मुक्तिक काव्य | सर्वाधिक लोकप्रिय |
गीति काव्य | 'करुणालय' (प्रसाद), 'पंचवटी प्रसंग' (निराला), 'शिल्पी' व 'सौवर्ण रजत शिखर' (पंत) |
प्रबंध काव्य | 'कामायनी' व 'प्रेम पथिक' (प्रसाद), 'ग्रंथि', 'लोकायतन' व 'सत्यकाम' (पंत), 'तुलसीदास' (निराला) |
लंबी कविता | 'प्रलय की छाया' व 'शेर सिंह का शस्त्र समर्पण' (प्रसाद) 'सरोज स्मृति' व 'राम की शक्ति पूजा' (निराला), 'परिवर्तन' (पंत) |
प्रसिद्ध पंक्तियाँ
(A) छायावादी काल धारा | रचनाकार |
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उर्वशी, वनमिलन, प्रेमराज्य, अयोध्या का उद्धार,
शोकोच्छवास, बभ्रूवाहन, कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, महाराणा का महत्व; झरना, आँसू, लहर, कामायनी (केवल झरना से लेकर कामायनी तक छायावादी कविता है) |
जयशंकर प्रसाद |
अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, सरोज | सूर्यकान्त त्रिपाठी |
स्मृति (कविता), राम की शक्ति पूजा (कविता) | 'निराला' |
उच्छवास, ग्रन्थि, वीणा, पल्लव, गुंजन (छायावादयुगीन); युगान्त, युगवाणी, ग्राम्या, स्वर्ण किरण, स्वर्ण धूलि, रजतशिखर, उत्तरा, वाणी, पतझर, स्वर्ण काव्य, लोकायतन | सुमित्रानंदन पंत |
नीहार, रश्मि, नीरजा व सांध्य गीत (सभी का संकलन 'यामा' नाम से) | महादेवी वर्मा |
रूपराशि, निशीथ, चित्ररेखा, आकाशगंगा | राम कुमार वर्मा |
राका, मानसी, विसर्जन, युगदीप, अमृत और विष | उदय शंकर भट्ट |
निर्माल्य, एकतारा, कल्पना | 'वियोगी' |
अन्तर्जगत | लक्ष्मी नारायण मिश्र |
अनुभूति, अन्तर्ध्वनि | जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज' |