Muhavare(Idioms)(मुहावरे)


(8) ('नाक' पर मुहावरे)

नाक कट जाना (प्रतिष्ठा नष्ट होना)- पुत्र के कुकर्म से पिता की नाक कट गयी।

नाक काटना (बदनाम करना)- भरी सभा में उसने मेरी नाक काट ली।

नाक-भौं चढ़ाना (क्रोध अथवा घृणा करना)- तुम ज्यादा नाक-भौं चढ़ाओगे, तो ठीक न होगा।

नाक में दम करना (परेशान करना)- शहर में कुछ गुण्डों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है।

नाक का बाल होना (अधिक प्यारा होना)- मैनेजर मुंशी की न सुनेगा तो किसकी सुनेगा ?वह तो आजकल उसकी नाक का बाल बना हुआ है।

नाक रगड़ना (दीनतापूर्वक प्रार्थना करना)- उसने मालिक के सामने बहुत नाक रगड़ी, पर सुनवाई न हुई।

नाकों चने चबवाना (तंग करना)- भारतीयों ने अंगरेजों को नाकों चने चबवा दिये।

नाक पर मक्खी न बैठने देना (निर्दोष बचे रहना)- उसने कभी नाक पर मक्खी बैठने ही न दी।

नाक पर गुस्सा (तुरन्त क्रोध)- गुस्सा तो उसकी नाक पर रहता है।

नाक रखना (प्रतिष्ठा रखना)- क्रिकेट में जय ने कॉमर्स कॉलेज की नाक रख ली।

नाक-भौं सिकोड़ना (घृणा करना, सहन न कर पाना)- वह तो मुझे देखते ही नाक-भौं सिकोड़ने लगता है।

नाक-कान काटना (बहुत अधिक अपमानित करना)- उन्होंने अपने मित्रों के अपमान के बदले अपनी चतुराई से कितने ही सामंतों के सरे-दरबार नाक-कान काटे।

नाक ऊँची होना (प्रतिष्ठा बढ़ना)- पिछले टेस्ट-क्रिकेट में जीत के कारण हमारी नाक ऊँची हो गयी।

नाक रहना (इज्जत बचना)- भीम ने दुश्शासन को पछाड़कर द्रौपदी की नाक रख ली।

(9) ('मुँह' पर मुहावरे)

मुँह छिपाना (लज्जित होना)- वह मुझसे मुँह छिपाये बैठा है।

मुँह पकड़ना (बोलने से रोकना)- लोकतन्त्र में कोई किसी का मुँह नहीं पकड़ सकता।

मुँह उतरना (उदास होना)- परीक्षा में असफल होने पर श्याम का मुँह उतर आया।

मुँह पर कालिख लगना (कलंकित होना)- चोरी करते पकड़े जाने पर राजू के मुँह पर कालिख लग गई।

मुँह पर ताला लगना (चुप रहने के लिए विवश होना)- कक्षा में अध्यापक के आने पर सब छात्रों के मुँह पर ताला लग जाता है।

मुँह पर थूकना (बुरा-भला कहना)- कालू की करतूत देखकर सब उसके मुँह पर थूक गए।

मुँह फुलाना (अप्रसन्नता या असंतुष्ट होकर रूठ कर बैठना)- शांति सुबह से ही अपना मुँह फुलाए घूम रही है।

मुँह सिलना (चुप रहना)- मैंने तो अपना मुँह सिल लिया है। तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हारे विरुद्ध कुछ नहीं बोलूँगा।

मुँह काला करना (कलंकित होना)- दुश्चरित्र महिलाएँ न जाने कहाँ-कहाँ मुँह काला कराती फिरती है।

मुँह चुराना (सम्मुख न आना)- इस तरह समाज में कब तक मुँह चुराते फिरोगे। जाकर प्रधान जी से अपनी गलती की माफी माँग लो।

मुँह जूठा करना (थोड़ा-सा खाना/चखना)- यदि भूख नहीं है तो कोई बात नहीं। थोड़ा-सा मुँह जूठा कर लीजिए।

मुँहतोड़ जबाब देना (ऐसा उत्तर देना कि दूसरा कुछ बोल ही न सके)- मैंने ऐसा मुँहतोड़ जबाब दिया कि सबकी बोलती बंद हो गई।

मुँह निकल आना (कमजोरी के कारण चेहरा उतर जाना)- एक सप्ताह की बीमारी में ही उसका मुँह निकल आया है।

