Anuchchhed-Lekhan (Paragraph Writing) अनुच्छेद-लेखन


यहाँ महत्वपूर्ण अनुच्छेद दिया जा रहा है जो Class 10th CBSE और Bihar Board दोनों विद्यार्थियों के काम आयेंगे।

(37) वृक्षारोपण का महत्त्व पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

संकेत बिंदु

  • वृक्षारोपण का अर्थ
  • वृक्षारोपण क्यों
  • हमारा दायित्व
  • वर्तमान वैज्ञानिक युग में जहाँ विकास के नाम पर धरती का दोहन किया जा रहा है तथा पर्यावरण को प्रतिपल ध्वस्त किया जा रहा है वहाँ वृक्षारोपण का महत्त्व स्वतः सिद्ध हो जाता है। वृक्ष प्रकृति की अनमोल संपदा है। मनुष्य एवं वृक्ष का अटूट सम्बन्ध है। वृक्षों से प्राप्त लकड़ी विभिन्न रूपों में मनुष्य के काम आती है। वृक्षों से हमें फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ, औषधियाँ आदि प्राप्त होती हैं। शुद्ध वायु एवं तपती दोपहर में छाया वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष वर्षा में सहायक होते हैं एवं भूमि को उर्वरक बनाते हैं। वे प्रदूषण को समाप्त कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वृक्ष बाढ़-सूखा एवं मिट्टी के कटान आदि प्राकृतिक आपदाओं से हमारी रक्षा करते हैं हमारी संस्कृति में वृक्षों को देवता मानकर उनकी पूजा की जाती है।

    यदि मनुष्य जाति को बचाना है तो वृक्षों को बचाना होगा और हमें वृक्षारोपण का उत्सव करना होगा। इसीलिए एक बच्चा एक वृक्ष का नारा दिया गया है। वृक्षों की 50 मीटर की एक कतार वाहनों के शोर को 30-50 डेसीबल तक कम करती है। इसी तरह चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष वातावरण में उड़ रही धूल को रोकते एवं वायु को शुद्ध करते हैं। वनसंरक्षण का उद्देश्य केवल वृक्षों को लगाना ही नहीं वरन वृक्षारोपण करने के बाद उनकी उचित देखभाल भी है। निजी क्षेत्र में स्वयंसेवी युवकों को संगठन बनाकर वृक्षारोपण का कार्य करना चाहिए और वृक्षारोपण को सामूहिक समारोह के रूप में आयोजित करना चाहिए।

    (38) इंटरनेट की दुनिया पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • इंटरनेट का तात्पर्य
  • सूचना का मुख्य साधन
  • लाभ तथा हानि
  • आज का विश्व विज्ञान की नींव पर टिका है। मनुष्य ने विज्ञान के द्वारा अनेक शक्तियाँ सुख-सुविधाएँ तथा चमत्कारी साधनों का आविष्कार किया है जिसमें इंटरनेट अत्यधिक महत्त्वपूर्ण और अद्भुत है। इंटरनेट पूरे विश्व के सभी कंप्यूटर को जोड़ने का काम करता है। इंटरनेट समस्त सूचनाओं का विश्वसनीय और त्वरित साधन बन चुका है। यह ऐसा इलेक्ट्रॉनिक साधन है जिसने अपनी अनगिनत विशेषताओं के बल पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में दस्तक दी है। विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गणित और चिकित्सा की जटिल तथा विस्तृत सूचनाएँ एकत्र करने में इंटरनेट का व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है। रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों पर इंटरनेट का प्रयोग आरक्षण आदि के लिए किया जा रहा है। बैकों, लेखा विभागों में इंटरनेट चमत्कारी भूमिका निभा रहा है। आय-व्यय का ब्योरा, अनगिनत खातों का हिसाब इंटरनेट के माध्यम से ही संबंधित व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है।

    मनोरंजन के रूप में इंटरनेट आज घर-घर में पहुँच चुका है। अन्तरिक्ष तथा दूर संचार के क्षेत्र में इंटरनेट ने क्रान्ति ला दी है। इन्टरनेट ज्ञान का भण्डार बन गया है। इसके माध्यम से अल्प समय में ही विश्व की कोई भी सूचना, आँकड़े या समाचार तुरन्त ही प्राप्त किए जा सकते हैं। छात्रों के लिए यह वरदान साबित हो रहा है। इंटरनेट के द्वारा वे सुगमता से गूढ़ ज्ञान को प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं। आज इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इन सब सुविधाओं के बाद भी इंटरनेट की अनेक कमियाँ भी हैं। विशेष रूप से अपरिपक्व या कम जानकारी रखने वालों के लिए यह अभिशाप भी है। छात्रों का अधिकतर समय इसके साथ व्यर्थ हो जाता है।

