नरेन्द्र दामोदरदास मोदी स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। नरेन्द्र मोदी का 26 मई 2014 से भारत के 15वें प्रधानमंत्री का कार्यकाल राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित शपथ ग्रहण के पश्चात प्रारम्भ हुआ। मोदी के साथ 45 अन्य मन्त्रियों ने भी समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्वक सफलता प्राप्त की।
एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (7 अक्टूबर, 2001 से 20 मई, 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना।
नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर, 1950 को गुजरात के एक छोटे कस्बे वड़नगर में दामोदर दास मूलचंद मोदी और हीराबेन के यहाँ हुआ था। नरेन्द्र मोदी 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर की संतान हैं। नरेन्द्र मोदी के पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजर रहे सैनिक को चाय पिलाई। नरेन्द्र मोदी बचपन में आम बच्चों से बिलकुल अलग थे। वह ऐसे गरीब परिवार में पले-बढ़े जो एक रुपए भी नहीं बच पाता था।
जीवन की आरंभिक कठिनाइयों ने उन्हें न सिर्फ कठोर परिश्रम के मूल्य की समझ दी बल्कि इसके साथ ही आम लोगों की पीड़ा समझने का मौका भी दिया। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अंत्योदय अर्थात अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा करने के सिद्धांत का अनुकरण करते हुए जीवन जिया है। उन्होंने छोटी उम्र से ही देशभक्त संस्थाओं के साथ काम कर अपने आपको देश सेवा में समर्पित कर दिया।वे एक ऐसे 'जन नेता' है, जो लोगों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। नरेन्द्र मोदी के लिए इससे सुखद और कुछ नहीं कि वे आम लोगों के बीच रहें, उनकी खुशहाली देखें और उनके दुखों को दूर करें। उनकी मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति, जहाँ वे भारत के एक ऐसे सर्वाधिक प्रौद्योगिकी मूलक सोच रखने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं जो प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल लोगों से जुड़ने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए करते हैं। वे फेसबुक, टिवटर, गूगल और अन्य मंचों सहित सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
नरेन्द्र मोदी का एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है जो मजबूत, खुशहाल और समावेशी हो और जहाँ प्रत्येक भारतीय अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को फलीभूत होते हुए देख सकता हो। नरेन्द्र मोदी ने चौथी बार पश्चिमी राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भारत और विश्वभर में अपनी छाप छोड़ी है। इस राज्य में वह जनहितैषी सुशासन द्वारा लोगों के जीवन में भारी बदलाव लाए, जहाँ सरकार ने सादगी और ईमानदारी से लोगों की सेवा की। उन्होंने विनाशकारी भूकंप के दुष्परिणामों से जूझ रहे गुजरात की कायापलट की और उसे विकास में अग्रणी बनाया जिसने भारत के सर्वागीण विकास में मजबूत योगदान दिया। हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व संभालने वाले और गुजरात के चहुँमुखी विकास के लिए काम करने वाले श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यभर में बड़ा बुनियादी ढांचा तैयार किया।
नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित तीन महीने का कोर्स किया है। नरेन्द्र मोदी अपने आप को एक लेखक और कवि मानते हैं। उन्होंने गुजराती भाषा में हिंदुत्व से संबंधित कई लेख भी लिखे हैं। मोदी महान विचारक और युवा दार्शनिक संत स्वामी विवेकानन्द से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने गुजरात में विवेकानंद युवा विकास यात्रा निकाली थी। नरेन्द्र मोदी शाकाहारी हैं। उन्होंने सिगरेट, शराब को कभी हाथ नहीं लगाया। नरेन्द्र मोदी छोटी-छोटी बातों का भी बहुत ध्यान रखते हैं। जैसे भाषण से पहले उसकी तैयारी करना, बालों, कपड़ों की स्टाइल नरेन्द्र मोदी समय के बड़े पाबंद हैं। नरेन्द्र मोदी सिर्फ साढ़े तीन घंटे की नींद लेते हैं, वे सुबह 5.30 बजे उठ जाते हैं।
