्य पत्र (मोहल्ले में सफाई के लिए, पेयजल की आपूर्ति के लिए,
इलाके में डाक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए, ग्रहकर बिल ठीक करने हेतु, आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु,
मुख्यमन्त्री से तात्कालिक सहायता हेतु आदि)
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ. आई. आर.) की जरूरत तब पड़ती हैं, जब मामला 'पुलिस केस' से सम्बन्धित हो। दीवानी एवं फौजदारी एवं अन्य आपराधिक मामलों में पुलिस स्टेशन में जो रिपोर्ट लिखवाई जाती हैं, वह एफ. आई. आर. की ही श्रेणी में आती हैं।
हालाँकि पुलिस थाने में एफ. आई. आर दर्ज करवाना आसान नहीं होता। कई बार पुलिस निर्धारित प्रारूप में एफ. आई. आर. दर्ज करने की बजाय एक अतिरिक्त कागज पर पीड़ित की समस्याएँ लिखकर अथवा लिखवाकर उसकी प्रति पर थाने की मोहर लगाकर, फरियादी को दे देती हैं।
इस तरह के अधिकांश उदाहरण मोबाइल, कैमरा, बैग अथवा पर्स चोरी के मामलों में पेश आते हैं। यदि, कुछ छोटी वारदातों को छोड़ दें, तो अधिकांश घटनाओं में पुलिस एफ. आई. आर. दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करती हैं। क्योंकि एफ. आई. आर. दर्ज होने के बाद यह बताना पुलिस की क़ानूनी जवाबदेही बन जाती हैं कि सम्बन्धित मामले में क्या प्रगति हुई अथवा हो रही हैं।
एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के लिए यह जानना जरूरी होता हैं कि मामला अथवा घटना किस थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आता हैं।
एफ. आई. आर. दर्ज करवाने सम्बन्धी आवेदन-पत्रों के उदाहरण आगे दिए गए हैं-
(1) बस स्टैण्ड के पास आवारा लड़कों के व्यवहार को बताते हुए तथा उनके खिलाफ छेड़खानी के विरुद्ध एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
108, भवानी जंक्शन,
कोलकाता।
दिनांक 28 जून, 20XX
सेवा में,
श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय,
भवानी जंक्शन,
कोलकाता।
विषय- छेड़खानी के विरुद्ध एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के सम्बन्ध में।
महोदय,
सविनय निवेदन यह हैं कि मैं भवानी जंक्शन में रहने वाली एक कॉंलेज छात्रा हूँ। जब भी मैं
घर से कॉलेज के लिए निकलती हूँ, अक्सर बस स्टैण्ड के पास कुछ आवारा किस्म के लड़के
मुझ पर कमेंट करते हैं। एक-दो बार मैंने उन्हें ऐसा न करने को कहा, किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ।
मैंने इस बारे में अपने माता-पिता से बात की, तो उन्होंने इसकी लिखित शिकायत थाने में करने की सलाह दी। मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि आप उन लड़कों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाकर, मुझे हो रही मानसिक समस्या से निजात दिलाएँ।
आशा हैं, आप मेरी समस्या पर त्वरित कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर......
निशा
(2) घर में चोरी हो जाने की एफ.आई.आर. दर्ज करवाने सम्बन्धी आवेदन-पत्र लिखिए।
42/1, शालीमार बाग,
दिल्ली।
दिनांक 17 जून, 20XX
सेवा में
श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय,
शालीमार बाग,
दिल्ली।
विषय- घर में हुई चोरी की रिपोर्ट लिखवाने हेतु।
महोदय,
कल रात मेर घर में चोरी हो गई। चोर मेरे मकान का ताला तोड़कर घर में रखा हजारों रुपये का सामान उठा ले गए।
जिस समय यह वारदात हुई, मैं अपने परिवार के साथ एक शादी-समारोह में शामिल होने गया था। देर रात को जब
हम सभी घर वापस लौटे, तो देखा मकान का ताला टूटा हुआ था। हम दौड़कर घर में गए तब वहाँ देखा कि सारा
सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। आलमारी का ताला टूटा हुआ था, आलमारी में रखी माँ की सोने की अँगूठी गायब थी।
घर में रखा टेलीविजन और बाहर खड़ी मेरी साइकिल भी चोर उठा ले गए हैं।
चोरी की इस वारदात से हमें हजारों रुपयों का नुकसान हुआ है। मेरा पूरा परिवार सदमे में हैं। आपसे निवेदन है कि आप मेरी चोरी की इस रिपोर्ट को दर्ज कर जल्द से जल्द चोरों को पकड़ हमें हमारा चोरी हो गया सामान वापस दिलवाएँ।
धन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर ......
