अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (One Word Substitution)


( झ )

झूठ बोलने वाला-(झूठा)
झमेला करनेवाला- (झमेलिया)
झूठा मुकदमा- (अभ्याख्यान)
झीं-झीं की तेज आवाज करने वाला कीड़ा- (झींगुर)

( त )

तत्त्त्तव को जानने वाला- (तत्त्त्तवज्ञ)
तप करने वाला- (तपस्वी)
तेज बुद्धिवाा- (कुशाग्रबुद्धि)
तीनों लोकों का स्वामी- (त्रिलोकी)
तेजवाला- (तेजस्वी)
तीन कालों की बात जानने वाला- (त्रिकालज्ञ)
तीन युगों में होने वाला- (त्रियुगी)
तीन नदियों का संगम- (त्रिवेणी)
तीन लोको का समूह- (त्रिलोक)
तैरने की इच्छा- (तितीर्षा)
तर्क के द्वारा जो माना गया हो- (तर्कसंगत)
तीन वेदों को जाननेवाला- (त्रिवेदी)
तीन कालों को देखने वाला- (त्रिकालदर्शी)
तीन माह में एक बार होने वाला- (त्रैमासिक)
तर्क के द्वारा जो सम्मत(माना जा चुका) है- (तर्कसम्मत)
तमो गुण का- (तामसिक)
तीन प्रहरों वाली रात- (त्रियामा)
तिनकों से बना घर- (उटज)
तट का जो भाग जल के भीतर हो- (अन्तरीप)
तेज गति से चलने वाला- (द्रुतगामी/तीव्रगामी)

( द )

दूर की सोचने वाला- (दूरदर्शी)
दुसरे देश से अपने देश में समान आना- (आयात)
दूसरों की बातों में दखल देना- (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला- (हार्दिक)
दया करने वाला- (दयालु)
दूसरों पर उपकार करने वाला- (उपकारी)
दूसरों के दोष को खोजने वाला- (छिद्रान्वेसी)
दूसरे के पीछे चलने वाला- (अनुचर)
दुखांत नाटक- (त्रासदी)
दर्द से भरा हुआ- (दर्दनाक)
देखने योग्य- (दर्शनीय)
दूसरों की बातों में दखल देना- (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला- (हार्दिक)
दो बार जन्म लेनेवाला- (द्विज)
दुःख देनेवाला- (दुःखद)
दर्शन के योग्य- (दर्शनीय)
दिन पर दिन- (दिनानुदिन)
द्रुपद की पुत्री- (द्रौपदी)
देखने योग्य- (दर्शनीय)
द्रुत गमन करनेवाला- (द्रुतगामी)
दाव (जंगल) का अनल (आग)- (दावानल)
दूसरों के गुणों में दोष ढूँढने की वृति का न होना- (अनसूया)
दोपहर के बाद का समय- (अपराह)
देश के लिए अपने प्राण देने वाला- (शहीद)
द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला- (अल्पना)
दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना- (आत्मोत्सर्ग)
देश में विदेश से माल आने की क्रिया- (आयात)
दूसरों की उन्नति को न देख सकना- (ईष्र्या)
दूसरों के दोषों को खोजना- (छिद्रान्वेषण)
दूसरों के दोषों को ढूँढने वाला- (छिद्रान्वेषी)
दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु- (ठाढ़ेश्वरी)
दस वर्षो का समय- (दशक)
दाव (जंगल) में लगने वाली आग- (दावानल)
दिन पर दिन- (दिनोंदिन)
दो बार जन्म लेने वाला- (द्विज)
देने की इच्छा- (दित्सा)
दैव या प्रारब्ध सम्बन्धी बातें जानने वाला- (देवज्ञ)
दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका- (दिवाभिसारिका)
दशरथ का पुत्र- (दशरथि)
देखने की इच्छा- (दिदृक्ष)
दण्ड दिये जाने योग्य- (दण्डनीय)
दो भाषायें बोलने वाला- (द्विभाषी)
दो वेदों को जाननेवाला- (द्विवेदी)
देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण- (मधुपर्क)
दूसरे के स्थान पर काम करने वाला- (स्थानापन्न)
दोपहर के बाद का समय- (अपराह्नन)
दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट- (त्रिताप)
दीवार पर बने हुए चित्र- (भित्तिचित्र)
दूसरे के मन की बात जाननेवाला- (अन्तर्यामी)
दूसरे के अन्दर की गहराई ताड़नेवाला- (अन्तर्दर्शी)
दूध पिलानेवाली धाय- (अन्ना)
देह का दाहिना भाग- (अपसव्य)
दर्पण जड़ी अँगूठी, जिसे स्त्रियाँ अँगूठे में पहनती हैं- (आरसी)
दो दिशाओं के बीच की दिशा- (उपदिशा)
दो बातों या कामों में से एक- (वैकल्पिक)
दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध- (निर्हारी)
दुःख, भय आदि के कारण उत्पत्र ध्वनि- (काकु)
द्वीप में जनमा- (द्वैपायन)
दक्षिण दिशा- (अवाची)
दो या तीन बार कहना- (आम्रेडित)
दागकर छोड़ा गया साँड़- (अंकिल)
दूसरे के हाथ में गया हुआ- (हस्तान्तरित)