नरेन्द्र मोदी स्वभाव से आशावादी व्यक्ति हैं। एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि लोगों को आधा गिलास पानी से भरा नजर आता है, लेकिन मुझे आधा गिलास पानी और आधा हवा से भरा नजर आता है। नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई देशों की यात्राएँ की जिनमें चीन प्रमुख हैं। उन्होंने चीन के विकास को बहुत करीब से देखा। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित कर देश और विदेश के उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित किया। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्रांड एम्बेसडर बनाया।
अमिताभ बच्चन ने इसके बदले एक पैसा भी नहीं लिया। बंगाल के सिंगूर में टाटा के नैनो कार के प्लांट के विरोधी के बाद नरेन्द्र मोदी ने टाटा को एक मैसेज देकर उन्हें गुजरात में प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया-वेलकम टू गुजरात।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में- गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिए बहुत सारी योजनाएं क्रियान्वित की हैं, जिनसे राज्य के लोगों को लाभ मिलता है।
सुजलाम सुफलाम- यह जल और उसके स्रोतों से संबंधित योजना है और इसके तहत राज्य में जलस्रोतों को समुचित और समेकित विकास की ओर आगे बढ़ाया जाए ताकि जल की बर्बादी को रोका जा सके।
कृषि महोत्सव- राज्य में उपजाऊ भूमि के लिए शोध प्रयोगशालाओं की योजना को इस नाम से जाना जाता है।
चिरंजीवी योजना- राज्य में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए यह योजना चलाई जाती हैं।
मातृ-वंदना- राज्य में बच्चा-बच्चा के कल्याण के लिए बनाई गई योजना को यह नाम दिया गया है।
बेटी बचाओ- उपरोक्त दो योजनाओं की तरह सामाजिक कल्याण की यह तीसरी योजना भी भ्रूण हत्या को समाप्त करने और लिंगानुपात पर अंकुश लगाने के लिए क्रियान्वित की जाती है।
ज्योति ग्राम- राज्य के प्रत्येक गांव में बिजली पहुँचाने की योजना की ज्योति ग्राम के नाम से जाना जाता है।
कर्मयोगी अभियान- सरकारी कर्मचारियों में कर्तव्य पालन का भाव जगाने के लिए यह योजना चलाई जाती है।
कन्या कलावाणी योजना- समूचे राज्य में महिलाओं में साक्षरता की दर बढ़ाने और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह योजना क्रियान्वित की जाती है।
बालभोग योजना- निर्धन बच्चों को स्कूल में दोपहर का भोजन देने की योजना को यह नाम दिया गया है।
वन बंधु विकास कार्यक्रम- इन कार्यक्रमों के अलावा राज्य में आदिवासी व वनवासी क्षेत्रों में यह योजना चलाई जाती है ताकि समाज के इस वर्ग का भी विकास हो सके।
पारदर्शिता उन्मुखी- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह दृढ विश्वास है कि पारदर्शिता और जवाबदेही किसी भी जनहितैषी सरकार के दो आधार स्तम्भ हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही न केवल लोगों को और करीब लाकर सरकार से जोड़ते हैं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें समान रूप से अहम भागीदार भी बनाते है। मुख्यमंत्री के रूप में अपने 4 कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खुले और पारदर्शी शासन के प्रति अपनी दृढ प्रतिबद्धता दिखाई। नियम और नीतियाँ ऐसी चैम्बरों में बैठकर नहीं, बल्कि लोगों के बीच जाकर बनाई गई। लोगों के लिए नीतियों के मसौदे ऑनलाइन किए गए ताकि वे अपनी प्रतिक्रियाएँ और सुझाव दे सकें। इसके साथ ही 'गरीब कल्याण मेलों' जैसी पहले की गई ताकि लाल फीताशाही के बगैर विकास के लाभ गरीबों तक सीधे पहुँच सकें।
एक और उदाहरण 'वन-डे गवर्नेस' मॉडल है जिसमें ई-गवर्नेस बुनियादी ढांचे के जरिए नागरिकों को समयबद्ध सेवाएँ प्रदान करने पर जोर दिया जाता है। इसका मुख उद्देश्य सिटीजन चार्टर के तहत सरकार की ओर से नागरिकों को सेवाएं प्रदान करना हैं। पारदर्शिता लाने के प्रति उनका दृढ संकल्प और उसे पूरा करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, भारत के लोगों के लिए एक खुली, पारदर्शी और जन-केन्द्रित सरकार के युग की शुरुआत को दर्शाता है।