Patra-lekhan(Letter-writing)-(पत्र-लेखन)


लेन-देन सम्बन्धी पत्र

व्यापार लेन-देन पर टिका होता है। यह लेन-देन रुपये-पैसों से भी सम्बन्धित हो सकता है, एवं एजेन्सी लेने-देने से भी। व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि लेन-देन में पूरी पारदर्शिता हो। ऐसे पत्र लिखते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। सौदे की सभी शर्तो का उल्लेख पत्र में होना चाहिए। यदि रुपयों के भुगतान से सम्बन्धित बातें लिखनी हों, तब बकाया रुपयों का माह, बिल संख्या, सन्दर्भ संख्या आदि का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।

लेन-देन सम्बन्धी कुछ पत्रों के उदाहरण इस प्रकार हैं-

(1) व्यापार में हुए नुकसान के कारण बकाया राशि का किश्तों में भुगतान करने के लिए कम्पनी को पत्र लिखिए।

लेखराज एण्ड सन्स,
नया बाँस,
दिल्ली।

दिनांक 26 जुलाई, 20XX

सेवा में,
कमल पाल एण्ड कम्पनी,
पटेल स्ट्रीट,
वडोदरा।

विषय- बकाया राशि का किश्तों में भुगतान हेतु।

महोदय,
आपका पत्र हमें कल प्राप्त हुआ। पत्रानुसार आपने हमसे शीघ्र भुगतान के लिए कहा है, लेकिन व्यापार में भारी घाटा होने के कारण हम बड़ी संख्या में अपने भुगतानों को कर पाने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आपके भुगतान भी लम्बित पड़े हुए हैं। हमें इसका अत्यधिक खेद है। परिस्थितियाँ चूँकि हमारे नियन्त्रण से बाहर हैं, इसलिए ऐसे समय में आपके सहयोग की अपेक्षा है।

हम अपनी लेनदारी इकट्ठी कर रहे हैं, साथ ही अपने माल के स्टॉक को न्यूनतम लाभ पर बेच रहे हैं, ताकि नकद धन एकत्रित किया जा सके। परन्तु हम थोड़े-से समय में एक बड़ी राशि का संग्रह नहीं कर सकते। इसलिए हम पाक्षिक रूप से आपको दस हजार रुपये का चेक भेजने का प्रस्ताव आपके सम्मुख रख रहे हैं। आशा है आपको हमारा यह प्रस्ताव स्वीकार्य होगा। इस प्रकार हम आपकी पचास हजार रुपये की कुल राशि आगामी पाँच माह में चुकता कर पाने में सक्षम होंगे।

आपके सहयोग की अपेक्षा में।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर ......
विवेक रघुवंशी
लेखराज एण्ड सन्स

(2) भुगतान न किए जाने पर बिना बिके माल की वापसी हेतु कम्पनी की ओर से व्यापारी को पत्र लिखिए।

दिवाकर हौजरी प्रा. लि.,
झाँसी,
उ. प्र.।

दिनांक 26 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
मै. मुकुट लाल एण्ड सन्स,
दौलतपुरा,
गाजियाबाद।

विषय- बिना बिके माल की वापसी की व्यवस्था हेतु।

महोदय,
आपके द्वारा प्रेषित दिनांक 20 अप्रैल, 20XX का पत्र मिला, जिसमें आपने व्यापारिक मन्दी के चलते आपकी ओर देय राशि 25 हजार का भुगतान करने में असमर्थता जताई है। हम खेद के साथ लिख रहे हैं कि आपके द्वारा भुगतान हेतु माँगी गई दो माह की अतिरिक्त समयावधि बढ़ाने में हम असमर्थ हैं।

हम इस भुगतान हेतु पहले ही आपको काफी समय दे चुके हैं और अब आपके खाते को आगे लम्बित नहीं रख सकते। लिहाजा हमने आपकी विवशता को ध्यान में रखते हुए, बिना बिके हुए माल की वापसी का निर्णय लिया है ताकि माल की देय राशि आपके एकाउण्ट से कम की जा सके और बचे हुए अधिशेष का आपसे सरलता से भुगतान प्राप्त कर सकें।

आशा है, आपको हमारा उक्त प्रस्ताव पसन्द आएगा और आप शीघ्रातिशीघ्र बिना बिके माल की वापसी की व्यवस्था करेंगे।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर .....
(राकेश बेदी)
दिवाकर हौजरी प्रा. लि.

