व्यास सम्मान
(हिन्दी की उत्कृष्ट साहित्यिक कृति हेतु के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जानेवाला सम्मान)
रचना | साहित्यकार | वर्ष |
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भारत के भाषा परिवार और हिन्दी | डॉ० रामविलास शर्मा | 1991 ई० |
नीला चाँद (उपन्यास) | शिवप्रसाद सिंह | 1992 ई० |
मैं वक्त के हूँ सामने (काव्य) | गिरिजा कुमार माथुर | 1993 ई० |
सपना अभी भी (काव्य) | धर्मवीर भारती | 1994 ई० |
आत्मजयी (काव्य) | कुँवर नारायण | 1995 ई० |
हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास (साहित्येतिहास) | रामस्वरूप चतुर्वेदी | 1996 |
उत्तर कबीर व अन्य कविताएँ (काव्य) | केदारनाथ सिंह | 1997 ई० |
पाँच आंगनों वाला घर (उपन्यास) | गोविंद मिश्र | 1998 ई० |
विस्रामपुर का संत (उपन्यास) | श्री लाल शुक्ल | 1999ई० |
पहला गिरमिटिया (उपन्यास) | गिरिराज किशोर | 2000 ई० |
आलोचना का पक्ष (आलोचना) | रमेश चंद्र शाह | 2001 |
पृथ्वी का कृष्ण पक्ष (काव्य) | कैलाश वाजपेयी | 2002 ई० |
आवां (उपन्यास) | चित्रा मुद्गल | 2003 ई० |
कठगुलाब (उपन्यास) | मृदुला गर्ग | 2004 ई० |
कथा सतीसर (उपन्यास) | चंद्रकांता | 2005 ई० |
कवित का अर्थात (आलोचना) | परमानंद श्रीवास्तव | 2006 ई० |
समय-सरगम (उपन्यास) | कृष्णा सोबती | 2007 ई० |
एक कहानी यह भी (आत्मकथा) | मन्नू भंडारी | 2008 ई० |
इन्हीं हथियारों से (उपन्यास) | अमरकांत | 2009 ई० |
फिर भी कुछ रह जाएगा (काव्य) | विश्वनाथ तिवारी | 2010 ई० |
आम के पत्ते (काव्य) | राम दरश मिश्र | 2011 ई० |
न भूतो न भविष्यति (उपन्यास) | नरेंद्र कोहली | 2012 ई० |
व्योमकेश दरवेश (जीवनी) | विश्वनाथ त्रिपाठी | 2013 ई० |
प्रेमचंद कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन (आलोचना) | कमल किशोर गोयनका | 2014 ई० |
क्षमा (काव्य) | सुनीता जैन | 2015 ई० |
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी साहित्यकार
रचना | साहित्यकार | वर्ष |
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चिदंबरा | पंत | 1968 ई० (4 वां) |
उर्वशी | 'दिनकर' | 1972 ई० (8 वां) |
कितनी नावों में कितनी बार | 'अज्ञेय' | 1978 ई० (14 वां) |
यामा | महादेवी वर्मा | 1982 ई० (18 वां) |
सम्पूर्ण साहित्य | नरेश मेहता | 1992 ई० (28 वां) |
सम्पूर्ण साहित्य | निर्मल वर्मा (पंजाबी लेखक गुरदयाल सिंह के साथ संयुक्त रूप से) | 1999 ई० (35 वां) |
सम्पूर्ण साहित्य | कुँवर नारायण | 2005 ई० (41 वां) |
सम्पूर्ण साहित्य | अमरकांत एवं श्रीलाल शुक्ल | 2009 ई० (45 वां) |
सम्पूर्ण साहित्य | केदारनाथ सिंह | 2013 ई० (49 वां) |
नोट : वर्ष 1984 ई० के बाद यह पुरस्कार लेखक के समग्र योगदान पर दिया जाने लगा है।