Vigyapan Lekhan (Advertisement Writing)- विज्ञापन लेखन


विज्ञापन लेखन - (Advertisement Writing)

विज्ञापन ऐसी कला है, जिसके द्वारा थोड़े-से स्थान एवं कम शब्दों में आवश्यक बातें आकर्षक ढंग से दी जाती हैं। इसका उद्देश्य सर्वसाधारण को सूचित करना होता है। इसके द्वारा क्रय-विक्रय, आवश्यकता, किसी गुम या प्राप्त वस्तु, किराए के लिए दातव्य या प्राप्तव्य मकान, रिक्त स्थान या रिक्त पद आदि की सूचना दी जाती है। विज्ञापन में प्रतिशब्द या प्रति पंक्ति पैसे देने पड़ते हैं, इसलिए यह संक्षिप्त, परन्तु आकर्षक होना चाहिए।

सामान्य रूप से विज्ञापन शब्द का अर्थ है 'ज्ञापन कराना' या सूचना देना'। विज्ञापन अंग्रेजी शब्द 'एडवरटाइजिंग' का हिंदी पर्याय है, इसे 'सार्वजनकि सूचना की घोषणा' भी कह सकते हैं' क्योंकि यह ऐसी सूचना होती है, जो जन-साधारण के हितों से जुड़ी होती है। विज्ञापन उन समस्त गतिविधियों का नाम है, जिनका उद्देश्य किसी विचार, वस्तु या सेवा के विषय में जानकारी प्रसारित करना है और इससे विज्ञापनकर्ता का उद्देश्य ग्राहक को अपनी इच्छा के अनुकूल बनाना है।

(1) रिक्त स्थान के लिए विज्ञापन
संत माइकल स्कूल, दीघा रोड, पटना के लिए गणित, हिन्दी एवं कम्प्यूटर शिक्षकों की आवश्यकता है। योग्यता कम-से-कम ऑनर्स द्वितीय श्रेणी तथा दो वर्षों का अनुभव होना चाहिए। प्रशिक्षितों को प्राथमिकता/वेतनमान आकर्षक/ प्राचार्य के पास 1 अप्रैल, 2017 तक प्रार्थना-पत्र भेजें।

(2) ट्यूशन के लिए विज्ञापन
प्रथम श्रेणी अंग्रेजी एम० ए०, मैट्रिक से इंटरमीडिएट तक अंग्रेजी एवं गणित पढ़नेवाले ट्यूशन-इच्छुक छात्र-छात्रा इस पते पर सम्पर्क करें- विश्वनाथन, 30, टैगोर रोड, कोलकाता।

सूचना-पत्र सूचना-पत्र विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों द्वारा कर्मचारियों को भी दी जाती है और किसी खास कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा भी आम जनता को दी जाती है। इसमें बनावटीपन नहीं होता, बिल्कुल पक्की जानकारी की बातें दी जाती हैं ?

विज्ञापन की आवश्यकता

औद्योगिकीकरण के दौर में विज्ञापन का जन्म हुआ। आज विज्ञापन, व्यवसाय जगत् का एक अनिवार्य अंग बन चुका है। किसी नए उत्पाद के विषय में जानकारी देने, इसकी विशेषताएँ व प्राप्ति स्थान आदि बताने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता पड़ती है। एक ही उत्पाद के क्षेत्र में असंख्य प्रतियोगी आ गए है। यदि विज्ञापन का सहारा न लिया जाए, तो सामान्य जनता तक अपने उत्पाद की जानकारी दी ही नहीं जा सकेगी। आज विज्ञापनों के माध्यम से किसी उत्पाद के बाजार में आने से पहले ही उसके विषय में उपभोक्ताओं के अंदर जिज्ञासा उत्पन्न कर दी जाती है। इस प्रकार विज्ञापन, आधुनिक युग का विशेषकर औद्योगिक संस्कृति का अभिन्न तत्व हो गया है। विज्ञापन विक्रय-व्यवस्था में वस्तु का परिचय कराने, उसकी विशेषताएँ तथा लाभ बताने का काम करके ग्राहक को आकृष्ट करने में उपयोगी भूमिका निभाता है।

विज्ञापन का उद्देश्य

विज्ञापन का कोई एक उद्देश्य नहीं होता है, बल्कि इसके अनेक उद्देश्य होते हैं, जिनमें निम्न तीन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

(1) तात्कालिक बिक्री- तात्कालिक रूप से अपने उत्पादों की बिक्री करना भी कंपनियों का महत्त्वपूर्ण कार्य होता हैं।

(2) बिक्री के लिए प्रेरित करना- कंपनियों का कार्य केवल उत्पाद करना ही नहीं होता, बल्कि उस उत्पाद की ब्रिक्री करना और बिक्री बढ़ाना भी होता है।

