रचनाकार | भारतेन्दुयुगीन रचना |
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भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | प्रेम मालिका, प्रेम सरोवर, गीत गोविन्दानन्द, वर्षा-विनोद, विनय-प्रेम, पचासा, प्रेम-फुलवारी, वेणु-गीति, दशरथ विलाप, फूलों का गुच्छा (खड़ी बोली में) |
बदरी नारायण चौधरी 'प्रेमघन' | जीर्ण जनपद, आनन्द अरुणोदय, हार्दिक हर्षादर्श, मयंक महिमा, अलौकिक लीला, वर्षा-बिन्दु, लालित्य लहरी, बृजचन्द पंचक |
प्रताप नारायण मिश्र | प्रेमपुष्पावली, मन की लहर, लोकोक्ति शतक, तृप्यन्ताम, श्रृंगार विलास, दंगल खंड, ब्रेडला स्वागत |
जनमोहन सिंह | प्रेमसंपत्ति लता, श्यामलता, श्यामा-सरोजिनी, देवयानी, ऋतु संहार (अ०), मेघदूत (अ०) |
अम्बिका दत्त व्यास | पावस पचासा, सुकवि सतसई, हो हो होरी |
राधा कृष्ण दास | कंस वध (अपूर्ण), भारत बारहमासा, देश दशा |
द्विवेदी युग (1900ई०-1920ई०)
खण्ड काव्य : 'रंग में भंग', 'पंचवटी', 'जयद्रथ वध' व 'किसान' (मैथलीशरण गुप्त), 'मिलन', 'पथिक' व 'स्वप्न' (राम नरेश त्रिपाठी) आदि।
प्रसिद्ध पंक्तियाँ
रचनाकार | द्विवेदीयुगीन रचना |
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नाथूराम शर्मा 'शंकर' | अनुराग रत्न, शंकर सरोज, गर्भरण्डा रहस्य, शंकर सर्वस्व |
श्रीधर पाठक | वनाष्टक, काश्मीर सुषमा, देहरादून, भारत गीत, जार्ज वंदना (कविता), बाल विधवा (कविता) |
महावीर प्रसाद द्विवेदी | काव्य मंजूषा, सुमन, कान्यकुब्ज अबला-विलाप |
'हरिऔध' | प्रियप्रवास, पद्यप्रसून, चुभते चौपदे, चोखे चौपदे, बोलचाल, रसकलस, वैदही वनवास |
राय देवी प्रसाद 'पूर्ण' | स्वदेशी कुण्डल, मृत्युंजय, राम-रावण विरोध, वसन्त-वियोग |
रामचरित उपाध्याय | राष्ट्र भारती, देवदूत, देवसभा, विचित्र विवाह, रामचरित-चिन्तामणि (प्रबंध) |
गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' | कृषक-क्रन्दन, प्रेम प्रचीसी, राष्ट्रीय वीणा, त्रिशूल तरंग, करुणा कादंबिनी |
मैथली शरण गुप्त | रंग में भंग, जयद्रथ वध, भारत भारती, पंचवटी, झंकार, साकेत, यशोधरा, द्वापर, जय भारत, विष्णु प्रिया |
रामनरेश त्रिपाठी | मिलन, पथिक, स्वप्न, मानसी |
बाल मुकुन्द गुप्त | स्फुट कविता |
लाला भगवानदीन 'दीन' | वीर क्षत्राणी, वीर बालक, वीर पंचरत्न, नवीन बीन |
लोचन प्रसाद पाण्डेय | प्रवासी, मेवाड़ गाथा, महानदी, पद्य पुष्पांजलि |
मुकुटधर पाण्डेय | पूजा फूल, कानन कुसुम |
छायावाद युग (1918ई० - 1936 ई०)