मुँह की बात छीन लेना (दूसरे के मन की बात कह देना)- आपने यह बात कहकर तो मेरे मुँह की बात छीन ली। मैं भी यही बात कहना चाहता था।

मुँह में खून लगना (अनुचित लाभ की आदत पड़ना)- इस थानेदार के मुँह में खून लग गया है। बेचारे गरीब सब्जी वालों से भी हफ़्ता-वसूली करता है।

मुँह मोड़ना (उपेक्षा करना)- जब ईश्वर ही मुँह मोड़ लेता है तब दुनिया में कोई सहारा नहीं बचता।

मुँह लगाना (बहुत स्वतंत्रता देना)- ऐसे घटिया लोगों को मैं मुँह नहीं लगाता।

मुँह बंद कर देना (शांत कराना)- तुम धमकी देकर मेरा मुँह बंद कर देना चाहते हो

मीठी छुरी (छली-कपटी मनुष्य)- वह तो मीठी छुरी है, मैं उसकी बातों में नहीं आती।

मुँह अँधेरे (बहुत सवेरे)- वह नौकरी के लिए मुँह अँधेरे निकल जाता है।

मुँह काला होना (अपमानित होना)- उसका मुँह काला हो गया, अब वह किसी को क्या मुँह दिखाएगा।

मुँह की खाना (हारना/पराजित होना)- इस बार तो राजू पहलवान ने मुँह की खाई है, पिछली बार वह जीता था।

मुँह धो रखना (आशा न रखना)- यह चीज अब मिलने को नही मुँह धो रखिए।

मुँह में पानी आना (लालच होना)- मिठाई देखते ही उसके मुँह में पानी भर आया।

मुँह पर (या चेहरे पर) हवाई उड़ना) (घबराना)- मास्टर साहब की आहट पाते ही उसके मुँह पर हवाई उड़ने लगी।

मुँह में लगाम न होना (बिना समझे बोलना)- जिसके मुँह में लगाम नहीं, उससे सँभलकर बात करो।

मुँह मीठा करना (शकुन-सूचक मिठाई खिलाना। भाई ! मुँह मीठा कराओ, तुम्हें लड़का हुआ है।

मुँह माँगी मुराद पाना (इच्छानुकूल वस्तु पाना)- यह सुलक्षणा पत्नी ! मुँह माँगी मुराद पा गये हो यार !

मुँह खुलना- (उदण्डतापूर्वक बातें करना, बोलने का साहस होना)

मुँह देना, या डालना- (किसी पशु का मुँह डालना)

मुँह बन्द होना- (चुप होना)

मुँह से लार टपकना- (बहुत लालची होना)

मुँह काला होना- (कलंक या दोष लगना)

मुँह धो रखना- (आशा न रखना)

मुँहफट हो जाना- (निर्लज्ज होना)

मुँह रखना- (लिहाज रखना)

मुँहदेखी करना- (पक्षपात करना)

मुँह चुराना- (संकोच करना)

मुँह चाटना- (खुशामद करना)

मुँह भरना- (घूस देना)

मुँह लटकना- (रंज होना)

मुँह आना- (मुँह की बीमारी होना)

मुँह की खाना- (परास्त होना)

मुँह सूखना- (भयभीत होना)

मुँह ताकना- (किसी का आसरा करना)

मुँह से फूल झड़ना- (मधुर बोलना)

मुँह में घी-शक्कर- (किसी अच्छी भविष्यवाणी का अनुमोदन करना)

मुँह से मुँह मिलाना- (हाँ-में-हाँ मिलाना, बही-खाता आदि में हिसाब सही न लिखकर भी जमा-खर्च या उत्तर सही लिख देना )

(10) ('दाँत' पर मुहावरे)

दाँत दिखाना (खीस काढ़ना)- खुद ही देर की और अब दाँत दिखाते हो।

दाँत गिनना (उम्र पता लगाना)- कुछ लोग ऐसे है कि उनपर वृद्धावस्था का असर ही नहीं होता। ऐसे लोगों के दाँत गिनना आसान नहीं।

दाँत निपोरना (गिड़गिड़ाना)- क्यों दाँत निपोरकर भीख माँग रहे हो, काम क्यों नहीं करते ?

