Muhavare(Idioms)(मुहावरे)


( ल )

लोहे के चने चबाना ( कठिनाई झेलना)- भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।

लकीर का फकीर होना (पुरानी प्रथा पर ही चलना)- ये अबतक लकीर के फकीर ही है। टेबुल पर नही, चौके में ही खायेंगे।

लोहा मानना (किसी के प्रभुत्व को स्वीकार करना)- क्रिकेट के क्षेत्र में आज सारे देशों की टीमें आस्ट्रेलिया की टीम का लोहा मानती हैं।

लेने के देने पड़ना (लाभ के बदले हानि)- नया काम हैं। सोच-समझकर आगे बढ़ना। कहीं लेने के देने न पड़ जायें।

लँगोटी पर (में) फाग खेलना- (अल्पसाधन होते हुए भी विलासी होना)

लँगोटिया यार (बचपन का दोस्त)- अभिषेक मेरा लँगोटिया यार है।

लल्लो-चप्पो करना (खुशामद करना, चिरौरी करना)- विनोद ल्लो-चप्पो करके अपना काम चलाता है।

लाल-पीला होना (नाराज होना)- राजू के कक्षा में शोर मचाने पर अध्यापक लाल-पीले हो गए।

लुटिया डूबना (काम चौपट हो जाना)- रामू ने नया कारोबार किया था, उसकी लुटिया डूब गई।

लंबी-चौड़ी हाँकना (गप्प मारना)- मोहन कक्षा में लंबी-चौड़ी हाँक रहा था तभी अध्यापक आ गए और वह खामोश हो गया।

लकीर पीटना (बिना सोचे-समझे पुरानी प्रथा पर चलना)- कब तक यूँ ही लकीर पीटती रहोगी? जमाने के साथ अपने को बदलना सीखो।

लगाम कड़ी करना (सख्ती से नियंत्रण करना/सख्ती करना)- प्रधानाचार्य ने लगाम कड़ी की तो सभी समय पर आने लगे।

लगाम ढीली करना (सख्ती न करना/नियमों में नर्मी बरतना)- जरा-सी लगाम ढीली करने से मेरी कंपनी का कोई भी कर्मचारी अब समय पर नहीं आता।

लज्जा या शर्म से पानी-पानी होना (बहुत लज्जित होना)- अपनी गलती पर पंडित जी लज्जा से पानी-पानी हो गए।

लौ लगना (धुन लगना, प्रेम होना)- मधुरिमा को तो पढ़ाई की लौ लग गई है। दिन रात पढ़ने में ही लगी रहती है।

लंका कांड होना (लड़ाई-झगड़ा होना)- आज सीमा का अपने पड़ोसी से लंका कांड हो गया।

लंबे हाथ मारना (खूब धन प्राप्त करना)- शंकर आजकल लंबे हाथ मार रहा हैं।

लकड़ी होना (अत्यन्त दुर्बल होना)- बीमारी में बिट्टू लकड़ी हो गया है।

लाख टके की बात (अत्यंत उपयोगी और सारगर्भित बात)- आचार्य जी हमेशा लाख टके की बात कहते हैं।

लोट-पोट कर देना (बहुत हँसाना)- दादा कोंडके की फिल्में हमें लोट-पोट कर देती हैं।

लोहा लेना (सामना करना)- 1857 के संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया।

लंका ढहाना (किसी संपन्न देश/परिवार का सत्यानाश कर देना)- अपने चाचा को समझाओ वे क्यों विभीषण की तरह अपने परिवार की लंका ढहाने पर लगे हुए हैं।

लहू का घूँट पीकर रह जाना (विवशतावश क्रोध को पीकर रह जाना)- गलती न करने पर भी जब उस दरोगा ने जेल में बंद करने की धमकी दी तो मैं लहू का घूँट पीकर रह गया।

लगन लगना (प्रेम/भक्ति होना)- ईश्वर में जब लगन लग जाती है तो सारा संसार मिथ्या लगने लगता है।

लच्छेदार बातें करना (मजेदार बातें करना)- उसकी बातों में मत आ जाना। वह हमेशा लच्छेदार बातें करती है और लोगों को फँसा लेती है।

लट्टू होना (आसक्त होना, फिदा होना)- मदन की मतिभ्रष्ट हो गई है। कितनी घटिया लड़की पर लट्टू हो गया है।