( ध )

धरती और आकाश के बीच का स्थान- (अंतरिक्ष)
धन से संबंध रखने वाला- (आर्थिक)
धन के देवता- (कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला- (धर्मात्मा)
ध्यान करने योग्य या लक्ष्य- (ध्येय)
धन देनेवाला (व्यक्ति या देवता)- (धनद, कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला- (धर्मात्मा)
धूप से बचने का छाता- (आतपत्र) धर्म या शास्त्र के विरुद्ध कार्य- (अधर्म)

( न )

नापाक इरादे से की जाने वाली मन्त्रणा या साजिश- (दुरभिसन्धि)
नहीं मरनेवाला- (अमर)
नहीं खाने योग्य- (अखाद्य)
नव (अभी-अभी) जनमा हुआ- (नवजात)
न टूटने वाला- (अटूट)
नीचे की ओर मुख किये हुए- (अधोमुख)
नीचे की ओर लाना या खींचना- (अपकर्ष)
नाक से रक्त बहने का रोग- (नकसीर)
नख से शिखा तक के सब अंग- (नखशिख)
नष्ट होने वाला- (नश्वर)
नभ (आकाश) में विचरण करने वाला- (नभचर/खेचर)
नया उदित होने वाला- (नवोदित)
नदी से सींचा जानेवाला प्रदेश- (नदीमातृक)
नया-नया आया हुआ- (नवागन्तुक)
नगर में जन्म लेने वाला- (नागरिक)
निशि में विचरण करने वाला- (निशाचर)
निर्वाचन में अपना मत देने वाला- (निर्वाचक)
नए युग या प्रवृत्ति का निर्माण करने वाला- (युगनिर्माता)
नए युग या प्रवृत्ति का प्रवर्तन (लागू करने) वाला- (युगप्रवर्तक)
न बहुत शीत (ठंडा) न बहुत उष्ण (गर्म)- (समशीतोष्ण)
न हो सकने वाला- (अशक्य/असंभव)
नगर में रहनेवाला- (नागरिक)
नगर का रहनेवाला- (नागरिक, नागर)
नया (तुरंत का) जनमा हुआ- (नवजात)
निशा में विचरण करनेवाला- (निशाचर)
निन्दा करने योग्य- (निन्दनीय)
न्याय करने वाला- (न्यायाधीश)
नकल करने योग्य- (अनुकरणीय)
न कहने योग्य वचन- (अवाच्य)
नाटक में बड़ी बहन- (अत्तिका)
निंदा न किया हुआ- (अगर्हित)
नई योजना का सर्वप्रथम काम में लाने का उत्सव- (उद्घाटन)
नीति को जाननेवाला- (नीतिज्ञ)
नाटक का आदरणीय पात्र- (मारिष)
नाव से पार करने योग्य नदी- (नाव्य)
नींद पर विजय प्राप्त करनेवाला- (गुडाकेश)
नियम विरुद्ध या निन्दनीय कार्य करने वालों की सूची- (काली सूचि/ब्लैक लिस्ट)

( ट, ठ )

टाइप करने की कला- ( टंकण)
ठीक अपने क्रम से आया हुआ- (क्रमागत)
ठगों का मोदक/लड्डू जिसमें बेहोश करने वाली- (ठगमोदक/ठगलड्डू)
ठकठक करके बर्तन बनानेवाला- (ठठेरा)
ठठेरे की बिल्ली जो ठक ठक शब्द से न डरे- (ठठेरमंजारिका)
ठन ठन की आवाज- (ठनकार)
ठूसकर भरा हुआ- (ठसाठस)
ठहाका लगाकर हँसना- (अट्टहास)
ठीका लेनेवाला- (ठीकेदार)

( ड )