(3) उत्पाद से लोगों को परिचित कराना- अपने उत्पाद से परिचित कराने, उसके प्रति उत्सुकता जागृत करने, खरीदने की इच्छा जगाने आदि संबंधी कार्य भी महत्त्वपूर्ण है।

विज्ञापन के प्रकार

विज्ञापन प्रायः तीन प्रकार से दिए जाते हैं-

(1) मौखिक विज्ञापन- व्यक्तिगत प्रचार, रेडियों, आकाशवाणी आदि के माध्यम से किए जाते हैं। इसके अंतर्गत उत्पाद के बारे में जानकारी केवल बोलकर ही दी जाती है।

(2) लिखित विज्ञापन- प्रायः पत्र-पत्रिकाओं, समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते हैं। लिखित विज्ञापन में उत्पाद के बारे में जानकारी लिखकर दी जाती है। लिखित विज्ञापन को डिजाइनों, रंगों, स्लोगनों आदि के प्रयोग से प्रभावी तथा आकर्षक बनाया जाता है।

(3) दृश्य-श्रव्य विज्ञापन- के अंतर्गत प्रायः दूरदर्शन द्वारा दिए गए विज्ञापन आते हैं। इन विज्ञापनों में उत्पाद के बारे में जानकारी चलचित्रों के द्वारा अत्यंत आकर्षक ढंग से उपभोक्ताओं तक पहुँचाई जाती है। इस माध्यम की पहुँच सबसे अधिक व्यापक है।

कुछ नमूने

(1) विद्यालय की ओर से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को दी गई सूचना।
सूचना- 10 मई, 2017
सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 1 जून, 2017 से 30 जून, 2017 तक ग्रीष्मावकाश रहेगा। पुनः दिनांक 1 जुलाई, 2017 से पठन-पाठन का कार्यक्रम पूर्ववत् चलेगा।

(2) क्रिकेट मैच की सूचना
सर्वसामान्य को सूचित किया जाता है कि दिनांक 24 फरवरी, 2017 को 9 बजे से रेनबो स्टेडियम में पटना और नालन्दा क्रिकेट टीमों के बीच प्रतियोगिता होगी, जिसमें मुख्य अतिथि सचिन तेंदुलकर और विशिष्ट अतिथि महेन्द्र सिंह धोनी होंगे। क्रिकेट-प्रेमियों से निवेदन है कि वे अधिक-से-अधिक संख्या में भाग लेकर इस क्रिकेट-प्रतियोगिता का आनंद लें। इस प्रदर्शन के लिए 25, 40 और 50 रुपये प्रति व्यक्ति टिकट निश्चित किया गया है।

20 फरवरी, 2017

..............................................सौरभ कुमार
........................................सचिव, जिला क्रिकेट एसोशियेसन
...............................................पटना

प्राप्ति-पत्र (रसीद)
प्राप्ति-पत्रों में किसी वस्तु का मूल्य अथवा पारिश्रमिक न केवल अंकों में बल्कि अक्षरों में भी लिखा जाता है। प्राप्ति-पत्रों की भाषा सरल, स्पष्ट और सभ्य होनी चाहिए। कोई वाक्य संदिग्ध या व्यर्थ नहीं होना चाहिए। 20 रुपये तथा अधिक पर रसीदी टिकट अवश्य लगानी चाहिए।

(3) वेतन-प्राप्ति पर प्राप्ति-पत्र
आज दिनांक 1 मार्च, 2017 को टाटा पाईप प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी से फरवरी, 2017 का वेतन 11,500/रु. (ग्यारह हजार पाँच सौ रुपये) प्राप्त किए, तदर्थ धन्यवाद!

01. 03. 17
...........................................रघुवीर सिंह
............................................फीटर

(4) वस्तु-विक्रय पर प्राप्ति-पत्र
आज बी. आर. 1 वाई-4583 हीरो होंडा सी. डी. डाउन बाइक जो देखने में नई-सी प्रतीत होती है; श्री रंजीत खाँ सुपुत्र श्री भोला खाँ को बेचकर उसका तय मूल्य पन्द्रह हजार एक रुपये प्राप्त किया, धन्यवाद !

साक्षी- हस्ताक्षर................................. हस्ताक्षर
नारायण कुमार वर्मा............................. उमेश कुमार शर्मा
सुपुत्र श्री हरिवंश कुमार वर्मा ....................विष्णुपुरा मोहल्ला
5/7 विष्णुपुरी, जगदीशपुर........................जगदीशपुर
27 जनवरी, 2017 ...............................27 जनवरी, 2017