लाले पड़ना (किसी चीज को देखने या पाने के लिए तरसना)- पिता जी के देहांत के बाद आमदनी के सारे रास्ते बंद हो गए और घर में खाने के भी लाले पड़ गए।

लुटिया डुबोना (काम चौपट करना)- अरे भाई, उस लड़के का साथ छोड़ दो वरना तुम्हारी भी लुटिया डुबो देगा।

लानत भेजना (धिक्कारना)- मैं तुम्हें लानत भेजता हूँ। निकल जाओ यहाँ से और फिर कभी अपना मनहूस चेहरा मत दिखाना।

लेने के देने पड़ना (लाभ के स्थान पर हानि होना)- शेयरों में इतना पैसा मत लगाओ। कहीं लेने के देने न पड़ जाएँ।

लीप-पोतकर बराबर करना (सर्वस्व बर्बाद कर देना)- जब से वह कंपनी का मैनेजर हुआ, उसने कंपनी का सारा हिसाब लीप-पोतकर बराबर कर दिया।

लाख से लाख होना- (कुछ न रह जाना)

लोहा बजना- (युद्ध होना)

लहू होना- (मुग्ध होना)

लग्गी से घास डालना- (दूसरों पर टालना)

( व )

वक्त पड़ना (मुसीबत आना)- वक्त पड़ने पर ही मित्र की पहचान होती है।

वज्र टूटना (भारी विपत्ति आना)- रामू के पिताजी के मरने के पश्चात् उस पर वज्र टूट पड़ा।

विष घोलना (किसी के मन में शक या ईर्ष्या पैदा करना)- राजू ने बनी-बनाई बात में विष घोल दिया।

विष उगलना (कड़वी बात कहना)- कालू हमेशा राजू के खिलाफ विष उगलता रहता है।

वेद वाक्य (सौ प्रतिशत सत्य)- हमारे शिक्षक की कही हर बात वेद वाक्य है।

वचन से फिरना (प्रतिज्ञा पूरी न करना)- तुमने जैसा कहा है मैं वैसा कर दूँगा लेकिन अपने वचन से फिरना मत।

वारा-न्यारा करना (निपटारा करना, खतम करना)- जब मेरा काम चलने लगेगा तो ऐसे कई लोगों का तो मैं वारा-न्यारा कर दूँगा।

वाहवाही लूटना (प्रशंसा पाना)- काम कोई करना नहीं चाहता। सिर्फ बिना कुछ करे-धरे वाहवाही लूटना चाहते हैं।

वीरगति को प्राप्त होना (मर जाना)- राणा प्रताप ने मुगल सेना का डट कर सामना किया और अंत में वीरगति को प्राप्त हुए।

वक़्त पर काम आना (विपत्ति में मदद करना)- सच्चे दोस्त ही वक्त पर काम आते हैं।

वार खाली जाना (चाल सफल न होना)- इस बार तो वार खाली गया, आगे क्या होता है ?

वचन हारना- (जबान हारना)

वचन देना- (जबान देना)

( श, ष )

शैेतान की खाला (बहुत ही दुष्ट स्त्री)- शांति तो शैेतान की खाला है।

शंख के शंख रहना (मूर्ख के मूर्ख बने रहना)- शंभू तो शंख का शंख ही रहा।

शक़्कर से मुँह भरना (खुशखबरी सुनाने वाले को मिठाई खिलाना)- रमेश ने दसवीं पास होने पर अपने मित्रों का शक़्कर से मुँह भर दिया।

शह देना (उत्साह बढ़ाना)- तुम शह न देते तो उनकी मजाल थी कि मुझे यूँ आँखें दिखाती।

शहद लगा कर चाटना (निरर्थक वस्तु को संभाल कर रखना)- मेरा काम हो गया, अब तुम इस फाइल को शहद लगा कर चाटो।

शेर होना (निर्भय और घृष्ट होना)- अपनी गली में तो कुत्ते भी शेर होते है।

शैेतान का बच्चा (बहुत नीच और दुष्ट आदमी)- वह वकील तो शैेतान का बच्चा है।

शेखी बघारना/मारना (अपनी झूठी प्रशंसा करना)- वह हमेशा अपनी शेखी ही बघारती रहती है और खुशामदी लोग उसकी हाँ में हाँ मिलाते रहते हैं।

शकुन देखना/विचारना (शुभ-अशुभ का विचार करना)- शकुन देखकर विवाह की तारीख तय कर लीजिए।

शरीर टूटना (शरीर में दर्द होना)- आज सुबह से ही मेरा शरीर टूट रहा है और जी मचला रहा है।

शह देना (उकसाना)- तुमने शह न दी होती तो आज वह मुझे गाली देकर न जाता।

शहद लगाकर चाटना (निरर्थक वस्तुओं को सँभाल कर रखना)- अब इन दस्तावेजों को वापस क्यों नहीं कर देते? क्या शहद लगाकर इनको चाटोगे?

