| संस्कृत काव्यशास्त्र |
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| रस-संप्रदाय |
भरत मुनि |
| अलंकार-संप्रदाय |
भामह, मम्मट |
| रीति-संप्रदाय |
दण्डी, वामन |
| ध्वनि-संप्रदाय |
आनंदवर्धन |
| वक्रोक्ति-संप्रदाय |
कुन्तक |
| औचित्य-संप्रदाय |
क्षेमेन्द्र |
| हिन्दी काव्यशास्त्र |
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| रीतिवाद |
केशवदास (शुक्ल के अनुसार चिंतामणि) |
| स्वच्छंदतावाद |
श्रीधर पाठक |
| छायावाद |
जय शंकर प्रसाद |
| हालावाद |
हरिवंश राय 'बच्चन' |
| प्रयोगवाद |
'अज्ञेय' |
| प्रपद्यवाद या नकेनवाद |
नलिन विलोचन शर्मा, केसरी कुमार, नरेश |
| मांसलवाद |
रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' |
| कैप्सूलवाद
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ओंकार नाथ त्रिपाठी |
| पाश्चात्य काव्यशास्त्र |
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| औदात्यवाद |
लोंजाइनस (3 री सदी ई०) |
| अस्तित्ववाद |
सॉरेन कीर्कगार्द (1813-55) |
| मार्क्सवाद |
कार्ल मार्क्स (1818-83) |
| मनोविश्लेषणवाद |
फ्रायड (1856-1939 ई०) |
| प्रतीकवाद |
जीन मोरियस (1856-1910) |
| अभिव्यंजनावाद |
बेनदेतो क्रोचे (1866-1952) |
| बिम्बवाद |
टी० ई० हयूम (1883-1917) |