(3) उत्पादों की बिक्री हेतु सोल एजेन्सी लेने के सम्बन्ध में पत्र लिखिए।

रामलाल एण्ड सन्स,
दिल्ली।

दिनांक 26 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
नायडू पेस्टीसाइड्स प्रा. लि.,
चामराज पेट,
बंगलुरु।

विषय- सोल एजेन्सी लेने हेतु।

महोदय,
गत दिनों प्रगति मैदान, दिल्ली में आयोजित कृषि व्यापार मेले में आपके प्रतिनिधि से हमारी बातचीत हुई थी। हमने आपके उत्पाद देखे और हमें वह काफी बेहतर लगे। अब हम उत्तर भारत में आपके उत्पादों की बिक्री हेतु सोल एजेन्सी लेना चाहते हैं। हमने उत्तर भारत के पाँच राज्यों में आपकी सोल एजेन्सी लेने का विचार बनाया है। पेस्टीसाइड्स (कीटनाशक दवाओं) के व्यापार में लम्बे अरसे से संलग्न रहने के कारण हमारे पास सेल्स मैनों की अच्छी टीम है।

हमें विश्वास है कि यदि आप हमें वितरण का अवसर प्रदान करते हैं, तो हम निश्चित रूप से आपके माल के लिए ऑंर्डर प्राप्त करेंगे।

यदि आप उत्तर भारत में एजेन्सी देने के इच्छुक हैं तो कृपया अपनी व्यापारिक शर्तो का विवरण, उत्पादों का कैटलॉग एवं मूल्य-दरें शीघ्र भेजें।

शीघ्र पत्रोत्तर की अपेक्षा में।

धन्यवाद

भवदीय,
हस्ताक्षर......
(सुनील मान)
प्रबन्धक
(रामलाल एण्ड सन्स)

(4) सोल एजेन्सी देने से इनकार करते हुए कम्पनी की ओर से पत्र लिखिए।

लिंगम पेस्टीसाइड्स प्रा. लि.
कानपुर।

दिनांक 28 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
मै. गुप्ता एण्ड सन्स,
करोल बाग,
दिल्ली।

विषय- एजेन्सी देने के आवेदन को अस्वीकार करने हेतु।

महोदय,
आपके द्वारा दिनांक 25 अप्रैल, 20XX को भेजे गए पत्र के लिए धन्यवाद। इस पत्र के माध्यम से आपने हमसे हमारे उत्पादों की सोल एजेन्सी लेने की इच्छा प्रकट की है। हम आपकी इस इच्छा का आदर करते हैं, किन्तु हमें खेद है कि हमें आपका आवेदन देर से प्राप्त हुआ।

दरअसल, हमने अपना सोल एजेन्ट नियुक्त कर लिया है। परन्तु हमने आपके आवेदन-पत्र को अपनी फाइल में सुरक्षित रख लिया है। यदि भविष्य में हमें ऐसी कोई आवश्यकता हुए, तब हम आपसे अवश्य सम्पर्क करेंगे।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर.....
(ए. के. लिंगम)
प्रबन्धक
लिंगम पेस्टीसाइड्स प्रा. लि.

(5) उत्पाद की लोकप्रियता के कारण अंशधारियों को नए अंश देने सम्बन्धी पत्र लिखिए।

टाटा टी लिमिटेड
वैलिंगटन रोड,
मुम्बई।

दिनांक 15 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
श्री रमेशचन्द जैन,
ढोलीखार,
आगरा।

विषय- अंशधारियों को नए अंश देने हेतु।

महोदय,
हम हर्ष के साथ आपको सूचित कर रहे हैं कि उच्च गुणवत्ता वाली चाय के कारण हमारी कम्पनी ने बाजार में पूर्ण विश्वास हासिल कर लिया है। हमारी चाय के आगे अन्य चाय कम्पनियों की चाय की लोकप्रियता फीकी पड़ गई है और बाजार में हमारी चाय की माँग काफी बढ़ गई है, जिसके फ़लस्वरुप हमें देशभर से चाय भेजने के ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं।

अतः चाय की माँग को पूरा करने के लिए निदेशक मण्डल ने कम्पनी में एक नया अनुभाग प्रारम्भ करने का निश्चय किया है, ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके। कम्पनी ने यह निर्णय भी लिया है कि 50 लाख के नए शेयर जारी करके सम्पत्ति का प्रबन्ध किया जाए। प्रत्येक शेयर का मूल्य 100 होगा। ये शेयर हम पुराने शेयरहोल्डरों को ही देंगे। आप हमारे पुराने शेयरहोल्डर हैं, यदि आप शेयर खरीदने के इच्छुक हों, तो कृपया सूचित करें।

निदेशक मण्डल की आज्ञा से।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर......
(वी. के. राजपूत)
सचिव

(6) माल प्राप्त न होने के कारण रेलवे से क्षतिपूर्ति लेने हेतु रेलवे अधीक्षक को पत्र लिखिए।

नामदेव शू पैलेस,
चाँदनी चौक,
नई दिल्ली।

दिनांक 26 मई, 20XX

सेवा में,
मुख्य वाणिज्यिक अधीक्षक,
उत्तर रेलवे,
नई दिल्ली।

विषय- माल प्राप्त न होने पर रेलवे से क्षतिपूर्ति लेने हेतु।

महोदय,
हमें सहारनपुर के मुख्य पार्सल लिपिक ने सूचना दी है कि दिनांक 16 मई, 20XX को R/R संख्या 67564/XX के द्वारा बुक किया गया हमारा माल अभी तक नहीं पहुँचा है।

