(Sandhi Viched)- संधि विच्छेद


(म )

मुनीन्द्र=मुनि+इन्द्र महीन्द्र=मही +इन्द्र
मृण्मय=मृत्+मय मातृण=मातृ+ऋण
महोर्मि=महा+ऊर्मि मतैक्य=मत+ऐक्य
महौज=महा+ओज मन्वन्तर=मनु+अन्तर
महार्णव=महा+अर्णव मनोयोग=मनः+योग
महौषध=महा+औषध मध्वासव=मधु+आसव
मृगेन्द्र=मृग+इन्द्र मनोऽनुकूल=मनः+अनुकूल
महेश्र्वर=महा+ईश्र्वर महेन्द्र=महा+इन्द्र
देव्यर्पण=देवी+अर्पण मंगलाकार= मंगल + आकार
मत्स्याकार = मत्स्य + आकार मध्यावकाश = मध्य + अवकाश
महोदय= महा + उदय मतानुसार= मत + अनुसार
महर्षि= महा + ऋषि महोत्सव= महा + उत्सव
मरणोत्तर = मरण+उत्तर मदांध= मद+अंध
महत्वाकांक्षा= महत्व+आकांक्षा मनोगत= मनः+गत
महेश= महा+ईश मनोविकार= मनः+विकार
महाशय= महा+आशय मनोज= मनः+ज
मनोरथ=मनः +रथ मनोहर= मनः+हर
मनोभाव= मनः+भाव महर्षि= महा+ऋषि
महैश्र्वर्य= महा+ऐश्र्वर्य मनोबल= मनः+बल
मकराकृत= मकर + आकृत मतैक्ता= मत + एकता
मनस्पात= मनः + ताप मनोरंजन= मनः + रंजन
मनोवैज्ञानिक= मनः + वैज्ञानिक मनोऽनुसार= मनः + अनुसार
मनोनीत= मनः + नीत मनोऽवधान= मनः + अवधान
महच्छत्र= महत् + छत्र महात्मा= महा + आत्मा
महत्व= महत् + त्व महदोज= महत् + ओज
महीश्वर= मही + ईश्वर महालाभ= महान + लाभ
महोरु= महा + ऊरु महौज= महा + ओज
महौदार्य= महा + औदार्य महौषधि= महा + औषधि
मायाधीन= माया + अधीन मातृऋण= मातृ + ऋण
मात्रानन्द= मातृ + आनन्द मुनीश्वर= मुनि + ईश्वर
मन्त्रोच्चारण= मंत्र + उत् + चारण महामात्य= महा + अमात्य

(य )

यथेष्ट= यथा + इष्ट यद्यपि= यदि + अपि
यशोऽभिलाषी= यशः+अभिलाषी योजनावधि = योजन + अवधि
युगानुसार= युग+अनुसार यथोचित = यथा +उचित
यशइच्छा=यशः +इच्छा यशोदा =यशः+दा
युधिष्ठिर =युधि+स्थिर यशोधरा=यशः+धरा
यशोधन=यशः+धन यवनावनि= यवन + अवनि
यज्ञ= यज + न यशोलाभ= यशः + लाभ
योऽसि= यो + असि

( र, ल )

रत्नाकर= रत्न+आकर राजर्षि= राज+ऋषि
रहस्योदघाटन = रहस्य + उद्घाटन राज्यगार= राज्य + आगार
राज्याभिषेक= राज्य + अभिषेख रमेश =रमा+ईश
रामायण=राम +अयन रवींद्र= रवि+इंद्र
रजकण= रजः + कण रसातल= रसा + अतल
रसास्वादन= रस + आस्वादन राजाज्ञा= राजा + आज्ञा
रामावतार= राम + अवतार रुद्रावतार= रूद्र + अवतार
रेखांश= रेखा + अंश रसायन= रस + अयन
रहस्याधिकारी= रहस्य + अधिकारी लक्ष्मीश= लक्ष्मी + ईश
लोकोक्ति = लोक + उक्ति लघूर्मि=लघु+ऊर्मि
लोकोत्तर= लोक + उत्तर लोकोपकार= लोक + उपकार
लम्बोदर= लम्ब + उदर

( व )

वागीश= वाक्+ईश वीरांगणा= वीर+अंगना
वाग्जाल= वाक्+जाल विपज्जाल= विपद्+जाल
व्युत्पत्ति=वि+उत्पत्ति व्यर्थ=वि +अर्थ
विद्योत्रति=विद्या+उत्रति वयोवृद्ध=वयः+वृद्ध
व्याप्त=वि +आप्त बहिष्कार=बहिः+कार
विद्यालय = विद्या + आलय विद्याध्ययन= विद्या + अध्ययन
विद्दोत्मा = विद्या + उत्तमा वधूत्सव =वधू +उत्सव
व्ययामादी= व्यायाम + आदि व्यायाम=वि +आयाम
वसुधैव=वसुधा +एव व्याकुल=वि +आकुल
विद्यार्थी= विद्या+अर्थी विषम=वि+सम
विधूदय=विधु+उदय वनौषधि=वन+ओषधि
वधूत्सव=वधू+उत्सव वधूर्जा=वधू+ऊर्जा
वधूल्लेख=वधू+उल्लेख वध्वैश्र्वर्य=वधू + ऐश्र्वर्य
वधूर्मिका= वधू + उर्मिका वनस्पति= वनः + पति
व्यस्त= वि + अस्त व्यवहार= वि + अवहार
व्यभिचार= वि + अभिचार व्यापकता= वि + आपकता
व्यापी= वि + आपी व्यापक= वि + आपक
वार्तालाप= वार्ता + आलाप वातावरण= वात + आवरण
वाग्रोध= वाक् + रोध वारीश= वारि + ईश
वाग्दान= वाक् + दान विच्छेद= वि + छेद
विद्योपदेश= विद्या + उपदेश विन्यास= वि + नि + आस
विमलोदक= विमल + उदक विपल्लीन= विपद् + लीन
विश्वामित्र= विश्व + अमित्र वधूचित= वधू + उचित
विस्मरण= वि + स्मरण वृद्धावस्था= वृद्ध + अवस्था
वृक्षच्छाया= वृक्ष + छाया वृहदाकार= वृहत् + आकार
विशेषोन्मुख= विशेष + उन्मुख विरुदावली= विरुद + अवली