शामत आना (बुरा समय आना)- सब ठीक ठाक चल रहा था। न जाने कहाँ से शामत आ गई और सब बर्बाद हो गई।

शिकस्त देना (पराजित करना)- शतरंज के खेल में मुझे कोई शिकस्त नहीं दे सकता।

शिगूफा खिलाना/छोड़ना (कोई अनोखी बात करना)- तुम हमेशा कोई-न-कोई नया शिगूफा क्यों छोड़ते रहते हो?

शीशे में अपना मुँह देखना (अपनी योग्यता पर विचार करना)- पहले शीशे में अपना मुँह देखो तब सोचो कि क्या तुम ऐसी सुंदर लड़की के लिए उपयुक्त हो?

शौक चर्राना (इच्छा का तीव्र होना)- तुम्हें अब इस बुढ़ापे में साइकिल चलाने का क्या शौक चर्राया है, कहीं गिर गिरा गए तो हड्डी-पसली टूट जाएगी।

शिकार हाथ लगना (मोटा असामी मिलना)- तुम्हें अच्छा शिकार हाथ लगा है।

शहीद होना (कुर्बान होना)- आजादी के लिए कितने दीवाने शहीद हो गये।

शोभा देना (उचित लगना)- तुम्हारे जैसे व्यक्ति के मुँह में ऐसी बात शोभा नहीं देती।

शोक चर्राना (चाह होना)- इन दिनों मुझे मुर्गी पालने का शौक चर्राया है।

शर्म से गड़ जाना- (अधिक लज्जित होना)

शर्म से पानी-पानी होना- (बहुत लजाना)

शान में बट्टा लगना- (इज्जत में धब्बा लगना)

शैेतान की आँत- (बहुत बड़ा)

श्रीगणेश करना (शुभारम्भ करना)- कोई शुभ दिन देखकर किसी शुभ कर्म का श्रीगणेश करना चाहिए।

षटराग (खटराग) अलापना- (रोना-गाना, बखेड़ा शुरू करना, झंझट करना)

( स )

सर्द हो जाना (डरना, मरना)- बड़ा साहसी बनता था, पर भूत का नाम सुनते ही सर्द हो गया।

साँप-छछूंदर की हालत (दुविधा)- पिता अलग नाराज है, माँ अलग। किसे क्या कहकर मनाऊँ ?मेरी तो साँप-छछूंदर की हालत है इन दिनों।

समझ (अक्ल) पर पत्थर पड़ना (बुद्धि भ्रष्ट होना)- रावण की समझ पर पत्थर पड़ा था कि भला कहनेवालों को उसने लात मारी।

सिक्का जमना (प्रभाव जमना)- आज तुम्हारे भाषण का वह सिक्का जमा कि उसके बाद बाकी वक्ता जमे ही नहीं।

सवा सोलह आने सही (पूरे तौर पर ठीक)- राम की सेना में हनुमान इसलिए श्रेष्ठ माने जाते थे कि हर काम में वे ही सवा सोलह आने सही उतरते थे।

सर धुनना (शोक करना)- राम परीक्षा में असफल होने पर सर धुनने लगी।

सर गंजा कर देना (खूब पीटना)- भागो यहाँ से, नही तो सर गंजा कर दूँगा।

सफेद झूठ (सरासर झुठ)- यह सफेद झूठ है कि मैंने उसे गाली दी।

संसार देखना (सांसारिक अनुभव प्राप्त करना)- गुरुजी ज्ञानी और विद्वान हैं। उन्होंने संसार देखा है।

संसार बसाना (विवाह करके कौटुम्बिक जीवन व्यतीत करना)- शंभू ने अपना संसार बसा लिया है।

