(Poetry)-काव्य


  • एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है
    एक तीसरा आदमी भी है, जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
    वह सिर्फ रोटी से खेलता है
    मैं पूछता हूँ .... 'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
    मेरे देश की संसद मौन है। (रोटी और संसद) -धूमिल
  • क्या आजादी सिर्फ तीन थके हुए रंगों का नाम है
    जिन्हें एक पहिया ढोता है
    या इसका कोई खास मतलब होता है ?
    (बीस साल बाद- 'संसद से सड़क तक') -धूमिल
  • बाबूजी ! सच कहूँ- मेरी निगाह में
    न कोई छोटा है
    न कोई बड़ा है
    मेरे लिए, हर आदमी एक जोड़ी जूता है
    जो मेरे सामने
    मरम्मत के लिए खड़ा है
    (मोचीराम- 'संसद से सड़क तक') -धूमिल
  • मेरे देश का समाजवाद
    मालगोदाम में लटकती हुई
    उन बाल्टियों की तरह है जिस पर 'आग' लिखा है
    और उनमें बालू और पानी भरा है।
    (पटकथा- 'संसद से सड़क तक') -धूमिल
  • अपने यहाँ संसद
    तेल की वह घानी है
    जिसमें आधा तेल है
    और आधा पानी है
    (पटकथा- 'संसद से सड़क तक') -धूमिल
  • अपना क्या है इस जीवन में
    सब तो लिया उधार
    सारा लोहा उन लोगों का
    अपनी केवल धार ('अपनी केवल धार') -अरुण कमल
  • छायावादोत्तर युगीन रचना एवं रचनाकार

