शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
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(1) मणि मणी |
रत्न साँप |
(2) मानक मानिक |
स्तर लाल रंग का रत्न |
(3) मनोज मनोज्ञ |
कामदेव सुन्दर |
(4) मूल मूल्य |
जड़ कीमत |
(5) मेघ मेधा |
यज्ञ बुद्धि |
(6) मेदा मैदा |
पेट बारीक़ आटा |
(7) तथागत यथागत |
भगवान बुद्ध मूर्ख |
(8) रसा रस्सा |
तरी मोटी रस्सी |
(9) रेखा लेखा |
लकीर हिसाब-किताब |
(10) लक्ष्य लक्ष |
उद्देश्य लाख |
(11) वंशी बँसी |
मुरली मछली का काँटा |
(12) वदन बदन |
चेहरा शरीर |
(13) व्याज ब्याज |
बहाना सूद |
(14) वादी बादी |
मुद्दई/वक्ता गरिष्ठ भोजन |
(15) वाद विवाद |
तर्क झगड़ा |
(16) वस्तु वास्तु |
चीज मकान |
(17) विलक्षण विचक्षण |
अदभुत चतुर |
(18) व्यग व्यंग्य |
अपंग परिहास |
(19) वात बात |
हवा बातचीत |
(20) व्रत वृत्त |
उपवास घेरा |
(21) व्यजन व्यंजन |
पंखा वर्ण/खाद्य पदार्थ |
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
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(1) शोक शौक |
दुख चाव, व्यसन |
(2) शम सम |
शांति बराबर |
(3) शूर सूर |
वीर अंधा |
(4) शस्त्र शास्त्र |
हथियार ग्रंथ |
(5) श्रवण श्रमण |
सुनना, कान बौद्ध संन्यासी |
(6) सर्ग स्वर्ग |
अध्याय एक लोक |
(7) साला शाला |
पत्नी का भाई घर, मकान |
(8) शकठ शकट |
मचान बैलगाड़ी |
(9) सकल शकल |
पूरा टुकड़ा |
(10)शंकर संकर |
भगवान शिव मिश्रित |
(11) साम शाम |
गेय वेद मन्त्र सायं |
(12) सर शर |
तालाब बाण |
(13) सन सन् |
जूट साल, वर्ष |
(14) सीसा शीशा |
एक धातु दर्पण |
(15) शशधर शशिधर |
चन्द्रमा शिव |
(16) शिरा सिरा |
नाड़ी/नलिका छोर/किनारा |
(17) शुक्ल शुल्क |
सफेद फीस |
(18) षष्टि षष्ठी |
साठ छठी |
(19) स्वजन श्वजन |
सम्बन्धी/मित्र कुत्ते का बच्चा |
(20) संकरी सँकरी |
संकर का स्त्रीलिंग तंग |
(21) श्याम स्याम |
कृष्ण एशिया का एक देश |
(22) संखिया संख्या |
व्रिष गिनती |
(23) सजा सजा |
सजाया हुआ दण्ड |
(24) सत्त्व स्वत्त्व |
सार अधिकार |
(25) सती शती |
पतिव्रता शताब्दी |
(26) सर्ग स्वर्ग |
अध्याय तीसरालोक |
(27) सदेह सन्देह |
सशरीर शक |
(28) सागर सागर |
समुद्र प्याला |
(29) सुधि सुधी |
स्मरण समझदार |
(30) क्षिति क्षति |
पृथ्वी हानि |
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
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(1) हाल हॉल |
दशा बड़ा कमरा |
(2) हय हिय |
घोड़ा हृदय |
(3) हंसी हँसी |
मादा हंस हँसने की क्रिया |
(4) हंसमुख हँसमुख |
हंस का मुख मजाकिया |
(5) हल्का हलका |
कम वजन क्षेत्र |
(6) हाल हाला |
समाचार शराब |
(7) हेम हिम |
स्वर्ण बर्फ |
(8) क्षत्र क्षात्र |
मुकुट क्षत्रिय |
(1) असन- भोजन- संतुलित असन स्वास्थ्यकर होता है।
आसन-बैठने की वस्तु-मेरे गुरु महाराज आसन पर बैठ गये।
आसत्र-निकट-'मैंने देखा है'- आसत्रभूत का उदाहरण है।
(2) अवधि-समय सीमा- अल्पावधि (कम समय में) में ही मेरा छोटा भाई अंग्रेजी सीख गया।
अवधि-भाषा विशेष- 'रामचरितमानस' की भाषा अवधी है।
(3) अवमर्ष-स्पर्श, संपर्क- भाग्यशालियों को संतों का अवमर्श प्राप्त होता है।
अवमर्ष-विचार-विमर्श, आलोचना- कोई निर्णय लेने से पहले बुद्धिमानों से अवमर्ष आवश्यक है।
(4) अंस-कंधा- मेरे अंसों पर पूरे परिवार का भार है।
अंश-हिस्सा- सबको अपना-अपना अंश मिलना चाहिए।
(5) अलि-भौंरा- फूलों पर बहुत-से अलि मँडरा रहे है।
अली-सखी- राधा की एक अली का नाम शांता था।
(6) अपेक्षा-आकांक्षा, इच्छा- मैं आपसे अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करता हूँ।
उपेक्षा-निरादर- किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
(7) अनिष्ट-बुराई- अच्छे लोग दूसरों का अनिष्ट नहीं करते।