संसार सिर पर उठा लेना (बहुत उपद्रव करना)- अंकुर और पुनीत जहाँ भी जाते हैं, संसार सिर पर उठा लेते हैं।

सनीचर सवार होना (बुरे दिन आना)- सुनील पर सनीचर सवार हो गया है तभी वह अपना घर बेच रहा है।

सरकारी मेहमान (कैदी)- मुन्ना झूठे आरोप में ही सरकारी मेहमान बन गया।

सराय का कुत्ता (स्वार्थी आदमी)- सब जानते हैं कि अभिषेक तो सराय का कुत्ता है तभी उसका कोई मित्र नहीं है।

साँप का बच्चा (दुष्ट व्यक्ति)- समर पूरा साँप का बच्चा है।

साँप लोटना (ईर्ष्या आदि के कारण अत्यन्त दुःखी होना)- राजू की सरकारी नौकरी लग गई तो पड़ोसी के साँप लोट गया।

सागपात समझना (तुच्छ समझना)- रामू को सागपात समझना बड़ी भूल होगी, वह तो बी.ए. पास है।

साया उठ जाना (संरक्षक का मर जाना)- सर से साया उठ जाने पर रवि अनाथ हो गया है।

सिर आँखों पर बिठाना (बहुत आदर-सत्कार करना)- घर पर आए गुरुजी को छात्र ने सिर आँखों पर बिठा लिया।

सिर ऊँचा उठाना (इज्जत से खड़ा होना)- अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

सिर खाली करना (बहुत या बेकार की बातें करना)- कल भवेश ने घर आकर मेरा सिर खाली कर दिया।

सिर पर आसमान उठाना (बहुत शोरगुल करना)- माँ के बिना बच्चे ने सिर पर आसमान उठा लिया है।

सिर पर कफ़न बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना)- सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।

सिर पर पाँव रख कर भागना (बहुत तेजी से भाग जाना)- पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना (कार्यारम्भ में विघ्न पड़ना)- यदि मैं जानता कि सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ेंगे तो विवाह के नजदीक ही न जाता।

सिर सफेद होना (बुढ़ापा होना)- अब नरेश का सिर सफेद हो गया है।

सिर पर आ जाना (बहुत नजदीक होना)- परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

सिर खुजलाना (बहलाना करना)- सिर न खुजलाओ, देना है तो दो।

सींकिया पहलवान (दुबला-पतला व्यक्ति, जो स्वयं को बलवान समझता है।)- शामू सींकिया पहलवान है फिर भी वह अपने आपको दारासिंह समझता है।

सूरज को दीपक दिखाना (जो स्वयं प्रसिद्ध या श्रेष्ठ हो उसके विषय में कुछ कहना)- आप जैसे व्यक्ति को कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाना हैं।

सूरज पर थूकना (नितान्त निर्दोष व्यक्ति पर लांछन लगाना)- अमर के बारे में कुछ कहना तो सूरज पर थूकना है।

सेर को सवा सेर मिलना (किसी जबरदस्त व्यक्ति को उससे भी बलवान या अच्छा व्यक्ति मिलना)- सेर को सवा सेर मिल गया, अब राजू को मजा आएगा।

सोने की चिड़िया (धनी देश)- हिन्दुस्तान इंग्लैण्ड के लिए सोने की चिड़ियाँ था।

स्वाहा होना (जल जाना, नष्ट या खत्म होना)- कल जरा-सी चिंगारी से सैकड़ों झुग्गियाँ स्वाहा हो गई।

संतोष की साँस लेना (राहत अनुभव करना)- बच्चे को गोद में लेकर नदी पार कर ली तब जाकर संतोष की साँस ली।

सकते में आना (चकित रह जाना)- हामिद मियाँ को इस पार्टी में देखकर वह सकते में आ गई। उसे यकीन ही नहीं होता था कि वह हामिद है।

सठिया जाना (बुद्धि नष्ट हो जाना)- वह अब सठिया गया है, इसलिए बहकी बातें करने लगा है। उसकी बातों का बुरा मत मानो।

सनक सवार होना (किसी काम को करने की धुन लग जाना)- मेरी छोटी बहन को गाना सीखने की सनक सवार हो गई है, इसलिए रोज शाम को विद्यालय जाती है।