दाँत पीसना (बहुत क्रोधित होना)- रमेश तो बात-बात पर दाँत पीसने लगता है।

दाँत काटी रोटी होना (अत्यन्त घनिष्ठता होना या मित्रता होना)- आजकल राम और श्याम की दाँत काटी रोटी है।

दाँत खट्टे करना (परास्त करना, हराना)- महाभारत में पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए थे।

दाँतों तले उँगली दबाना (दंग रह जाना)- जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।

दाँत गड़ाना(कुछ हड़पने के लिए दृढ़ होना)- मेरी बगिया पर तुम दाँत जमाये हो; मैं फौजदारी तक देख लूँगा।

दाँत से दाँत बजना (बहुत जाड़ा पड़ना)- इस साल दिसंबर में दाँत बजने की नौबत आ गयी।

दाँत तोड़ना (बेकाम करना)- साँप के दाँत तोड़ दो, और उसे मदारी की तरह नचाओ।

दाँतों में जीभ-सा रहना (शत्रुओं से घिरा रहना)- लंका में विभीषण दाँतों में जीभ-से रहते थे।

दाँत खट्टे करना- (पस्त करना)

तालू में दाँत जमना- (बुरे दिन आना)

दाँत जमाना- (अधिकार पाने के लिए दृढ़ता दिखाना)

दाँत गिनना- (उम्र बताना)

(11) ('बात' पर मुहावरे)

बात का धनी (वायदे का पक्का)- मैं जानता हूँ, वह बात का धनी है।

बात की बात में (अति शीघ्र)- बात की बात में वह चलता बना।

बात चलाना (चर्चा चलाना)- कृपया मेरी बेटी के ब्याह की बात चलाइएगा ।

बात तक न पूछना (निरादर करना)- मैं विवाह के अवसर पर उसके यहाँ गया, पर उसने बात तक न पूछी।

बात बढ़ाना (बहस छिड़ जाना)- देखो, बात बढाओगे तो ठीक न होगा।

बात बनाना (बहाना करना)- तुम्हें बात बनाने से फुर्सत कहाँ ?

(13) ('गर्दन' पर मुहावरे)

गर्दन उठाना (प्रतिवाद करना)- सत्तारूढ़ सरकार के विरोध में गर्दन उठाना टेढ़ी खीर है।

गर्दन पर सवार होना (पीछा न छोड़ना)- जब देखो, तब मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।

गर्दन काटना (जान से मारना, हानि पहुँचाना)- वह तो उनकी गर्दन काट डालेगा। झूठी शिकायत कर क्यों गरीब की गर्दन काटने पर तुले हो ?

गर्दन पर छुरी फेरना- (अत्याचार करना)

(12) ('सिर' पर मुहावरे)

सिर उठाना (विरोध में खड़ा होना)- देखता हूँ, मेरे सामने कौन सिर उठाता है ?

सिर भारी होना (सिर में दर्द होना, शामत सवार होना)- मेरा सिर भारी हो रहा है। किसका सिर भारी हुआ है जो इसकी चर्चा करें ?

सिर पर सवार होना (पीछे पड़ना)- तुम कब तक मेरे सिर पर सवार रहोगे ?

सिर से पैर तक (आदि से अन्त तक)- तुम्हारी जिन्दगी सिर से पैर तक बुराइयों से भरी है।

सिर पीटना (शोक करना)- चोर उस बेचारे की पाई-पाई ले गये। सिर पीटकर रह गया वह।

सिर पर भूत सवार होना (एक ही रट लगाना, धुन सवार होना)- मालूम होता है कि घनश्याम के सिर पर भूत सवार हो गया है, जो वह जी-जान से इस काम में लगा है।

सिर फिर जाना (पागल हो जाना)- धन पाकर उसका सिर फिर गया है।

सिर चढ़ाना (शोख करना)- बच्चों को सिर चढ़ाना ठीक नहीं।

सिर आँखों पर बिठाना (बहुत आदर-सत्कार करना)- घर पर आए गुरुजी को छात्र ने सिर आँखों पर बिठा लिया।

सिर ऊँचा उठाना (इज्जत से खड़ा होना)- अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

सिर खाली करना (बहुत या बेकार की बातें करना)- कल भवेश ने घर आकर मेरा सिर खाली कर दिया।

सिर पर आसमान उठाना (बहुत शोरगुल करना)- माँ के बिना बच्चे ने सिर पर आसमान उठा लिया है।

सिर पर कफ़न बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना)- सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।

सिर पर पाँव रख कर भागना (बहुत तेजी से भाग जाना)- पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना (कार्यारम्भ में विघ्न पड़ना)- यदि मैं जानता कि सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ेंगे तो विवाह के नजदीक ही न जाता।