अनिष्ठ-निष्ठारहित- अनिष्ठ समाज में सम्मानित नहीं होते।
(8) अयस-लोहा- अयस से अस्त्र-शस्त्र निर्मित होते है।
अयश-अपयश- अयश से बचना चाहिए।
(9)द्रव-रस, पिघला हुआ- जल द्रव है।
द्रव-धन, पदार्थ- द्रव्य दिन-प्रतिदिन महँगे होते जा रहे है।
(10) द्विप-हाथी- द्विप विशालकाय होते है।
द्वीप-टापू- श्रीलंका एक द्वीप है।
(11) नीर-पानी- भाषा बहता हुआ नीर होती है।
नीड़-घोंसला- रात में पंछी अपने-अपने नीड़ों में विश्राम करते हैं।
(12) प्रकार-रीति- इस बाग में विभिन्न प्रकार के फूल खिले हैं।
प्राकार-किले का अंग- प्राकार ध्वस्त हो रहा है
(13) वसन-वस्त्र- उसके वसन पुराने किन्तु स्वच्छ थे।
व्यसन-आदत- जुए का व्यसन बहुत खराब होता है।
(14) परुष-कठोर- प्रस्तर (पत्थर) परुष होता है।
पुरुष-व्यक्ति- आज के पुरुषों में पुरुषत्व नहीं रह गया है।
(15) कर्म-कार्य- कर्म का फल अवश्य मिलता है।
क्रम-सिलसिला- क्रम में छात्र आते गये और अपना-अपना पुरस्कार लेते गये।
(16) मास-महीना- साल में बारह मास होते है।
मांस-गोश्त- उस भिखारी के शरीर पर मांस नहीं था।
(17) मद्य-शराब- मद्यपान से स्वास्थ्य खराब होता है।
मध्य-बीच- नौका नदी के मध्य डूब गई।
(18) कुल-वंश- जयंत के कुल में जगदीश ऐसा कोई पुत्र नहीं हुआ।
कूल-किनारा- नौका कूल पर लग गई।
(19) बात-वचन- उसकी बात में सच्चाई है।
वात-हवा- वात धीरे-धीरे बह रहा है।
(20) श्रवण-कान- श्रवणों में नुकीली चीज कभी नहीं डालनी चाहिए।
स्त्रवन-बहना- उसकी आँखों से आँसू स्त्रवित होने लगे।
(21) सूची-अनुक्रमणिका, विवरणिका- सामानों की सूची लिख लीजिये।
शुचि-पवित्र- पूजा-पाठ में शुचिता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
सूची-सूई- सूची और सूत्र (धागा) का अन्योन्याश्रित संबंध होता है।
(22) शौर्य-शूरता- राणा प्रताप शौर्य के प्रतीक थे।
सौर्य/सौर-सूर्य से संबद्ध- सौर्य तेज से ही हम जीवित है।/सौर-मंडल में अनेक ग्रह है।
(23) स्रोत-सोता- भयंकर गर्मी के कारण पानी के सभी स्रोत सूख गये है।
श्रोत-वेद- श्रोत चार है- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
(24) स्वक्ष-सुंदर आँख- उसके स्वक्षों में जादू है।
स्वच्छ-साफ- स्वच्छ पानी पीना चाहिए।
(25) शर्व-शिव- शर्व को महादेव भी कहते हैं।
सर्व-सब- सर्व प्राणियों में आत्मा का निवास होता है।
(26)सुत-बेटा- राम दशरथ के बड़े सुत थे।
सूत-सारथि/धागा- कृष्ण अर्जुन के सुत (सारथि, रथ हाँकनेवाले) थे।/ महीन सूत से बना कपड़ा टिकाऊ होता है।
(27) शुक-सुग्गा- शुक डाल पर बैठा अमरुद खा रहा है।
शूक- जौ की बाल/पौधे के कड़े रोयें- शूक में महीन और लंबे-लंबे रोयें होते हैं।
(28) लक्ष्य-उद्देश्य- मेरे जीवन का लक्ष्य सुयोग्य डॉक्टर बनना है।
लक्ष-लाख- राजा ने मंत्री को दो लक्ष मुद्रायें दीं।
(29) मूल-जड़- सुनील सारी झंझटों का मूल है।
मूल्य-दाम- मूल्यवृद्धि से उपभोक्ता परेशान है।
(30) विजन-मनुष्य रहित स्थान- वह भटकता हुआ विजन में पहुँच गया था।
व्यजन-पंखा- गर्मी में व्यजन से राहत मिलती है।
व्यंजन-सब्जी, तरकारी- कल दीदी ने स्वादिष्ट व्यंजन बनायी थी।
(31)यथेष्ट-जैसा चाहा हो गया- मुझे मेरे परिश्रम का यथेष्ट पुरस्कार नही मिला।
स्थेष्ट-अत्यंत दृढ- उमेश बाबू स्थेष्ट संकल्प के व्यक्ति है।
(32) परिणाम-फल- जैसा सोचा था वैसा परिणाम नहीं मिला।
परिणाम-मात्रा- अल्प परिणाम में दवा लेनी है।
(33) कृति-रचना- 'रामचरितमानस' एक महान कृति है।
कृती-निपुण- अनूप जलोटा कृती गायक है।
कीर्ति-यश- उनकी कीर्ति चारों ओर फैल गयी।
(34) सामान-पदार्थ- विवाह में लगनेवाले सामानों की सूची तैयार करनी है।
समान-बराबर, सदृश्य- गाँधी के समान सत्य और अहिंसा के प्रेमी बहुत ही कम होंगे।
सम्मान-आदर- बड़ों को सम्मान देना चाहिए।