सन्न रह जाना (कुछ करते न बनना)- इनकमटैक्स-अधिकारियों को अचानक अपने घर पर देखकर सेठजी सन्न रह गए।

सन्नाटा छाना (सब लोगों का चुप हो जाना, ख़ामोशी छा जाना)- भरी सभा में जब शर्मा जी दहाड़े तो चारों ओर सन्नाटा छा गया।

सबक मिलना (शिक्षा/दंड मिलना)- अच्छा हुआ जो मुरारी को इस बार परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। इससे दूसरे छात्रों को भी सबक मिलेगा।

सब्जबाग दिखाना (झूठी आशाएँ दिलाना)- कुछ एजेंट लोगों को विदेश भेजने की बातें करके सब्जबाग दिखाते हैं और उनसे पैसा लूटते हैं।

समाँ बाँधना (रंग जमाना)- आज लता जी ने कार्यक्रम में समाँ बाँध दिया।

सर्दी खाना (ठंड लग जाना)- कल सुबह मैं बिना मफलर लिए निकल गया और सर्दी खा गया। इस समय तेज बुखार है।

सरपट दौड़ाना (तेज दौड़ाना)- राणा प्रताप का घोड़ा युद्ध में सरपट दौड़ता था।

साँप को दूध पिलाना (दुष्ट को प्रश्रय देना)- नेताजी ने अपनी सुरक्षा के लिए एक गुंडे को रख लिया पर एक दिन उसी गुंडे ने गुस्से में नेताजी का ही खून कर दिया, इसलिए कहा जाता है कि साँप को दूध पिलाना अक्लमंदी नहीं है।

साँप सूँघ जाना (हक्का बक्का रह जाना)- बहुत गुंडागर्दी कर रहे थे, अब थानेदार साहब को देखकर क्यों साँप सूँघ गया?

साँस लेने की फुर्सत न होना (बहुत व्यस्त होना)- आजकल इतना काम है कि साँस लेने की फुर्सत नहीं है, मैं इन दिनों आपके साथ नहीं चल सकता।

सात खून माफ करना (बहुत बड़े अपराध माफ करना)- तुम तो पंडितजी के इतने प्यारे हो कि तुम्हें तो सात खून माफ हैं। तुम कुछ भी कर दोगे तो भी तुमसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा।

सात परदों में रखना (छिपाकर रखना)- उसने सेठजी को धमकी दी थी कि यदि वे अपनी बेटी को सात परदों में भी छिपाकर रखेंगे तो भी वह उसे ले जाएगा और उसी से शादी करेगा।

सातवें आसमान पर चढ़ना (घमंड होना)- पैसा आते ही तुम तो सातवें आसमान पर चढ़ गए हो। किसी की इज्जत भी नहीं करते।

सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना (बहुत डर जाना)- जब उस लड़के ने पिस्तौल निकाल ली तो वहाँ खड़े सब लोगों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

सिर खाना (व्यर्थ की बातों से तंग करना)- मेरा सिर मत खाओ। मैं वैसे ही परेशान हूँ।

सिर नीचा करना (इज्जत बढ़ाना)- रमानाथ के अकेले बेटे ने अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया।

सिर चढ़ना (अशिष्ट या उदंड होना)- आपके बच्चे बहुत सिर चढ़ गए हैं। किसी की सुनते तक नहीं।

सिर पटकना (पछताना)- पहले तो मेरी बात नहीं मानी अब सिर पटकने से क्या होगा?

सिर पर खड़ा रहना (बहुत निकट रहना)- आप उसे कुछ समय के लिए अकेले भी छोड़ दिया करो। चौबीसों घंटे उसके सिर पर खड़े रहना ठीक नहीं है।

सिर पर तलवार लटकना (खतरा होना)- इस कंपनी में नौकरी करने पर हमेशा सिर पर तलवार ही लटकी रहती है कि कब कोई गलती हुई और नौकरी से निकाल दिए गए।

सिर फिरना (पागल हो जाना)- उसे मत छेड़ो। अगर उसका सिर फिर गया तो तुम लोगों की शामत आ जाएगी।

सिर मुड़ाते ओले पड़ना (कार्य आरंभ करते ही विघ्न पड़ना)- हमने व्यापार आरंभ किया ही था कि पुलिस वालों ने आकर हमारा लाइसेंस ही रद्द कर दिया। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना।