    रचनाकार छायावादोत्तर युगीन रचना
    स्वयंभू पउम चरिउ, रिट्ठणेमि चरिउ (अरिष्टनेमि चरित)
    रामधारी सिंह 'दिनकर' हुंकार, रेणुका, द्वंद्वगीत, कुरुक्षेत्र, इतिहास के आँसू, रश्मिरथी, धूप और धुआँ, दिल्ली, रसवंती, उर्वशी
    बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' कुंकुम, उर्मिला, अपलक, रश्मिरेखा, क्वासि, हम विषपायी जनम के
    हरिवंशराय 'बच्चन' मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, सूत की माला, निशा-निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी, मिलन-यामिनी, आरती और अंगारे, आकुल अंतर
    सुमित्रा नंदन पंत शिल्पी, अतिमा, कला और बूढा चाँद, लोकायतन, सत्यकाम
    जानकी वल्लभ शास्त्री मेघगीत, अवंतिका
    नरेंद्र शर्मा प्रभातफेरी, प्रवासी के गीत, पलाश वन, मिट्टी और फूल, कदलीवन
    रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' मधूलिका, अपराजिता, किरणबेला, लाल चूनर
    आरसी प्रसाद सिंह कलापी, पांचजन्य
    केदारनाथ सिंह नींद के बादल, फूल नहीं रंग बोलते हैं, अपूर्व, युग की गंगा
    नागार्जुन प्यासी पथराई आँखें, युगधारा, भस्मांकुर, सतरंगे पंखों वाली; ऐसे भी हम क्या, ऐसे भी तुम क्या; खिचड़ी विप्लव देखा हमने, हजार-हजार बाँहों वाली, पुरानी जूतियों का कोरस, हरिजन गाथा (क०)
    रांगेय राघव राह का दीपक, अजेय खँडहर, पिघलते पत्थर, मेधावी, पांचाली
    गिरिजाकुमार माथुर मंजीर, कल्पांतर, शिलापंख चमकीले, नाश और निर्माण, मशीन का पुर्जा, धूप के धान, मैं वक्त के हूँ सामने, छाया मत छूना मन
    गजानन माधव 'मुक्तिबोध' भूरी-भूरी खाक धूल, चाँद का मुँह टेढ़ा है
    भवानीप्रसाद मिश्र सतपुड़ा के जंगल, गीतफरोश, खुशबू के शिलालेख, बुनी हुई रस्सी, कालजयी, गाँधी पंचशती, कमल के फूल, इदं न मम, चकित है दुःख, वाणी की दीनता
    सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' भग्नदूत, चिंता, इत्यलम, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्रधनुष रौंदे हुए ये, अरी ओ करुणा प्रभामय, आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जनता हूँ, सागर-मुद्रा, पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ, महावृक्ष के नीचे, नदी की बाँक पर छाया, प्रिजन डेज एंड अदर पोएम्स (अंग्रेजी में), असाध्य वीणा, रूपाम्बरा
    धर्मवीर भारती अंधायुग, कनुप्रिया, ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष
    शमशेर बहादुर सिंह अमन का राग, चुका भी नहीं हूँ मैं, इतने पास अपने
    कुँवर नारायण परिवेश, हम तुम, चक्रव्यूह, आत्मजयी, आमने-सामने
    नरेश मेहता संशय की एक रात, वनपाखी सुनो, मेरा समर्पित एकांत, बोलने दो चीड़ को
    त्रिलोचन मिट्टी की बारात, धरती, गुलाब और बुलबुल, दिगंत, ताप के ताये हुए दिन, सात शब्द, उस जनपद का कवि हूँ
    भारत भूषण अग्रवाल कागज के फूल, जागते रहो, मुक्तिमार्ग, ओ अप्रस्तुत मन, उतना वह सूरज है
    दुष्यंत कुमार साये में धूप, सूर्य का स्वागत, एक कंठ विषपायी, आवाज के घंटे
    प्रभाकर माचवे जहाँ शब्द हैं, तेल की पकौड़ियाँ, स्वप्नभंग, अनुक्षण, मेपल
    रघुवीर सहाय सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, लोग भूल गए हैं, मेरा प्रतिनिधि, हँसो-हँसो जल्दी हँसो
    शंभूनाथ सिंह मन्वंतर, खण्डित सेतु
    शिवमंगल सिंह 'सुमन' हिल्लोल, जीवन के गान, प्रलय-सृजन, विश्वास बढ़ता ही गया
    शकुंतला माथुर अभी और कुछ इनका, चाँदनी और चूनर, दोपहरी, सुनसान गाड़ी
    सर्वेश्वर दयाल सक्सेना खूँटियों पर टँगे लोग, कुआनो नदी, बाँस के पुल, काठ की घंटियाँ, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, जंगल का दर्द
    विजयदेव नारायण साही मछलीघर, संवाद तुम से साखी
    जगदीश गुप्त नाव के पाँव, शब्दशः, हिमबिद्ध, युग्म
    हरिनारायण व्यास मृग और तृष्णा, एक नशीला चाँद, उठे बादल झुके बादल, त्रिकोण पर सूर्योदय
    श्रीकांत वर्मा मायदर्पण, मगध, शब्दों की शताब्दी, दीनारंभ
    राजकमल चौधरी कंकावती, मुक्तिप्रसंग
    अशोक वाजपेयी एक पतंग अनंत में, शहर अब भी संभावना है
    बालस्वरूप राही जो नितांत मेरी है
    'धूमिल' संसद से सड़क तक, कल सुनना मुझे, सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र
    अजित कुमार अंकित होने दो, अकेले कंठ की पुकार
    रामदरश मिश्र पक गई है धूप, बैरंग बेनाम चिट्ठियाँ
    डॉ० विनय एक पुरुष और, कई अंतराल, दूसरा राग
    जगदीश चतुर्वेदी इतिहास हंता
    प्रमोद कौंसवाल अपनी तरह का आदमी
    संजीव मिश्र कुछ शब्द जैसे मेज
    'निराला' कुकुरमुत्ता, गर्म पकौड़ी, प्रेम-संगीत, रानी और कानी खजोहरा, मास्को डायलाग्स, स्फटिक शिला, नये पत्ते, गीत गुंज, सांध्य काकली (प्रकाशन मरणोपरांत- 1969 ई०)
    उदयप्रकाश सुनो कारीगर, क से कबूतर

    प्रबंधात्मक काव्यकृतियाँ

    रचनाकार प्रबंधात्मक काव्यकृतियाँ
    देवराज आत्महत्याएँ, इला और अमिताभ
    नरेश मेहता प्रवाद पर्व, महाप्रस्थान, शबरी
    भवानीप्रसाद मिश्र कालजयी
    भारतभूषण अग्रवाल अग्निलीक
    डॉ० विनय पुनर्वास का दण्ड, एक मृत्यु प्रश्न
    जगदीश चतुर्वेदी सूर्यपुत्र
    रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' अपराधिता
    शैलेश जैदी अब किसे बनवास दोगे

    सप्तक के कवि

    तार सप्तक' (1943 ई०) अज्ञेय, मुक्तिबोध, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारत भूषण अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, रामविलास शर्मा
    दूसरा सप्तक (1951 ई०) रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, शमशेर बहादुर सिंह, भवानी प्रसाद मिश्र, शकुंतला माथुर, हरिनारायण व्यास
    तीसरा सप्तक (1959 ई०) कीर्ति चौधरी, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवरनारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन
    चौथा सप्तक (1979 ई०) अवधेश कुमार, राजकुमार कुम्भज, स्वदेश भारती, नंद किशोर आचार्य, सुमन राजे, श्रीराम वर्मा व राजेंद्र किशोर