रमेश चौहान
सूचना का अधिकार अर्थात राइट टू इन्फॉरमेशन (आर.टी.आई.) को लोकतन्त्र का पाँचवाँ स्तम्भ माना जाता है, जिसका प्रयोग आम आदमी देश को शोषण एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में कर सकता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 नागरिकों को किसी 'लोक प्राधिकरण' से सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के अनुसार ऐसी सूचना जिसे संसद अथवा राज्य विधानमण्डल को देने से इनकार नहीं किया जा सकता, उसे किसी व्यक्ति को देने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय नागरिकों को सूचना सीडी, फ्लॉपी, टेप, विडियो कैसेट, इलेक्ट्रॉनिक अथवा प्रिंट किसी भी रूप में प्राप्त करने का अधिकार है। सूचना माँगने वाले आवेदक को 10 रुपया का निर्धारित शुल्क, माँग पत्र, बैंकर अथवा भारतीय पोस्टल ऑर्डर के रूप में लोक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी के नाम भेजकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना की प्राप्ति तीस दिनों के भीतर हो जाती है।
निर्धारित समय में सूचना उपलब्ध न होने पर आवेदक प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।
वर्तमान समय में आम जनता ढेरों सूचनाएँ; जैसे- विभाग द्वारा आम जनता के हित में क्या काम हो रहा है, कहाँ, कितना खर्च हो रहा है, कार्य में कितनी प्रगति हुई है यह सब जानकारी प्राप्त करना आर.टी. आई. की सहायता से ही सम्भव हुआ है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए लिखे जाने वाले आवेदन-पत्रों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं-
(1) खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन-पत्र लिखिए।
140, प्रताप विहार,
दिल्ली।
दिनांक 12 जून, 20XX
सेवा में,
जन सूचना अधिकारी,
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग,
दिल्ली।
विषय- सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।
महोदय,
(1) मैंने अपने राशन कार्ड के लिए 30 दिसम्बर, 20XX को विधिवत् आवेदन किया था। कृपया मेरे आवेदन पर
अब तक की गई कार्यवाही की दैनिक रिपोर्ट दें।
जैसे- आवेदन कब और किस अधिकारी के पास पहुँचा, कब तक यह उसके पास रहा, उसने क्या कदम उठाए ?
(2) मेरा राशन कार्ड कितने दिन में बन जाना चाहिए था?
(3) उन अफसर-कर्मचारियों के नाम बताएँ, जिन्हें आवेदन पर कार्यवाही करनी चाहिए थी, किन्तु उन्होंने नहीं की।
(4) अपना काम न करने और मुझे मानसिक रूप से परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएँगे?
(5) मेरा कार्ड कब तक बन जाएगा?
(6) कृपया उन रिकॉर्ड्स की छायाप्रति दें, जिनमें इस तरह के आवेदन का ब्यौरा रखा जाता है।
(7) मेरे आवेदन के बाद आए किसी आवेदन पर मुझसे पहले यदि कार्यवाही की गई, तो उसका कारण क्या है?
(8) बारी आने से पहले यदि किसी आवेदन पर कार्यवाही की गई हो, तो क्या उसकी जाँच होगी और कब तक?
मैंने आवेदन-पत्र के साथ सूचना माँगने का निर्धारित शुल्क 'भारतीय पोस्टल ऑर्डर' के रूप में संलग्न कर दिया है।
धन्यवाद।
आवेदक के हस्ताक्षर......