सीधे मुँह बात न करना (घमंड करना)- उसे अपने पैसे का बहुत घमंड हैं। किसी से सीधे मुँह बात तक नहीं करती।

सुनी अनसुनी करना (ध्यान न देना)- इस तरह की बातों को सुनी अनसुनी कर देना चाहिए।

सुनते-सुनते कान पक जाना (एक ही बात को सुनते-सुनते ऊब जाना)- तुम्हारी बातें सुनते-सुनते तो मेरे कान पक गए हैं, अब कुछ मत बोलो।

सुर्खाब के पर लगना (कोई विशेष गुण होना)- उस लड़की में क्या सुर्खाव के पर लगे थे जो मुझे छोड़कर उसे नौकरी मिल गई।

सुईं का भाला बनाना (छोटी-सी बात को बढ़ाना)- इस मामले को यहीं समाप्त करो। इतनी-सी बात का सुईं का भाला मत बनाओ।

सूख कर काँटा हो जाना (बहुत कमजोर हो जाना)- आइ० ए० एस० की तैयार में क्या लगा रहा, वह तो एकदम सूखकर काँटा हो गया है।

सेंध लगाना (चोरी करने के लिए दीवार में छेद करना)- मेरे घर के पीछे की दीवार पर कल रात चोरों ने सेंध लगाने की कोशिश की थी।

सोने पे सुहागा (बेहतर होना)- सेठ दीनानाथ पहले से ही करोड़पति थे और अब उनकी लॉटरी भी निकल आई। इसे कहते हैं सोने पे सुहागा।

सौ बात की एक बात (असली बात, निचोड़)- सौ बात की एक बात यह है कि तू इधर-उधर के धंधे छोड़कर कहीं ठीक से नौकरी कर।

सौदा पटना (भाव ठीक होना)- अगर यह सौदा पट गया तो हम लोग मालामाल हो जाएँगे।

सब्ज बाग दिखाना (व्यर्थ की आशा दिलाना)- भाई ! कब तक सब्ज-बाग दिखाते रहोगे, कुछ मेरा काम भी तो करो।

सितारा चमकना या बुलंद होना (सौभाग्य के दिन आना)- इन दिनों इंदिराजी का सितारा चमक रहा है, बुलंद है।

सुबह का चिराग होना (समाप्ति पर आना)- वह बहुत दिनों से बीमार है। उसे सुबह का चिराग ही समझो।

सिप्पा भिड़ाना- (उपाय करना)

सात-पाँच करना- (आगे पीछे करना)

सैकड़ों घड़े पानी पड़ना- (लज्जित होना)

सन्नाटे में आना/सकेत में आना- (स्तब्ध हो जाना)

सब धान बाईस पसेरी- (सबके साथ एक-सा व्यवहार, सब कुछ बराबर समझना)

सात जनम में- (कभी भी)

सिंह का बच्चा होना- (बड़ा बहादुर होना)

षोडश श्रृंगार करना- (पूरी तरह सजना-धजना)

षटकरम करना- (बहुत झंझट/उपाय करना)

( ह )

हाथ पैर मारना (काफी प्रयास )- राम कितना मेहनत क्या फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हुआ।

हाथ मलना (पछताना )- समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ ?

हाथ देना (सहायता करना )- आपके हाथ दिये बिना यह काम न होगा।

हाथोहाथ (जल्दी )- यह काम हाथोहाथ होकर रहेगा।

हथियार डाल देना (हार मान लेना)- कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान ने हथियार डाल दिए थे।

हड्डी-पसली एक करना (खूब मारना-पीटना)- बदमाशों ने काशी की हड्डी-पसली एक कर दी।

हाथों के तोते उड़ जाना (भौंचक्का या स्तब्ध हो जाना)- मनोहर की आत्महत्या का समाचार पाकर घर में सबके हाथों के तोते उड़ गए।

हँसी-खेल समझना (किसी काम को सरल समझना)- सतीश पुस्तकें लिखना हँसी-खेल समझता है।

हजम करना (हड़प लेना)- प्रेम के माता-पिता के मरने पर उसकी सारी संपत्ति उसके मामा हजम कर गए।

हथेली पर सरसों जमाना (कोई कठिन काम तुरन्त करना)- जब सीमा ने राजू को दो घंटे में पूरी किताब याद करने को कहा तो राजू ने हथेली पर सरसों जमाने के लिए मना कर दिया।