सिर सफेद होना (बुढ़ापा होना)- अब नरेश का सिर सफेद हो गया है।

सिर पर आ जाना (बहुत नजदीक होना)- परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

सिर खुजलाना (बहलाना करना)- सिर न खुजलाओ, देना है तो दो।

सिर खाना (व्यर्थ की बातों से तंग करना)- मेरा सिर मत खाओ। मैं वैसे ही परेशान हूँ।

सिर नीचा करना (इज्जत बढ़ाना)- रमानाथ के अकेले बेटे ने अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया।

सिर चढ़ना (अशिष्ट या उदंड होना)- आपके बच्चे बहुत सिर चढ़ गए हैं। किसी की सुनते तक नहीं।

सिर पटकना (पछताना)- पहले तो मेरी बात नहीं मानी अब सिर पटकने से क्या होगा?

सिर पर खड़ा रहना (बहुत निकट रहना)- आप उसे कुछ समय के लिए अकेले भी छोड़ दिया करो। चौबीसों घंटे उसके सिर पर खड़े रहना ठीक नहीं है।

सिर पर तलवार लटकना (खतरा होना)- इस कंपनी में नौकरी करने पर हमेशा सिर पर तलवार ही लटकी रहती है कि कब कोई गलती हुई और नौकरी से निकाल दिए गए।

सिर फिरना (पागल हो जाना)- उसे मत छेड़ो। अगर उसका सिर फिर गया तो तुम लोगों की शामत आ जाएगी।

सिर मुड़ाते ओले पड़ना (कार्य आरंभ करते ही विघ्न पड़ना)- हमने व्यापार आरंभ किया ही था कि पुलिस वालों ने आकर हमारा लाइसेंस ही रद्द कर दिया। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना।

सिर चढ़कर बोलना (साक्षात् प्रभावशाली होना)- उसकी लेखनी में ऐसा जादू है, जो सिर चढ़कर बोलता है।

सिर गंजा कर देना (बहुत पीटना)- बदमाशी करोगे तो सिर गंजा कर दूँगा।

सिर ऊखल में देना (जान-बूझकर आफत मोल लेना)- जब सिर ऊखल में दिया तो मूसल का क्या डर ?

सिर का बोझ टलना (निश्र्चिंत होना)- बेटी का ब्याह हुआ, तो समझो सिर का बोझ टला।

सिर आँखों पर होना- (सहर्ष स्वीकार होना)

सिर खुजलाना- (बहाना करना)

सिर धुनना- (शोक करना)

(14) (हाथ पर मुहावरे)

हाथ पैर मारना (काफी प्रयास )- राम कितना मेहनत क्या फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हुआ।

हाथ मलना (पछताना )- समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ ?

हाथ देना (सहायता करना )- आपके हाथ दिये बिना यह काम न होगा।

हाथ का खिलौना (किसी के आदेश के अनुसार काम करने वाला व्यक्ति)- बेचारा राजू इन दुष्टों के हाथ का खिलौना बन गया है।

हाथ पर हाथ धरे बैठना (कुछ कामकाज न करना)- राजू एम.ए. करने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

हाथ भर का कलेजा होना (बहुत खुश होना)- अच्छी नौकरी मिलने से राम का हाथ भर का कलेजा हो गया है।

हाथों में चूड़ियाँ पहनना (कायरता का काम करना)- कायर! जाओ, हाथ में चूड़ियाँ पहनकर बैठे रहो।

हाथ को हाथ न सूझना (घना अंधकार होना)- घर में पार्टी चल रही थी कि अचानक बिजली चली गई। चारों ओर अँधेरा छा गया, हाथ को हाथ भी नहीं सूझ रहा था।

हाथ साफ करना (चोरी करना)- बस की भीड़ में मेरी जेब पर किसी ने हाथ साफ कर दिया।

हाथ पर हाथ धरे बैठना (बेकार बैठे रहना)- हाथ पर हाथ धरे बैठने से सफलता पाँव नहीं चूमती।

हाथ लगाना (आरंभ करना)- उसने मकान में हाथ लगा दिया है।

हाथ मलना (पछताना)- काम बिगड़ जाने पर हाथ मलने से क्या फायदा।

हाथ उठाना (पीटना)- बच्चों पर ज्यादा हाथ उठाओगे तो वे शोख हो जाएँगे।

हाथ खींचना (सहायता बंद करना)- उसने इन दिनों अनेक संस्थाओं से हाथ खींच लिया है।

हाथ फैलना (याचना करना)- हाथ फैलाने की आदत बुरी हैं।

हाथ साफ करना (चुरा लेना)- वह जिस बारात में जाता है, बिना हाथ साफ किये नहीं लौटता।