    (39) आधुनिक जीवन पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • आवश्यकताओं में वृद्धि
  • अशांति
  • क्या करें
  • नगरीय सभ्यता से आधुनिक जीवन का प्रारंभ हुआ है और औद्योगिक क्रांति से इसमें पंख लग गये हैं। धीरे-धीरे आधुनिक जीवन में पारंपरिक रूढ़ियाँ हो गई और सामाजिक स्तर पर रहन-सहन के ढंग में भारी परिवर्तन आया। आधुनिकता का प्रभाव इतना सशक्त है कि वह व्यक्ति के विचारप्रवाह में बाधा डालती है। आधुनिकता से मनुष्य में असंतुष्टि उत्पन्न होती है। अपनी भौतिक, राजनैतिक, आर्थिक आवश्यकताओं के अतिरिक्त विश्व के कोई भी पदार्थ उसे आकर्षित नहीं करते हैं। दिवा-रात्रि वह वैयक्तिक असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति में व्यग्र रहता है। वह स्वयं को विशाल आधुनिक सभ्यता का प्रामाणिक अंग सिद्ध करने के लिए आजीवन असफल प्रयास करता रहता है। वह इस कल्पना में डूबा रहता है कि वह सभ्यता का संचालक है, लेकिन इसकी अनिवार्यताओं से दूर भागने में असमर्थ है। आधुनिक युग की आवश्यकताएँ अपने उग्रतम रूप में पीड़ादायक और विडंबनापूर्ण हैं।

    आधुनिक जीवन के नशे में डूबा आदमी उनसे बच नहीं सकता। उसकी आवश्यकताएँ बहुमत के आधार पर, स्वामियों के आदेश, पड़ोसियों के मतें, और कुछ स्वार्थी व्यक्तियों के निर्णयों पर आधारित होती हैं जिन्हें वह पूरा करने के लिए बाध्य होगा है भले ही वह परोक्ष रूप में उसके लिए कष्टकारक ही क्यों न हो। आधुनिक जीवन में आधुनिक व्यक्ति के पास किसी प्रकार के सतही आनंद के लिए समय और ऊर्जा का अभाव रहता है। आधुनिक व्यक्ति प्रवासी है; जो परिवर्तनशील समाज में रहता है और विरोधी परंपरा को ग्रहण करता है। वह हर बात को तर्क की तुला पर तोलता है। भावनाओं की मधुरता धीरे-धीरे कम होती जाती है और एकल परिवार का जन्म होता है। आधुनिक जीवन के संबंध में बात करते समय हमारा ध्यान महानगरों की संस्कृति की ओर केन्द्रित होता है।

    आधुनिक जीवन की प्रक्रिया में महानगरों के जीवन में यांत्रिकता आ गई है, यहाँ की आर्थिक संपन्नता लोगों को शहरों की ओर भागने को प्रवृत्त करती है। आधुनिक जीवन को सीधा प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ा है इससे उसका जीवन और अधिक एकाकी और अशांत हो गया है। पहले मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च, नगर, परिवार, समाज आदि सभी एकता के सूत्र में बंधे हुए थे। आज सब ओर आपाधापी और मैं का भाव भरा हुआ है। इन परिस्थितियों में मानव अपनी परंपरा का त्याग किए बिना ही आधुनिक जीवन शैली को स्वीकार करना चाहिए तभी जीवन सुखमय हो सकता है।

    (40) अपनी भाषा प्यारी भाषा पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • अपनी भाषा का परिचय
  • प्यारी क्यों है?
  • अन्य भाषाओं से मेल
  • “अपनी भाषा प्यारी भाषा”
    हर देश की अपनी भाषा होती है। भाषा के माध्यम से ही हम एक-दूसरे की बातों और विचारों को समझ और समझा पाते हैं। भारत देश में वैसे तो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं पर “हिन्दी” हमारे देश की अपनी और प्यारी भाषा है। हिन्दी भाषा को 14 सितम्बर के दिन दुल्हन की तरह सजाया, धजाया और मनाया जाता है। इस दिन प्रतिवर्ष हम हिन्दी दिवस मनाते हैं। हिन्दी भाषा है भावनाओं की, भारत की संस्कृति और परंपराओं की इसलिए यह भाषा, एक प्यारी भाषा का दर्जा पाने की हकदार है। हिन्दी अपने आप में एक मिलनसार और विशाल हृदय वाली भाषा है, जिसने अन्य अनेक भाषाओं को भी व्यापक रूप में अपने शब्दकोश में समाहित किया हुआ है। हिन्दी हमारे देश की जन सम्पर्क की भाषा है और भारतीयों के दिल में रची-बसी भाषा है।