हवा उड़ना (खबर या अफवाह फैलाना)- एक बार हमारे गाँव में हवा उड़ी थी कि एक पहुँचे हुए महात्मा आए हैं, जो कि सच थी।

हवा के घोड़े पर सवार होना (बहुत जल्दी में होना)- राजू तो हमेशा ही हवा के घोड़े पर सवार रहता है, इसलिए कभी उससे शांति से बात नहीं हो पाती।

हवा बिगड़ना (पहले की सी धाक या मर्यादा न रह जाना)- आजकल पुराने रईसों की हवा बिगड़ गई है।

हवा में किले बनाना (काल्पनिक योजनाएँ बनाना)- शंभू तो हमेशा हवा में किले बनाता रहता है।

हवा से बातें करना (हवा की तरह तेज दौड़ाना)- राणा प्रताप का घोड़ा हवा से बातें करता था।

हाथ का खिलौना (किसी के आदेश के अनुसार काम करने वाला व्यक्ति)- बेचारा राजू इन दुष्टों के हाथ का खिलौना बन गया है।

हाथ पर हाथ धरे बैठना (कुछ कामकाज न करना)- राजू एम.ए. करने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

हाथ भर का कलेजा होना (बहुत खुश होना)- अच्छी नौकरी मिलने से राम का हाथ भर का कलेजा हो गया है।

हाथों में चूड़ियाँ पहनना (कायरता का काम करना)- कायर! जाओ, हाथ में चूड़ियाँ पहनकर बैठे रहो।

हालत खस्ता होना (कष्टमय परिस्थिति होना)- बेरोजगारी में धरमचंद की हालत खस्ता है।

हिरण हो जाना (गायब हो जाना)- पुलिस को सामने देखकर शराबी का नशा हिरण हो गया।

हृदय उछलना (बहुत आनन्दित होना)- कन्हैया को चलते देखकर यशोदा का हृदय उछलने लगता था।

हृदय पत्थर हो जाना (निर्दय हो जाना)- आतंकवादियों का हृदय पत्थर हो गया है, वे तो बच्चों को भी मार डालते हैं।

होंठ काटना (क्रोधित होना)- रामू का जवाब सुनकर उसके पिताजी ने होंठ काट लिए।

होम करना (बलिदान करना)- चंद्रशेखर और भगत सिंह ने देश के लिए अपने प्राण होम कर दिए।

हक अदा करना (कर्तव्य पालन करना)- मैंने अपना हक अदा कर दिया है। अब आप अपना कर्तव्य पूरा कीजिए।

हजम करना (हड़प लेना)- मेरा माल तुम इस तरह से हजम नहीं कर सकते। मैं तुम्हें छोड़ूँगा नहीं।

हत्थे चढ़ना (वश में आना)- यदि वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया तो बच नहीं पाएगा, सीधे फाँसी ही होगी।

हथेली पर जान लिए फिरना (मरने को तैयार रहना)- जो सच में बहादुर होता है, वह हथेली पर जान लिए फिरता है, किसी से नहीं डरता।

हरी झंडी दिखाना (आगे बढ़ने का संकेत करना)- इस योजना के लिए आप हरी झंडी दिखाएँ, तो हम लोग काम शुरू कर सकते हैं।

हक्का-बक्का रह जाना (हैरान रह जाना)- जब मुझे यह खबर मिली कि तुम्हारे पिता जी आतंकवादियों से मिले हुए हैं तो मैं तो हक्का-बक्का रह गया।

हवा बदलना (स्थिति बदलना)- अन्ना हजारे के आंदोलन के कारण हवा बदल चुकी है। अगले चुनाव के परिणाम पहले जैसे नहीं होंगे।

हवाइयाँ उड़ाना (चेहरे का रंग पीला पड़ जाना)- जब सबके सामने उसकी पोल पट्टी खुली तो उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।

हवाई किले बनाना (काल्पनिक योजनाएँ बनाना)- परिश्रम न कर केवल हवाई किले बनाने वाले कभी सफल नहीं होते।

हाथ को हाथ न सूझना (घना अंधकार होना)- घर में पार्टी चल रही थी कि अचानक बिजली चली गई। चारों ओर अँधेरा छा गया, हाथ को हाथ भी नहीं सूझ रहा था।