कृष्ण चन्द्र
कार्ड की पावती संख्या-151/ग,
लैण्डलाइन फोन हो या मोबाइल फोन, नया कनेक्शन लेने के लिए नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी को एक आवेदन-पत्र लिखा जाता है तथा उसके साथ ही आवेदन-फार्म भी भरा जाता है। इसके अन्तर्गत कभी-कभी खराब टेलीफोन की मरम्मत हेतु प्रबन्धक को पत्र भी लिखे जाते हैं। इस सन्दर्भ में कुछ उदाहरण दिए गए हैं-
(1) टेलीफोन विभाग के प्रबन्धक को मोबाइल फोन का सिम नष्ट हो जाने पर पुनः उसी नम्बर का सिम प्रदान करने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
454, अधोईवाला,
देहरादून (उत्तराखण्ड)।
दिनांक 26 फरवरी, 20XX
सेवा में,
श्रीमान प्रबन्धक,
वोडाफोन,
अधोईवाला,
देहरादून (उत्तराखण्ड)।
विषय- मोबाइल सिम नष्ट हो जाने पर पुनः उसी नम्बर का सिम प्रदान करने हेतु।
महोदय,
मैं कल अपने मोबाइल फोन नम्बर 9567863XXX से किसी मित्र से बात कर रहा था कि अचानक असुविधावश मोबाइल
फोन मेरे हाथ से छूटा और पास ही रखी पानी की बाल्टी में जा गिरा।
मैंने तुरन्त हाथ डालकर मोबाइल फोन बाल्टी से बाहर निकाला, किन्तु तब तक वह पानी से पूरी तरह भीग चुका था। मैंने मोबाइल की बैटरी निकालकर उसे धूप में सूखने के लिए रख दिया। थोड़ी देर बाद जब मोबाइल फोन में बैटरी लगाकर उसे पुनः चालू करने की कोशिश की, तब वह नहीं चला। शायद मोबाइल खराब हो चुका था।
यह जानने के लिए की, किन्तु कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। मोबाइल में नेटवर्क सिग्नल नहीं दिखाई दे रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे पानी में गिरने के कारण सिम भी नष्ट हो गया है।
अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे उक्त नम्बर का सिम पुनः आवन्टित करें। ताकि मुझे इस नम्बर की वजह से किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर......
जगन्नाथ
(2) अपनी मोबाइल नेटवर्क कम्पनी को नेटवर्क सम्बन्धी समस्याओं से अवगत करवाते हुए मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी के तहत मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
254, आर.के. पुरम
नई दिल्ली।
दिनांक 26 मई, 20XX
सेवा में,
एरिया प्रबन्धक,
..... (मोबाइल कम्पनी का नाम)
नई दिल्ली।
विषय- नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने हेतु।
महोदय,
मैं...... मोबाइल नेटवर्क प्रदाता कम्पनी का पिछले दो वर्ष से ग्राहक हूँ। मैंने जब से यह कम्पनी चुनी है,
तब से मुझे नेटवर्क सम्बन्धी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी स्पष्ट आवाज की समस्या,
तो कभी बात करते-करते नेटवर्क का गायब हो जाना। सन्देश भी त्वरित गति से नहीं पहुँच पाते।
मैं इस कम्पनी को बहुत पहले ही बदल देना चाहता था, किन्तु मेरा मोबाइल नम्बर इतने ज्यादा लोगों के पास है, कि इस नम्बर को बदल पाना मेरे लिए नामुमकिन है।
किन्तु जब से मैंने मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी यानि बिना नम्बर बदले अपनी मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी को बदलने की स्कीम के बारे में सुना है, तभी से मेरा मन अपनी वर्तमान मोबाइल कम्पनी को बदलने को हो रहा है। परन्तु इसे बदलकर किस कम्पनी को ग्रहण करूँ, इसी सोच में था कि मेरे दोस्तों एवं परिचितों ने आपकी कम्पनी को चुनने की सलाह दी।
मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि कृपया मुझे बताएँ कि मुझे बिना नम्बर बदले, आपकी मोबाइल कम्पनी की सेवा लेने के लिए क्या-क्या औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी।
आशा है, आप मुझे शीघ्र ही इस सम्बन्ध में जानकारी प्रेषित कर, मेरी समस्याओं का निदान करेंगे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर......
(कृष्ण कुमार)
(1) आपके मोहल्ले में सफाई की व्यवस्था न होने के कारण स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए, जिसमें सफाई का उचित प्रबन्ध करने की प्रार्थना की गई हो।
421, विवेक विहार,
गाजियाबाद।
विषय- मोहल्ले में सफाई के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
मैं आपका ध्यान विवेक विहार स्थित एच ब्लॉक की शोचनीय अवस्था की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
इस ब्लॉक में सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण स्थिति अत्यन्त चिन्ताजनक हो गई है। लम्बे समय
से यहाँ नगर का कोई भी कर्मचारी सफाई हेतु नहीं आया है। स्थान-स्थान पर कचरे के ढेर लगे हैं, जिनमें
सड़न होने से चारों ओर बदबू फैल रही है। नालियाँ भी भरी पड़ी हैं। गन्दा पानी सड़कों पर भी बिखरा हुआ है।
कचरे पर भिनभिनाती मक्खियाँ और मच्छर गम्भीर बीमारी को आमन्त्रण दे रहे हैं।
अतः आपसे निवेदन निवेदन है कि जल्द-से-जल्द यहाँ का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था का उचित प्रबन्ध करें। आशा है, आप इस ओर त्वरित कार्यवाही कर, लोगों को होने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाएँगे।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर......