माल बुक करने के 10 दिन पश्चात् भी माल के न पहुँचने का सीधा अर्थ है कि माल रास्ते में कहीं गुम हो गया है। इसलिए हम उक्त माल की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए R/R की मूल प्रति तथा 25 हजार का बिल इस पत्र के साथ संलग्न कर रहे हैं।

आपसे निवेदन है कि हमारी क्षतिपूर्ति हेतु आप शीघ्र कार्रवाई करने का कष्ट करें।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर....
(सुरेन्द्र नामदेव)
प्रबन्धक
(नामदेव शू पैलेस)

(7) अपने बिल का भुगतान करने के लिए कम्पनी से अतिरिक्त समय की माँग करते हुए पत्र लिखिए।

दीवान एण्ड सन्स,
सोनीपत,
हरियाणा।

दिनांक 26 मई, 20XX

सेवा में,
देशबन्धु एक्सपोर्ट्स प्रा. लि.,
जलियाँवाला बाग,
अमृतसर।

विषय- बिल के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय की माँग हेतु।

महोदय,
आपके द्वारा 24 मई, 20XX को भेजे गए पत्र के माध्यम से हमें हमारे एकाउण्ट का पूर्ण विवरण प्राप्त हुआ। हमें आपके 2 लाख का भुगतान करना है।

जैसा कि आप जानते हैं हमने आपके बिलों का भुगतान सदैव समय से किया है और आगे भी समय से करते रहेंगे, किन्तु इस बार किन्हीं विशेष परिस्थितियोंवश हमें आपसे कहना पड़ रहा है कि पिछले बकाया की अदायगी के लिए हमें कुछ दिनों का अतिरिक्त समय देने की कृपा करें। अभी हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, किन्तु हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि अगले तीन महीनों में हम आपकी अब तक की पूर्ण राशि का भुगतान कर देंगे।

आपके सहयोग की अपेक्षा में।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर ......
(विकास शर्मा)
प्रोपाइटर
(दीवान एण्ड सन्स)

ऑर्डर सम्बन्धी पत्र

व्यापार में ऑर्डर सम्बन्धी पत्र, वे पत्र होते हैं; जिनके द्वारा माल के ऑर्डर लिए अथवा दिए जाते हैं। किसी भी माल का ऑर्डर देते समय पत्र में उसकी किस्म, मात्रा, साइज, डिजाइन, पैकिंग, माल भेजने का तरीका, तिथि आदि का उल्लेख किया जाना चाहिए। यदि माल नाजुक अथवा कीमती है, तब इस सम्बन्ध में पत्र में माल का बीमा आदि करवाने हेतु निर्देश दिए जाने चाहिए। इसके अलावा यदि किसी फर्म को पहला ऑर्डर भेजा जा रहा है, तब भुगतान के ढंग का उल्लेख किया जाना आवश्यक है। यदि ऑर्डर में उधार माल भेजने की माँग की गई है, तब व्यापार सन्दर्भों का उल्लेख होना जरूरी है। कई बार माल का आर्डर कैन्सिल करना पड़ सकता है। ऐसे समय में खेद प्रकट करते हुए, भविष्य में इस प्रकार की सावधानी बरतने सम्बन्धी पत्र अवश्य भेजा जाना चाहिए।

यहाँ हम ऑर्डर सम्बन्धी कुछ पत्रों के माध्यम से इसे बेहतर ढंग से समझते हैं-

(1) पुस्तक विक्रेता को पुस्तकों का ऑर्डर देने के सम्बन्ध में बुको डिपो के प्रबन्धक की ओर से पत्र लिखिए।

श्याम बुक डिपो,
आदर्श नगर,
दिल्ली।

दिनांक 26 मई, 20XX

सेवा में,
विक्रय व्यवस्थापक,
अरिहन्त पब्लिकेशन्स (इण्डिया) लिमिटेड
कालिन्दी, टी.पी. नगर,
मेरठ (उ.प्र)।

विषय- पुस्तकों का ऑर्डर देने के सम्बन्ध में।

महोदय,
हमें आपके प्रतिनिधि से आपके संस्थान से प्रकाशित पुस्तकों की मूल्यों सहित नवीन सूची प्राप्त हुई है। हम आपके यहाँ से कुछ पुस्तकें रेल पार्सल द्वारा मँगवाना चाहते हैं।

पुस्तक का नाम प्रतियों की संख्या मुद्रित मूल्य
व्यापारिक पत्र लेखन 20 110
समसामयिकी महासागर (सामान्य विज्ञान-।) 30 110
साक्षात्कार 20 70

पुस्तकें भेजने से पहले कृपया यह देख लें कि वे कटी-फटी अथवा पुराने संस्करण की न हो।

धन्यवाद।

भवदीय,
हस्ताक्षर .....
(श्याम कुमार)
प्रबन्धक
(श्याम बुक डिपो)