डंडी मारनेवाला- (डंडीमार)
डाका मारनेवाला- (डकैत)
डफली बजानेवाला- (डफालची /डफाली)
डाका मारने का काम- (डकैती)
ड्योढ़ी पर रहनेवाला पहरेदार- (ड्योढ़ीदार)

( ढ )

ढिंढोरा पिटने वाला- (ढिंढोरिया)
ढालने का काम- (ढलाई)
ढीला होने का भाव- (ढिलाई)
ढोंग रचनेवाला- (ढोंगी)
ढोलक बजानेवाला- (ढोलकिया)

( प )

पंद्रह दिन में एक बार होने वाला- (पाक्षिक)
पुत्र की वधू- (पुत्रवधू)
पुत्री का पुत्र- (दौहित्र/नाती)
पुत्र का पुत्र- (पौत्र)
पढ़ने योग्य- (पठनीय)
पति-पत्नी का जोड़ा- (दम्पति)
प्रतिदिन होने वाला-(प्रतिदिन)
पथ का प्रदर्शन करनेवाला- (पथप्रदर्शक)
प्रिय बोलने वाली स्त्री- (प्रियंवदा)
पूजने योग्य- (पूजनीय, पूज्य)
पुत्र की वधू- (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र- (पौत्र)
पढ़ने योग्य- (पठनीय)
पाद (पैर) से मस्तक (सिर) तक- (आपादमस्तक)
पूछने योग्य- (प्रष्टव्य)
पर्ण (पत्ते) की बनी हुई कुटी- (पर्णकुटी)
प्रकृति सम्बन्धी- (प्राकृतिक)
पंक्ति में सबसे आगे खड़ा होने वाला- (अग्रसर)
परलोक का- (पारलौकिक)
परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला- (अनुश्रुति)
पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय-ग्राह्य विभाग या मात्रा- (अणु)
पैर से लेकर सिर तक- (आपादमस्तक)
पूरब दिशा- (प्राची) पश्चिम दिशा- (प्रतीची) पूरब और उत्तर के बीच की दिशा- (ईशान)
पर्वत के पास की भूमि- (उपत्यका)
परब्रह्म का सूचक 'ओं' शब्द- (ओंकार)
पद, उम्र आदि के विचार से औरों से अपेक्षाकृत छोटा- (कनिष्ठ)
प्राचीन आदर्श के अनुकूल चलने वाला- (गतानुगतिका)
पृथ्वी की वह शक्ति जो सभी चीजों की अपनी ओर खींचती हो- (गुरुत्वाकर्षण)
पत्रों आदि को दूरस्थ स्थानों पर पहुँचाने वाली सेवा- (डाक सेवा)
पुलिस की बड़ी चौकी- (थाना)
पति-पत्नी का जोड़ा- (दम्पती)
पति के छोटे भाई की स्त्री- (देवरानी)
पंडितों में पंडित- (पंडितरा)
पथ का प्रदर्शन करने वाला- (पथ-प्रदर्शक)
पानी में डूबकर चलने वाली नाव- (पनडुब्बी)
पन्द्रह दिन में होने वाला- (पाक्षिक)
पीने की इच्छा- (पिपासा)
पिता की हत्या करनेवाला- (पितृहंता)
पिता की पिता- (पितामह)
पिता के पिता का पिता- (प्रपितामह)
प्राण देनेवाली औषधि- (प्राणदा)
पाप या अपराध करने पर दोषमुक्त होने के लिए किया जाने वाला धार्मिक या शुभ कार्य- (प्रायश्चित)
प्रिय बोलनेवाली स्त्री- (प्रियंवदा)
पिता से प्राप्त की हुई (सम्पत्ति)- (पैतृक)
प्रयोग में लाने योग्य- (प्रयोजनीय)
पर्वत की कन्या- (पार्वती)
पाने की इच्छा- (लिप्सा)
प्रतिकूल पक्ष का- (विपक्षी)
प्रतिदिन होने वाला- (दैनिक)
पर्वत पर चढ़ने वाला- (पर्वतारोही)
परीक्षा देने वाला- (परीक्षार्थी)
पर्वत के ऊपर की समभूमि- (अधित्यका)
पूर्णिमा की रात- (राका)
पृथ्वी को धारण करनेवाला- (महीधर)
पक्षियों का कलरव- (वाशित)
पानी से उठा हुआ किनारा- (पुलिन)
पीसे हुए चावल की मिठाई- (अँदरसा)
प्रसूता को दिया जानेवाला भोजन- (अछवानी)
पेट या जठर की आग- (वडवानाल)
प्राणों पर संकट लाने वाला- (सांघातिक)