(दीपक कुमार)
(2) अपने क्षेत्र में डाक-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अपने क्षेत्र के डाकपाल को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
141, साकेत निवासी संघ,
मेरठ।
दिनांक 16 मई, 20XX
सेवा में,
डाकपाल महोदय,
मुख्य डाकघर,
मेरठ कैन्ट,
मेरठ।
विषय- इलाके में डाक व्यवस्था दुरुस्त करने हेतु।
महोदय,
मैं आपका ध्यान साकेत निवासी संघ, मेरठ की ओर केन्द्रित कराना चाहता हूँ, हमारे क्षेत्र का डाकिया अपने
कार्य के प्रति अत्यन्त लापरवाही दिखा रहा है। वह हमारे पत्र घर के बाहर फ़ेंक कर चला जाता है, या फिर
छोटे बच्चों को पकड़ा देता है। इससे पत्रों के खोने का डर हमेशा बना रहता है। यद्यपि इलाके के अधिकांश घरों के
द्वार पर 'पत्र-पेटिका' लगी हुई है, परन्तु वह उनमें पत्र नहीं डालता। हमने डाकिये से कई बार हाथ जोड़कर
निवेदन भी किया है कि वह पत्रों को सही जगह पर डाले, पर जैसे वह हमारी बात एक कान से सुनकर दूसरे से
निकाल देता है।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप उसे चेतावनी देते हुए कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी बरतने को कहें।
आपकी इस कृपा के लिए हम सदैव आभारी रहेंगे।
भवदीय
हस्ताक्षर......
सचिव
किशोर
साकेत निवासी संघ
(3) आयकर अधिकारी को पत्र लिखिए, जिसमें आयकर से माफी एवं पूर्ण मुक्ति के लिए प्रार्थना की गयी हो।
61, रामबाग,
लखनऊ।
दिनांक 30 मार्च, 20XX
सेवा में,
आयकर अधिकारी,
लखनऊ।
विषय- आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु।
महोदय,
मुझे दिनांक 29 मार्च, 20XX को आपकी ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें वर्ष 20XX-XX के
लिए 5,005 आयकर अदा करने को कहा गया है।
उक्त अवधि से मेरी आय आयकर सीमा से निम्न है, लगता है किसी त्रुटिवश मेरी आय पर
आयकर का निर्धारण कर दिया गया है।
आपसे प्रार्थना है कि मेरे खातों की जाँच कर मुझे आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु निर्देश जारी करें।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर ......
जितेन्द्र गोयल
(4) भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान से अवगत कराते हुए मुख्यमन्त्री को सहायतार्थ प्रार्थना-पत्र लिखिए।
16/1, रामनगर, नैनीताल
उत्तराखण्ड।
दिनांक 20 अगस्त, 20XX
सेवा में,
माननीय मुख्यमन्त्री महोदय,
उत्तराखण्ड सरकार,
देहरादून।
विषय- मुख्यमन्त्री से तात्कालिक सहायता हेतु।
मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मैं रामनगर, नैनीताल क्षेत्र का निवासी हूँ। दुर्भाग्य से इस वर्ष हमारे क्षेत्र में भारी वर्षा हुई,
जिसके कारण हमारे खेतों में महीनों पानी जमा रहा। जल का समुचित निकास न होने के कारण वर्षा के इस पानी ने
हमारी सारी फसल चौपट कर दी। पशुओं के लिए बोया गया चारा भी गलकर नष्ट हो गया। परिणामस्वरूप मनुष्यों
और पशुओं दोनों के लिए अनाज का संकट आन पड़ा है। स्थान-स्थान पर पानी जमा रहने के कारण अनेक बीमारियाँ
भी फैल गई हैं। लोग अपने-अपने घरों को छोड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। स्थिति दयनीय और चिन्ताजनक है।
आपसे अनुरोध है कि शीघ्र ही इस क्षेत्र के निवासियों की समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए उनकी सहायता के लिए जिलाधिकारी को आदेश दें।
आशा है आप शीघ्र ही इस ओर ध्यान देंगे और उचित तात्कालिक सहायता देकर यहाँ के निवासियों को संकट की इस स्थिति से बचाएँगे।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर.....
किशोर कुमार