    गूंज उठे भारत की धरती, हिन्दी के जय गानों से।
    पूजित पोषित परिर्द्धित हो, बालक वृद्ध जवानों से।”

    (41) स्वच्छता अभियान पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • क्या है।
  • क्यों और कैसे
  • सुझाव
  • स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जाने । वाला एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान है। इस अभियान द्वारा भारत को एक स्वच्छ राष्ट्र बनाया जाएगा। इस अभियान में शौचालयों का निर्माण करवाना, पीने का साफ पानी हर घर तक पहुँचाना, ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, सड़कों की सफाई करना और देश का नेतृत्व करने के लिए देश के बुनियादी ढाँचे को बदलना शामिल है। स्वच्छ भारत का सपना राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने देखा था। स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को गाँधी जयंती के दिन भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राजघाट में शुरू किया था। उन्होंने एक मंत्र दिया कि हम “न गन्दगी खुद करेंगे और न दूसरों को करने देंगे।” इस अभियान को सफल बनाने के लिए हमें सर्वप्रथम स्वयं स्वच्छ रहना होगा तभी हम अपने वातावरण और पर्यावरण को स्वच्छ रख सकते हैं।
    “एक कदम स्वच्छता की ओर”

    (42) लड़कियों की शिक्षा पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • समाज में लड़कियों का स्थान
  • शिक्षा की अनिवार्यता और बाधाएँ
  • सबका सहयोग
  • जहाँ तक शिक्षा का प्रश्न है, वह तो लड़कों की हो या लड़कियों की, दोनों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। शिक्षा का कार्य तो व्यक्ति के विवेक को जगाकर, उसे सही दिशा प्रदान करना है, परन्तु फिर भी भारत जैसे विकासशील देश में लड़कियों की शिक्षा का महत्व इसलिए अधिक है कि वे देश की भावी पीढ़ी को योग्य बनाने के कार्य में उचित मार्ग दर्शन कर सकती हैं। एक शिक्षित और विकसित मन-मस्तिष्क वाली नारी अपनी आय, परिस्थिति, घर के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकता आदि का ध्यान रखकर उचित व्यवस्था एवं संचालन कर सकती है। इसलिए आज लड़कियों को शिक्षित किया जाने लगा है। स्त्री-शिक्षा के आँकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। स्त्री शिक्षा के महत्व को लोगों ने सहर्ष स्वीकारा है।

    (43) जहाँ-चाह वहाँ राह पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

    संकेत बिंदु

  • इच्छाशक्ति का महत्व
  • इच्छाएँ और जीवन मूल्य (स्वाभिमान, संतोष, सत्य आदि)
  • चाह से राह का निर्माण
  • जहाँ-चाह वहाँ राह प्रत्येक व्यक्ति के मन में किसी न किसी लक्ष्य को पाने की कामना रहती है। जिसके मन में जो चाह या कामना होती है वह उसकी पूर्ति की दिशा में कार्य करता है। मानव-जीवन में इच्छाशक्ति का अत्यंत महत्व है। व्यक्ति अपने लक्ष्य पर पहुँचने के लिए परिश्रम करता है। वह कर्म करने में रुचि रखता है तथा अपने लक्ष्य को पाने के लिए सर्वस्व समर्पित करने को तैयार रहता है। ऐसे व्यक्ति के मार्ग में अनेक बाधाएँ आती हैं, परंतु वह प्रत्येक बाधा का सामना करते हुए अपने पथ पर निरंतर अग्रसर होता है।

    कठिनाइयों के बीच में से रास्ता निकालकर निरंतर आगे बढ़ने वाले लोग ही मानव जाति का आदर्श होते हैं। जब अथक परिश्रम के बाद हमारी इच्छाओं की पूर्ति होती है। तब हमारे भीतर स्वाभिमान, संतोष, सत्य आदि जीवन मूल्यों का वास होता है। ऐसे लोगों की राह पर चलकर ही अनेक लोग जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई भी ऐसी ही एक महान नारी थीं। चाह से ही राह का निर्माण होता है। अतः कहा जा सकता है कि जहाँ चाह होती है वहाँ राह अपने आप बन जाती है।