हाथोंहाथ बिक जाना (बहुत जल्दी बिक जाना)- करीम अपने खेत से ताजे खरबूज तोड़ कर मंडी में ले गया। सारे खरबूज हाथोंहाथ बिक गए।

हाथ साफ करना (चोरी करना)- बस की भीड़ में मेरी जेब पर किसी ने हाथ साफ कर दिया।

होश उड़ जाना (घबड़ा जाना)- घर पहुँच कर जब मैंने देखा कि माँ बेहोश पड़ी है तो मेरे होश उड़ गए।

हाथ-पाँव फूल जाना (घबरा जाना)- किचिन में थोड़ा-सा काम क्या बढ़ जाता है, मेरी पत्नी के तो हाथ-पैर फूल जाते हैं।

हाथपाई होना (मारपीट होना)- मेरी क्लास के दो बच्चों में आज हाथपाई हो गई और दोनों को चोट लग गई।

हुक्का पानी बंद करना (जाति से बाहर कर देना)- रमाकांत की बेटी ने अंतर्जातीय विवाह किया तो सारे गाँव के लोगों ने उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया।

हेकड़ी निकालना (अभिमान चूर करना)- यदि मुझसे टक्कर ली तो मैं तुम्हारी सारी हेकड़ी निकालूँगा।

होड़ करना (प्रतिस्पर्धा करना)- बच्चों को आपस में हर मामले में होड़ नहीं करनी चाहिए।

होश सँभालना (वयस्क होना, समझदार होना)- बेचारे ने जब से होश सँभाला है तभी से गृहस्थी की चिंता में फँस गया है।

हौसला पस्त होना (हतोत्साहित होना)- जब इतनी मेहनत करने के बाद भी मनोनुकूल परिणाम नहीं मिलता तो हौसला पस्त होना स्वाभाविक ही है।

हौसला बढ़ाना (हिम्मत बढ़ाना)- अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों का हौसला बढ़ाते रहें तभी बच्चे कुछ अच्छा कर पाएँगे।

हजामत बनाना- (ठगना)

हवा लगना- (संगति का प्रभाव (बुरे अर्थ में)

हवा खिलाना- (कहीं भेजना)

हड़प जाना- (हजम कर जाना)

हल्का होना- (तुच्छ होना, कम होना)

हल्दी-गुड़ पिलाना- (खूब मारना)

हवा पर उड़ना- (इतराना)

हृदय पसीजना- (दयार्द्र होना, द्रवित होना)

हरिश्चन्द्र बनना- (सत्यवादी बनना)

हल्दी लगाना- (शादी होना)

हरियाली सूझना- (ख़ुशी में मग्न)

हवा हो जाना- (गायब हो जाना)

हाँ-में-हाँ मिलाना- (चापलूसी करना)

हाथ लगना- (पाना)

हाथ उठाकर देना- (ख़ुशी से देना)

हाथ काट के देना- (लिखकर दे देना)

हाथ चूमना- (काम देख प्रसन्न होना)

हाथ का मैल होना- (अति तुच्छ होना)

हाथ खींचना- (पीछे हटना)

हाथ जोड़ना- (संबंध न रखना)

हाथ डालना- (हस्तक्षेप करना)

हाथ बँटाना- (मदद करना)

हाथ साफ करना- (चोरी करना)

हाथ से निकल जाना- (अधिकार से जाना)

हाथापाई होना- (मार-पीट होना)

हाथ के तोते उड़ना- (बहुत घबड़ा जाना)

हाय-हाय करना- (संतोष न होना)

हिचकी बँधना- (बहुत रोना)

हुक्का पानी बंद करना- (जाति से निकालना)

हुलिया बिगड़ जाना- (चेहरा विकृत होना)

हेकड़ी दिखाना- (रोब दिखना)

हेटी होना- (अपमान होना)

होठ चाटना- (खाने का लोभ)

हऽ हऽ करना-(बहुत मजे में)

होश की दवा करना- (समझकर बात करना)

होश ठिकाने आना- (घमंड में चूर होना)

हौसला बुलंद होना- (जोश भरा होना)

हाय तोबा करना- (बड़ा परेशान होना)

हँसकर बात उड़ाना- (ध्यान न देखा)

हँसते-हँसते पेट में बल पड़ना- (बहुत हँसना)