सामासिक पदों की सूची


सामासिक पदों की सूची

विशेषणोभयपदकर्मधारय

पद विग्रह पद विग्रह
नीलपीत नीला-पीला (दोनों मिले) कृताकृत किया-बेकिया
शीतोष्ण शीत-उष्ण (दोनों मिले) कहनी-अनकहनी कहना-न-कहना

विशेष्योभयपदकर्मधारय

पद विग्रह पद विग्रह
आम्रवृक्ष आम्र है जो वृक्ष वायसदम्पति वायस है जो दम्पति

उपमानकर्मधारय

पद विग्रह पद विग्रह
विद्युद्वेग विद्युत के समान वेग शैलोत्रत शैल के समान उत्रत
कुसुमकोमल कुसुम के समान कोमल घनश्याम घन-जैसा श्याम
लौहपुरुष लोहे के समान पुरुष (कठोर)

उपमितकर्मधारय

पद विग्रह पद विग्रह
चरणकमल चरण कमल के समान मुखचन्द्र मुख चन्द्र के समान
अधरपल्लव अधर पल्लव के समान नरसिंह नर सिंह के समान
पद पंकज पद पंकज के समान

रूपकर्मधारय

पद विग्रह पद विग्रह
पुरुषरत्न पुरुष ही है रत्न भाष्याब्धि भाष्य ही है अब्धि
मुखचन्द्र मुख ही है चन्द्र पुत्ररत्न पुत्र ही है रत्न

द्विगुकर्मधारय (समाहारद्विगु)

पद विग्रह पद विग्रह
त्रिभुवन तीन भुवनों का समाहार त्रिकाल तीन कालों का समाहार
चवत्री चार आनों का समाहार नवग्रह नौ ग्रहों का समाहार
त्रिगुण तीन गुणों का समूह पसेरी पाँच सेरों का समाहार
अष्टाध्यायी अष्ट अध्यायों का समाहार त्रिपाद तीन पादों का समाहार
पंचवटी पाँच वटों का समाहार त्रिलोक, त्रिलोकी तीन लोकों का समाहार
दुअत्री दो आनों का समाहार चौराहा चार राहों का समाहार
त्रिफला तीन फलों का समाहार नवरत्न नव रत्नों का समाहार
सतसई सात सौ का समाहार पंचपात्र पाँच पात्रों का समाहार
चतुर्वेद चार वेदों का समाहार

उत्तरपदप्रधानद्विगु

पद विग्रह पद विग्रह
दुपहर दूसरा पहर शतांश शत (सौवाँ) अंश
पंचहत्थड़ पाँच हत्थड़ (हैण्डिल) पंचप्रमाण पाँच प्रमाण (नाप)
दुसूती दो सूतोंवाला दुधारी दो धारोंवाली (तलवार)

बहुव्रीहि (समानाधिकरणबहुव्रीहि)

पद विग्रह पद विग्रह
प्राप्तोदक प्राप्त है उदक जिसे दत्तभोजन दत्त है भोजन जिसे
पीताम्बर पीत है अम्बर जिसका जितेन्द्रिय जीती है इन्द्रियाँ जिसने
निर्धन निर्गत है धन जिससे मिठबोला मीठी है बोली जिसकी (वह पुरुष)
चौलड़ी चार है लड़ियाँ जिसमें (वह माला) चतुर्भुज चार है भुजाएँ जिसकी
दिगम्बर दिक् है अम्बर जिसका सहस्त्रकर सहस्त्र है कर जिसके
वज्रदेह वज्र है देह जिसकी लम्बोदर लम्बा है उदर जिसका
दशमुख दश है मुख जिसके गोपाल वह जो, गौ का पालन करे
सतसई सात सौ का समाहार पंचपात्र पाँच पात्रों का समाहार
चतुर्वेद चार वेदों का समाहार

व्यधिकरणबहुव्रीहि

पद विग्रह पद विग्रह
शूलपाणि शूल है पाणि में जिसके चन्द्रभाल चन्द्र है भाल पर जिसके
वीणापाणि वीणा है पाणि में जिसके चन्द्रवदन चन्द्र है वदन पर जिसके

तुल्ययोग या सहबहुव्रीहि

पद विग्रह पद विग्रह
सबल बल के साथ है जो सपरिवार परिवार के साथ है जो
सदेह देह के साथ है जो सचेत चेत (चेतना) के साथ है जो

व्यतिहारबहुव्रीहि

पद विग्रह पद विग्रह
मुक्कामुक्की मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई लाठालाठी लाठी-लाठी से जो लड़ाई हुई
डण्डाडण्डी डण्डे-डण्डे से जो लड़ाई हुई

प्रादिबहुव्रीहि

पद विग्रह पद विग्रह
बेरहम नहीं है रहम जिसमें निर्जन नहीं है जन जहाँ

द्वन्द्व इतरेतरद्वन्द्व

पद विग्रह पद विग्रह
धर्माधर्म धर्म और अधर्म भलाबुरा भला और बुरा
गौरीशंकर गौरी और शंकर सीताराम सीता और राम
लेनदेन लेन और देन देवासुर देव और असुर
शिवपार्वती शिव और पार्वती पापपुण्य पाप और पुण्य भातदाल भात और दाल
देशविदेश देश और विदेश भाईबहन भाई और बहन
हरिशंकर हरि और शंकर धनुर्बाण धनुष और बाणा

समाहारद्वन्द्व

पद विग्रह पद विग्रह
रुपया-पैसा रुपया-पैसा वगैरह घर-आँगन घर-आँगन वगैरह (परिवार)
घर-द्वार घर-द्वार वगैरह (परिवार) नाक-कान नाक-कान वगैरह
नहाया-धोया नहाया और धोया आदि कपड़ा-लत्ता कपड़ा-लत्ता वगैरह

वैकल्पिकद्वन्द्व

पद विग्रह पद विग्रह
पाप-पुण्य पाप या पुण्य भला-बुरा भला या बुरा
लाभालाभ लाभ या अलाभ धर्माधर्म धर्म या अधर्म
थोड़ा-बहुत थोड़ा या बहुत ठण्डा-गरम ठण्डा या गरम