हाथ लगना (काम में आना)- तुम भला किसी के हाथ लगोगे।

हाथ पर सरसों जमाना (शीघ्र चाहना)- हाथ पर सरसों जमाने से काम खराब हो जाता है।

हाथ आना- (अधिकार में आना)

हाथ खींचना- (अलग होना)

हाथ खुजलाना- (किसी को पीटने को जी चाहना

हाथ देना- (सहायता देना)

हाथ पसारना- (माँगना)

हाथ बँटाना- (मदद करना)

हाथ गरम करना- (घूस देना)

हाथ चूमना- (हर्ष व्यक्त करना)

हाथ धोकर पीछे पड़ना- (जी-जान से लग जाना)

हाथ मारना- (उड़ा लेना, लाभ उठाना)

हाथ धो बैठना- (आशा खो देना)

हाथापाई करना- (मुठभेड़ होना)

हाथ पकड़ना- किसी स्त्री को पत्नी बनाना, आश्रय देना)

(15) ( मिथकीय/ऐतिहासिक नामों से संबद्ध मुहावरे )

अलाउदीन का चिराग- (आश्चर्यजनक वस्तु)

इन्द्र का अखाड़ा- (रास-रंग से भरी सभा)

इन्द्रासन की परी- (बहुत सुंदर स्त्री)

कर्ण का दान- (महादान)

कारूं का खजाना- (अतुल धनराशि)

कुबेर का धन/कोश- (अतुल धनराशि)

कुम्भकर्णी नींद- (बहुत गहरी, लापरवाही की नींद)

गोबर गणेश- (मूर्ख, बुद्धू, निकम्मा)

गोरख धंधा- (बखेड़ा, झंझट)

चाणक्य नीति- (कुटिल नीति)

छुपा रुस्तम- (असाधारण किन्तु अप्रसिद्ध गुणी)

तीसमार खां बनना- (अपने को बहुत शूरवीर समझना और शेखी बघारना)

तुगलकी फरमान- (जनता की सुविधा-असुविधा का ख्याल किये बिना जारी किया गया शासनादेश

दूर्वासा का रूप- (बहुत क्रोध करना)

दुर्वासा का शाप- (उग्र शाप)

धन-कुबेर- (अधिक धनवान)

नादिरशाही हुक्म- (मनमाना हुक्म)

नारद मुनि- (इधर-उधर की बातें कर कलह कराने वाला व्यक्ति)

परशुराम का कोप- (अत्यधिक क्रोध)

पांचाली चीर- (बड़ी लंबी, समाप्त न होनेवाली वस्तु)

ब्रह्म पाश/फांस- (अत्यधिक मजबूत फंदा)

भगीरथ प्रयत्न- (बहुत बड़ा प्रयत्न)

भीष्म प्रतिज्ञा- (कठोर प्रतिज्ञा)

महाभारत- (भयंकर झगड़ा, भयंकर युद्ध)

महाभारत मचना- (खूब लड़ाई-झगड़ा होना)

यमलोक भेजना- (मार डालना)

राम बाण- (तुरन्त प्रभाव दिखाने या कभी न चूकने वाली चीज)

राम राज्य- (ऐसा राज्य जिसमें बहुत सुख हो)

राम कहानी- (अपनी कहानी, आपबीती)

राम जाने- (मुझे नहीं मालूम, एक प्रकार की शपथ खाना)

राम नाम सत्त हो जाना- (मर जाना)

रामबाण औषध- (अचूक दवा)

राम राम करना- (नमस्कार करना, भगवान का नाम जपना)

लंका काण्ड- (भयंकर विनाश)

लंका ढहाना- (किसी का सत्यानाश कर देना)

लक्ष्मण रेखा- (अलंघ्य सीमा या मर्यादा)

विभीषण- (घर का भेदी/ भेदिया)

शेखचिल्ली के इरादे- (हवाई योजना, अमल में न आने वाले (कार्य रूप में परिणत न होने वाले) इरादे

सनीचर सवार होना- (दुर्भाग्य आना, बुरे दिन आना)

सुदामा की कुटिया- (गरीब की झोंपड़ी)

हम्मीर हठ-(अनूठी आन)

हातिमताई- (दानशील, परोपकारी)